गोपालगंज: रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia Ukraine Conflict) में बिहार के गोपालगंज के 18 छात्र भी फंसे (Gopalganj students of stuck in Ukraine) हुए हैं. वे सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. छात्रों के मुताबिक यहां पर फ्लाइट की व्यवस्था है, लेकिन लगातार हो रही बमबारी के बीच सड़क मार्ग से 700 किलोमीटर का सफर तय कर सभी 18 छात्र भारतीय समय के अनुसार आज सुबह 7 बजे हंगरी बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं लेकिन वहां सीमा पार नहीं कर पा रहे हैं.
दरअसल, मेडिकल के छात्रों जो वीडियो भेजा है, उसमें साफ देखा जा रहा है कि हंगरी बॉर्डर पर किस तरह से वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है. हंगरी बॉर्डर पर कड़ी निगरानी है और चेकिंग चल रही भी है. लिहाजा भारतीय मूल के छात्रों को एंट्री नहीं मिल पा रही है. मेडिकल स्टूडेंट रिजवान ने हंगरी बॉर्डर से वीडियो भेज कर बताया कि वहां भारतीय दूतावास का कोई अधिकारी नहीं है. माइनस 2 डिग्री तापमान है. सभी छात्र सड़कों पर खड़े हैं.
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वहां पर अटके छात्रों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि 700 किलोमीटर का सफर तय कर हंगरी बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं, लेकिन अब यहां से एंट्री नहीं मिल पा रही है. छात्रों का कहना है कि बॉर्डर पर सिक्योरिटी है. सुरक्षा कर्मी बार्डर पार कर हंगरी में एंट्री नहीं करने दे रहे हैं. छात्रों ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है, ताकि हंगरी में इन छात्रों को एंट्री मिल सके और वहां से एयरलिफ्टिंग कर वतन लाया जा सके.
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