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बदहाली के आंसू बहा रहा गोपालगंज रेलवे स्टेशन, बुनियादी सुविधाओं का है घोर अभाव

बता दें कि पूर्वोत्तर रेलवे के थावे छपरा रेल खण्ड के जिला मुख्यालय में बने गोपालगंज रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ती है. लेकिन सबसे ज्यादा समस्या शौचालय की है. जिसकी वजह से यात्रियों को खुले में ही शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

Gopalganj
गोपालगंज रेलवे स्टेशन पर लगी गंदगी
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Published : Dec 24, 2019, 8:52 PM IST

गोपालगंज: जिले का गोपालगंज रेलवे स्टेशन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. इस स्टेशन पर यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. रेलवे स्टेशन के चारों ओर गंदगी ही गंदगी दिखाई देती है. यहां साफ-सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. इतना ही नही यहां यात्रियों को पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं है. लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है.

सबसे ज्यादा शौचालय की समस्या
बता दें कि पूर्वोत्तर रेलवे के थावे-छपरा रेल खण्ड के जिला मुख्यालय में बने गोपालगंज रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ती है. लेकिन सबसे ज्यादा समस्या शौचालय की है. इस स्टेशन पर सालों से टूटे हुए शौचालय की न तो मरम्मत हुई है और न ही निर्माण हो सका है. जिसकी वजह से यात्रियों को खुले में ही शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. इतना ही नहीं यात्रियों के लिए स्टेशन पर लगाये गए नल और चापाकल से भी पानी नहीं निकलता. जिससे यात्रियों को पीने का पानी भी नहीं मिल रहा है.

बदहाली के आंसू बहा रहा गोपालगंज रेलवे स्टेशन

स्टेशन पर गंदगी का अंबार
ईटीवी भारत ने जब स्टेशन पर यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया. जिसमे कई तरह की कमियां सामने आईं. रेलवे स्टेशन परिसर में 4 नल लगाए गए हैं. जबकि 5 चापाकल है लेकिन एक भी चालू हालत में नहीं है. मजबूरन यात्रियों को पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है. साथ ही रेलवे स्टेशन पर गंदगी का अंबार रहता है. लेकिन इस स्टेशन पर न ही कभी सफाई होती है और न ही यहां कोई डस्टबिन की व्यवस्था की गई है. जिससे यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है.

गोपालगंज: जिले का गोपालगंज रेलवे स्टेशन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. इस स्टेशन पर यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. रेलवे स्टेशन के चारों ओर गंदगी ही गंदगी दिखाई देती है. यहां साफ-सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. इतना ही नही यहां यात्रियों को पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं है. लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है.

सबसे ज्यादा शौचालय की समस्या
बता दें कि पूर्वोत्तर रेलवे के थावे-छपरा रेल खण्ड के जिला मुख्यालय में बने गोपालगंज रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ती है. लेकिन सबसे ज्यादा समस्या शौचालय की है. इस स्टेशन पर सालों से टूटे हुए शौचालय की न तो मरम्मत हुई है और न ही निर्माण हो सका है. जिसकी वजह से यात्रियों को खुले में ही शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. इतना ही नहीं यात्रियों के लिए स्टेशन पर लगाये गए नल और चापाकल से भी पानी नहीं निकलता. जिससे यात्रियों को पीने का पानी भी नहीं मिल रहा है.

बदहाली के आंसू बहा रहा गोपालगंज रेलवे स्टेशन

स्टेशन पर गंदगी का अंबार
ईटीवी भारत ने जब स्टेशन पर यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया. जिसमे कई तरह की कमियां सामने आईं. रेलवे स्टेशन परिसर में 4 नल लगाए गए हैं. जबकि 5 चापाकल है लेकिन एक भी चालू हालत में नहीं है. मजबूरन यात्रियों को पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है. साथ ही रेलवे स्टेशन पर गंदगी का अंबार रहता है. लेकिन इस स्टेशन पर न ही कभी सफाई होती है और न ही यहां कोई डस्टबिन की व्यवस्था की गई है. जिससे यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है.

Intro:बदहाली की आंसू बहा रहा गोपालगंज रेलवे स्टेशन
----खुले में शौच करने को मजबूर यात्री

गोपालगंज रेलवे स्टेशन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। ईस स्टेशन पर यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। रेलवे स्टेशन पर चारो ओर गंदगी ही गंदगी दिखाई देता है। यहां साफ सफाई के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा किया जाता।
इतना ही नही यहां यात्रियों के पीने के पानी भी नशीब नही होता साथ ही यात्रियों के बैठने के लिए चबूतरा भी टूटा हुआ है लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान देना उचित नही समझा




Body:पूर्वोत्तर रेलवे के थावे छपरा रेल खण्ड पर जिला मुख्यालय में बने गोपालगंज रेलवे स्टेशन पर वैसे तो कई तरह की समस्याएं यात्रियों को झेलनी पड़ती है लेकिन सबसे ज्यादा समस्या शौचालय की है इस स्टेशन पर वर्षो से टूटा हुआ शौचालय की मरमती या निर्माण नही हो सका है जिसके कारण यात्री खुले में ही शौच करने को बाध्य होते है। इतना ही नही यात्रियों के प्यास बुझाने के लिए स्टेशन पर लगाये गए नल व चापाकल से भी पानी नही टपकता जो सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। चापाकल भी वर्षों से खराब पड़ा है। जिसे यात्री पानी खरीद कर पीने पर विवश होते हैं । ईटीवी भारत ने जब स्टेशन पर यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया तो कई तरह के तथ्य सामने आए। स्टेशन पर शुद्ध पेयजल के लिए एक चापाकल लगाया गया है लेकिन यह चापाकल सिर्फ दिखावे का है शुरू से ही खराब है और पानी नहीं देता है। जिससे अंदाज लगाया जा सकता है कि रेलवे प्रशासन ने भी इसे चालू कराने के प्रति गंभीर नहीं दिखता। रेलवे स्टेशन परिसर में 4 नल लगाए गए हैं। जबकि 5 चापाकल है लेकिन एक भी चालू हालत में नही है। मजबूरन यात्रियों को पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय स्थित रेलवे स्टेशन पर गंदगियों का अंबार रहता है इसी गन्दगी पर यात्री बैठ कर ट्रेन का इंतजार करते है। लेकिन इस स्टेशन पर नाही कभी साफ सफाई होती है और नाही यहां कोई डस्टबिन की कोई व्यवस्था की गई है जिससे यात्री कूड़े को डस्टबीन में डाल सके। यात्रियों की सुरक्षा भी राम भरोसे है। इस संदर्भ में स्टेशन मास्टर मनीष कुमार से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस संदर्भ में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।




Conclusion:कुल मिलाकर देखा जाए तो इस स्टेशन पर यात्री को मिलने वाली सुविधाओं के लिए तरसना पड़ता है। यहां साफ सफाई से लेकर सुरक्षा व पेयजल की सुविधा न होने से यात्रियों में रोष और मायूसी दोनो देखने को मिलती है लेकिन शासन प्रशासन की नजर शायद इस ओर नही जाती है।
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