गोपालगंज: जिला मुख्यालय स्थित शिक्षा विभाग के परिसर में वर्षों से उपेक्षा का शिकार हो रहे केंद्रीय पुस्तकालय के दिन बहुरने वाले हैं. इसको लेकर जिला प्रशासन ने पहल तेज कर दी है. मार्च के अंतिम या अप्रैल के पहले सप्ताह में जिला वासियों को इसकी सुविधाएं मिलने लगेंगी.
सदर एसडीएम ने किया निरीक्षण
केंद्रीय पुस्तकालय के फिर से चालू होने को लेकर गुरुवार को सदर एसडीएम उपेन्द्र पाल ने केंद्रीय पुस्तकालय पहुंचकर पुस्तकालय में रखी पुस्तकों का निरीक्षण किया. साथ ही जर्जर भवन की मरम्मत कर रंग-रोगन करने और इसे चालू करने को लेकर अपने कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. वहीं, प्रशासन की इल पहल से स्थानीय लोगों में खुशी की लहर है.
सालों से नहीं मिल पा रहा था लाभ
सदर एसडीएम उपेन्द्र पाल ने कहा कि सालों से यहां के लोगो को पुस्तकालय का लाभ नही मिल रहा था. जिसे देखते हुए इसे फिर से चालू कराने के लिए पहल की गई है. मार्च के अंतिम या अप्रैल के पहले सप्ताह में यहां के लोगों को इसकी सुविधाएं मिलने लगेंगी.
1965 में हुई थी पुस्तकालय की स्थापना
बता दें कि इस पुस्तकालय की स्थापना साल 1965 में हुई थी. बिहार सरकार ने पुस्तकालय कक्ष के निर्माण में लाखों रुपये खर्च किए थे. सरकार हर जिले के पुस्तकालय के विकास के लिए राशि उपलब्ध कराई. वहीं, बिहार को तीन मुख्यमंत्री देने वाले गोपालगंज के केंद्रीय पुस्तकालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा था. जिसे देखते हुए स्थानीय लोगों ने प्रशासन ने से इसे फिर से चालू करने की मांग उठाई थी.