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गोपालगंजः 3 साल में 1 लाख 53 हजार लीटर शराब बरामद, 1 हजार 663 लोग गिरफ्तार

लोगों का कहना है कि शराबबंदी कानून सिर्फ कागजों पर ही है. लगातार शराब की खेप बरामद होना यह जाहिर करता है कि राज्य में शराबबंदी कानून का कोई असर नहीं हो रहा है.

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Published : Jun 7, 2019, 7:20 PM IST

शराब की खेप

गोपालगंजः सूबे में शराबबंदी कानून प्रभावी होने के बाद से इसे पीना और बेचना दोनों अपराध है. इसके बावजूद सूबे में शराब, दूध की तरह गली-गली में बिक रही है या फिर इसकी तस्करी की जा रही है. गोपालगंज भी शराब तस्करी मामले में पीछे नहीं है.

आए दिन यहां भारी मात्रा में उत्पाद विभाग की टीम छापेमारी कर लगातार शराब की बड़ी खेप बरामद करती रही है. आंकड़ों पर गौर करें तो जबसे शराबबंदी लागू हुआ है तब से लेकर आज तक गोपालगंज जिले में उत्पाद विभाग की टीम ने 1 लाख 53 हजार लीटर शराब बरामद किया है. वहीं 1663 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. जिनमें से 1349 लोगों को बेल मिल चुकी है.

शराबबंदी कानून सिर्फ कागजों पर
इन सब के बावजूद शराब की तस्करी धड़ल्ले से चल रही है. अब ऐसे में सवाल यह उठता है की सीएम द्वारा लागू की गई शराब बंदी कानून 3 साल के बाद भी कारगर क्यों नही हो पाई? वहीं शराबबंदी के मामले में जिले के समाजसेवी अनूप कुमार ने बताया कि शराबबंदी कानून सिर्फ कागजों पर ही है. यहां आज भी बड़ी खेप बरामद होना यह साफ जाहिर करता है कि राज्य में शराबबंदी कानून का कोई असर नहीं हो रहा है. जिसके कारण देसी-विदेशी शराब का कारोबार जिले में फल-फूल रहा है.

कैसे तस्करी पर लगेगा अंकुश?
अनूप कुमार ने बताया कि कई इलाकों में शराब का निर्माण भी लगातार जारी है. पुलिस शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करती है. लेकिन शराब कारोबारी अपने मंसूबों में कामयाब हो रहा है. उन्होंने बताया कि सिर्फ कानून बनाने से ही इसपर रोक नहीं लग सकती, बल्कि उसे सख्ती से पालन करना और कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के बाद ही तस्करी पर अंकुश लग पाएगा. इसके लिए जागरूकता अभियान और समाज के लोगों के लिए समय-समय पर कार्यशाला का आयोजन कर लोगों को जागरूक करना होगा.

शराबबंदी के बाद भी तस्करी जारी

पिछले दिनों 388 कार्टन शराब बरामद
गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले बलथरी चेक पोस्ट पर उत्पाद विभाग की टीम ने ट्रक पर लदे भूसी के बोरी में छिपाया हुआ 388 कार्टन शराब बरामद किया था. इससे पहले टूरिस्ट बस में भी 233 बोतल शराब की बरामदगी हुई थी. साथ ही कई जगह उत्पाद विभाग की टीम छापेमारी कर भारी मात्रा में शराब की बरामदगी करती रही है. लेकिन जिस तरह प्रतिदिन किसी न किसी थाना क्षेत्र से शराब की बरामदगी होती है, उससे कहीं-न-कहीं पुलिस पर सवालिया निशान खड़ा होता है.

gopalganj
शराब की खेप

विभाग है सचेत- उत्पाद अधीक्षक
इस संदर्भ में उत्पाद अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि शराब बंदी को सफल बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. जहां भी सूचना मिलती है तत्काल छापेमारी कर शराब की बरामदगी और गिरफ्तारी की जाती है.

गोपालगंजः सूबे में शराबबंदी कानून प्रभावी होने के बाद से इसे पीना और बेचना दोनों अपराध है. इसके बावजूद सूबे में शराब, दूध की तरह गली-गली में बिक रही है या फिर इसकी तस्करी की जा रही है. गोपालगंज भी शराब तस्करी मामले में पीछे नहीं है.

आए दिन यहां भारी मात्रा में उत्पाद विभाग की टीम छापेमारी कर लगातार शराब की बड़ी खेप बरामद करती रही है. आंकड़ों पर गौर करें तो जबसे शराबबंदी लागू हुआ है तब से लेकर आज तक गोपालगंज जिले में उत्पाद विभाग की टीम ने 1 लाख 53 हजार लीटर शराब बरामद किया है. वहीं 1663 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. जिनमें से 1349 लोगों को बेल मिल चुकी है.

शराबबंदी कानून सिर्फ कागजों पर
इन सब के बावजूद शराब की तस्करी धड़ल्ले से चल रही है. अब ऐसे में सवाल यह उठता है की सीएम द्वारा लागू की गई शराब बंदी कानून 3 साल के बाद भी कारगर क्यों नही हो पाई? वहीं शराबबंदी के मामले में जिले के समाजसेवी अनूप कुमार ने बताया कि शराबबंदी कानून सिर्फ कागजों पर ही है. यहां आज भी बड़ी खेप बरामद होना यह साफ जाहिर करता है कि राज्य में शराबबंदी कानून का कोई असर नहीं हो रहा है. जिसके कारण देसी-विदेशी शराब का कारोबार जिले में फल-फूल रहा है.

कैसे तस्करी पर लगेगा अंकुश?
अनूप कुमार ने बताया कि कई इलाकों में शराब का निर्माण भी लगातार जारी है. पुलिस शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करती है. लेकिन शराब कारोबारी अपने मंसूबों में कामयाब हो रहा है. उन्होंने बताया कि सिर्फ कानून बनाने से ही इसपर रोक नहीं लग सकती, बल्कि उसे सख्ती से पालन करना और कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के बाद ही तस्करी पर अंकुश लग पाएगा. इसके लिए जागरूकता अभियान और समाज के लोगों के लिए समय-समय पर कार्यशाला का आयोजन कर लोगों को जागरूक करना होगा.

शराबबंदी के बाद भी तस्करी जारी

पिछले दिनों 388 कार्टन शराब बरामद
गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले बलथरी चेक पोस्ट पर उत्पाद विभाग की टीम ने ट्रक पर लदे भूसी के बोरी में छिपाया हुआ 388 कार्टन शराब बरामद किया था. इससे पहले टूरिस्ट बस में भी 233 बोतल शराब की बरामदगी हुई थी. साथ ही कई जगह उत्पाद विभाग की टीम छापेमारी कर भारी मात्रा में शराब की बरामदगी करती रही है. लेकिन जिस तरह प्रतिदिन किसी न किसी थाना क्षेत्र से शराब की बरामदगी होती है, उससे कहीं-न-कहीं पुलिस पर सवालिया निशान खड़ा होता है.

gopalganj
शराब की खेप

विभाग है सचेत- उत्पाद अधीक्षक
इस संदर्भ में उत्पाद अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि शराब बंदी को सफल बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. जहां भी सूचना मिलती है तत्काल छापेमारी कर शराब की बरामदगी और गिरफ्तारी की जाती है.

Intro:सुबह में शराबबंदी कानून वर्ष 2016 के अप्रैल माह में लागू हुई थी जो अब 3 साल पूरे हो चुके हैं। लेकिन इन 3 सालों में सूबे की कोई ऐसा इलाका नहीं जहां शराब की तस्करी व सेवन न होता हो ऐसे में गोपालगंज जिला शराब तस्करी मामले में अछूता नहीं है। आए दिन यहां भारी मात्रा में उत्पाद विभाग की टीम छापेमारी कर लगातार शराब की बड़ी खेप बरामद करते रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो जबसे शराबबंदी लागू हुआ तब से लेकर आज तक गोपालगंज जिला में उत्पाद विभाग की टीम ने 1लाख 53हजार लीटर शराब बरामद किया। वही 1663 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दी जिसमें 1349 लोग को बेल मिल चुकी है। बावजूद लाल पानी का काला खेल जिले में बदस्तूर जारी है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है की नीतीश कुमार द्वारा लागू की गई शराब बंदी कानून 3 वर्ष बाद भी आखिर कारगर क्यों नही हो पाई। वही शराब बंदी के मामले में जिले के समाजसेवी अनूप कुमार ने बताया कि शराबबंदी कानून सिर्फ कागजों पर ही होती है। यहां आज भी बड़ी खेप बरामद होना यह साफ जाहिर करता है की राज्य में शराबबंदी कानून का कोई असर नहीं हो रहा है। नतिजनतन देसी विदेशी शराब का कारोबार जिले में फल फूल रहा है। कई इलाकों में शराब का निर्माण भी लगातार जारी है।।पुलिस द्वारा लगातार शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। लेकिन शराब कारोबारी अपने मंसूबे में लगातार कामयाब होते रहे है। उन्होंने बताया कि सिर्फ कानून बनाने से ही इसपर रोक नही लग सकती बल्कि उसे सख्ती से पालन करना व कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के बाद ही इस पर अंकुश लग पायेगा।साथ ही इसके लिए जागरूकता व समाज के लोगो के लिए समय समय पर कार्यशाला का आयोजन कर लोगों को जागरूक करना होगा। तभी शराबबंदी कानून सफल हो पाएगी। शराबबंदी के 3 वर्षों के बाद भी शराब तस्करों को रोक पाना पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। बता देगी की सूबे में एक अप्रैल 2016 से शराब बंदी लागू कर दिया गया था। पूरे बिहार में शराब पीने व शराब बेचने के लिए एक अलग कानून बनाए गए। इसके तहत शराब के मामले में पकड़े गए लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने का प्रावधान बनाया गया है बावजूद सख्ती कानून का शराब कारोबारियों पर कोई असर नही पड़ता। अभी कुछ दिन पहले बलथरी चेक पोस्ट पर उत्पाद विभाग की टीम ने ट्रक पर लदे भूसी के बोरी में छिपाया हुआ 388 कार्टून शराब बरामद कर शराब कारोबारी के मंसूबे पर पानी फेरा था।। इसके पूर्व टूरिस्ट बस में भी 233 बोतल शराब की बरामदगी हुई थी। साथ ही कई जगह उत्पाद विभाग की टीम छापेमारी कर भारी मात्रा में शराब की बरामदगी करती रही लेकिन जिस तरह प्रतिदिन किसी न किसी थाना क्षेत्र से शराब के बरामदगी होना कही न कही सवालिया निशान खड़ी होता है। इस संदर्भ में उत्पाद अधीक्षक राकेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम लोग शराब बंदी को सफल बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे है जहां भी सूचना मिलती है शराब मामले की वहां ततकाल छापेमारी कर शराब की बरामदगी व गिरफ्तारी की जाती है।

गोपालगंज जिला में 3 वर्षों के भीतर यानी अप्रैल 2016 से मई 2019 तक उत्पाद विभाग द्वारा की गई कार्रवाई

कुल छापेमारी 8827
गिरफ्तार। 1663
जेल। 1663
कुल बेल 1349
अवैध देशी शराब। 2675.070
अवैध चुलाई 390.060
अवैध विदेशी 59.760
अवैध बियर। 343.700
अवैध जावा महुआ 7718.800
कुल जप्ती 1,53,042
कुल विनष्ट 146045
शेष 6997




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