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गोपालगंज में 5 की संदिग्ध मौत का मामला, JDU ने BJP पर लगाया इलाज की पर्ची में फर्जीवाड़ा करने का आरोप

गोपालगंज में 5 लोगों की संदिग्ध मौत को लेकर सियासी बवाल छिड़ गया है. इस मसले पर जेडीयू ने डीएम एसपी से मिलकर बीजेपी पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने जांच की डिमांड की, वहीं बीजेपी जेडीयू पर हमलावर है और कह रही है कि इस घटना में खुद सरकार और प्रशासन जिम्मेदार है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 25, 2023, 5:33 PM IST


गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में पांच लोगों की संदिग्ध मौत के बाद पक्ष और विपक्ष खुलकर आमने सामने हो गये हैं. एक ओर जहां विपक्ष रोज नए नए खुलासे कर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर सत्तापक्ष साजिश रचने का आरोप लगा रहा है. दरअसल, इस संदर्भ में बैकुंठपुर के पूर्व विधायक व जदयू के प्रदेश प्रवक्ता मंजीत सिंह ने भाजपा पर मृतक के इलाज की पर्ची में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है.

जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता मंजीत सिंह ने बैकुंठपुर के पूर्व विधायक व बीजेपी के प्रदेश महामंत्री मिथिलेश तिवारी के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा है कि ''जिस मरीज सुरेश राम की मौत 'फूड प्वाइजनिंग' से हुई थी. उसके इलाज की पर्ची में हेरफेर कर 'अल्कोहलिक पॉइजनिंग' किया गया है. बैकुंठपुर सीएचसी में फ़ूड प्वाइजनिंग से बीमार व्यक्ति सुरेश राम को भर्ती कराया गया था. जहां सीएचसी की पर्ची में इसका जिक्र है.''

वायरल प्रिस्क्रिप्शन पर सियासी बवाल : अस्पताल के द्वारा 'फूड प्वाइजनिंग' को लेकर ही इलाज की गई थी. लेकिन इसी इलाज की पर्ची को भाजपा नेता ने 'फूड प्वाइजनिंग' में हेर फेर कर 'अल्कोहलिक प्वाइजनिंग' कर सरकार और जिला प्रशासन के ऊपर आरोप लगाए हैं. मंजीत सिंह ने कहा कि इस पर्ची में फर्जीवाड़ा कर सरकार को बदनाम करने को लेकर साजिश की गई है. इस आरोप को लेकर जदयू प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने शुक्रवार की देर शाम डीएम और एसपी से मुलाकात की. साथ ही इस मामले की जांच की मांग की.

दोनों दलों ने दी एक दूसरे को चुनौती : जेडीयू ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में फर्जीवाड़ा सही पाए जाने पर भाजपा नेता पर सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज की जाए. जबकि भाजपा ने कहा कि जहरीली शराब से मौत की साजिश बीजेपी नहीं बल्कि जिला प्रशासन और नीतीश सरकार रच रही है. बीजेपी के पूर्व विधायक व प्रदेश महामंत्री मिथिलेश तिवारी ने जदयू से सवाल करते हुए कहा कि वे चुनौती देते हैं कि अगर बीजेपी साजिश रच रही है, तो डीएम और एसपी सामने आएं और यह खुलकर बताएं कि भाजपा के द्वारा यह जहरीली शराब से मौत की साजिश की जा रही है.

''जहरीली शराब से मौत के लिए नीतीश सरकार जिम्मेदार है. सरकार का शराब बंदी कानून है. इस कानून की पोल खुल गयी है. मैं जदयू के नेताओं को नसीहसत देना चाहता हूं कि झूठ बोलना बंद करिए. जांच कराकर एफआईआर कराने की धमकी देते हैं तो एफआईआर कराकर देख लीजिए. भाजपा के कार्यकर्ता हैं, डरने वाले नहीं है. ऐसा आंदोलन खड़ा करेंगे की मिजाज ठीक हो जाएगा. इसलिए इस मामले को लीपापोती करना बंद करिए.''- मिथिलेश तिवारी, प्रदेश महासचिव, बीजेपी

क्या है मामला ? : गौरतलब है कि गोपालगंज में 5 लोगों की संदिग्ध मौत के बाद अस्पताल के इलाज की एक पर्ची वायरल हो रही है. जिसमें अल्कोहल प्वाइजनिंग का केस डॉक्टर द्वारा लिखा गया था. इसी को आधार बनाकर बीजेपी सरकार पर निशाना साध रही है. बीजेपी का आरोप है कि पहले की पर्ची कुछ और थी और दूसरी पर्ची को दबाव में बदला गया है. हालांकि इस मसले पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से एक लेटर भी जारी हुआ था जिसमें उक्त वायरल पर्ची को गलत बताया गया है.

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गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में पांच लोगों की संदिग्ध मौत के बाद पक्ष और विपक्ष खुलकर आमने सामने हो गये हैं. एक ओर जहां विपक्ष रोज नए नए खुलासे कर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर सत्तापक्ष साजिश रचने का आरोप लगा रहा है. दरअसल, इस संदर्भ में बैकुंठपुर के पूर्व विधायक व जदयू के प्रदेश प्रवक्ता मंजीत सिंह ने भाजपा पर मृतक के इलाज की पर्ची में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है.

जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता मंजीत सिंह ने बैकुंठपुर के पूर्व विधायक व बीजेपी के प्रदेश महामंत्री मिथिलेश तिवारी के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा है कि ''जिस मरीज सुरेश राम की मौत 'फूड प्वाइजनिंग' से हुई थी. उसके इलाज की पर्ची में हेरफेर कर 'अल्कोहलिक पॉइजनिंग' किया गया है. बैकुंठपुर सीएचसी में फ़ूड प्वाइजनिंग से बीमार व्यक्ति सुरेश राम को भर्ती कराया गया था. जहां सीएचसी की पर्ची में इसका जिक्र है.''

वायरल प्रिस्क्रिप्शन पर सियासी बवाल : अस्पताल के द्वारा 'फूड प्वाइजनिंग' को लेकर ही इलाज की गई थी. लेकिन इसी इलाज की पर्ची को भाजपा नेता ने 'फूड प्वाइजनिंग' में हेर फेर कर 'अल्कोहलिक प्वाइजनिंग' कर सरकार और जिला प्रशासन के ऊपर आरोप लगाए हैं. मंजीत सिंह ने कहा कि इस पर्ची में फर्जीवाड़ा कर सरकार को बदनाम करने को लेकर साजिश की गई है. इस आरोप को लेकर जदयू प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने शुक्रवार की देर शाम डीएम और एसपी से मुलाकात की. साथ ही इस मामले की जांच की मांग की.

दोनों दलों ने दी एक दूसरे को चुनौती : जेडीयू ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में फर्जीवाड़ा सही पाए जाने पर भाजपा नेता पर सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज की जाए. जबकि भाजपा ने कहा कि जहरीली शराब से मौत की साजिश बीजेपी नहीं बल्कि जिला प्रशासन और नीतीश सरकार रच रही है. बीजेपी के पूर्व विधायक व प्रदेश महामंत्री मिथिलेश तिवारी ने जदयू से सवाल करते हुए कहा कि वे चुनौती देते हैं कि अगर बीजेपी साजिश रच रही है, तो डीएम और एसपी सामने आएं और यह खुलकर बताएं कि भाजपा के द्वारा यह जहरीली शराब से मौत की साजिश की जा रही है.

''जहरीली शराब से मौत के लिए नीतीश सरकार जिम्मेदार है. सरकार का शराब बंदी कानून है. इस कानून की पोल खुल गयी है. मैं जदयू के नेताओं को नसीहसत देना चाहता हूं कि झूठ बोलना बंद करिए. जांच कराकर एफआईआर कराने की धमकी देते हैं तो एफआईआर कराकर देख लीजिए. भाजपा के कार्यकर्ता हैं, डरने वाले नहीं है. ऐसा आंदोलन खड़ा करेंगे की मिजाज ठीक हो जाएगा. इसलिए इस मामले को लीपापोती करना बंद करिए.''- मिथिलेश तिवारी, प्रदेश महासचिव, बीजेपी

क्या है मामला ? : गौरतलब है कि गोपालगंज में 5 लोगों की संदिग्ध मौत के बाद अस्पताल के इलाज की एक पर्ची वायरल हो रही है. जिसमें अल्कोहल प्वाइजनिंग का केस डॉक्टर द्वारा लिखा गया था. इसी को आधार बनाकर बीजेपी सरकार पर निशाना साध रही है. बीजेपी का आरोप है कि पहले की पर्ची कुछ और थी और दूसरी पर्ची को दबाव में बदला गया है. हालांकि इस मसले पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से एक लेटर भी जारी हुआ था जिसमें उक्त वायरल पर्ची को गलत बताया गया है.

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