गोपालगंजः जिले के मशहूर राज घरानों में एक हथुआ राज ने विजयदशमी के दिन अपनी पुरानी परंपरा निभाई. राज घराने ने महाराजा महादेव आश्रम प्रसाद शाही की प्रतिमा को पारंपरिक तरीके से शहर में घुमाया. हाथी-घोडे़ और गाजे-बाजे के साथ प्रतिमा यात्रा शुरू हुई.
राजतंत्र के जमाने में हथुआ राज भारत का एक प्रमुख राज हुआ करता था. परंपरा है कि विजयदशमी के दिन आखिरी राजा महादेव आश्रम प्रसाद शाही की विशाल तस्वीर को प्राचीनतम बग्गी पर रखकर घुमाई जाती है. इसके बाद ये यात्रा गोपाल मंदिर और ऐतिहासिक शीशमहल होकर अपने पैलेस में लौट जाती है.
आकर्षण का केंद्र है प्राचीन बग्घी
राजघराने की पुरानी बग्घी से यात्रा शुरू की जाती है. हथुआ राज के वंशज महाराज मृगेंद्र प्रताप शाही ने बताया कि यह कई साल पुरानी परंपरा है जिसे वह आज भी निभाते आ रहे हैं. विजयादशमी के दिन शस्त्रों की पूजा भी होती है. उन्होंने बताया कि इससे पहले राजा-महाराजा पूरे क्षेत्र में भ्रमण कर प्रजा की तकलीफों को सुनते थे.
राज घराने की शोभा है ये नीलकंठ
इस अवसर पर हथुआ के विभिन्न क्षेत्रों से लोगों को सम्मानित कर उन्हें पगड़ी पहनाई जाती है. वैभव का प्रतीक माने जाने वाले पक्षी नीलकंठ का दर्शन भी हथुवा राज परिवार कराता है. उसे देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ लगती है.