गोपालगंजः जिले का सिधवलिया रेलवे स्टेशन इन दिनों बाढ़ पीड़ितों के लिए बसेरा बना हुआ है. सिधवलिया प्रखंड के बुचिया गांव में बाढ़ का पानी पूरी तरह से लोगों के घरों में घुस चुका है. ऐसे में ये बाढ़ पीड़ित अपनी जान माल की रक्षा के लिए रेलवे स्टेशन को ही नया ठिकाना बनाकर दिन गुजार रहे हैं. लेकिन प्रशासनिक सुविधा यहां नदारद दिख रही है.
अब तक नहीं पहुंची सरकारी मदद
दरअसल 23 तारीख की रात आई विनाशकारी बाढ़ ने कई प्रखंड के पंचायतों में तबाही मचा दी थी. इस विनाशकारी बाढ़ में आज भी बहुत सारे लोग घिरे हुए हैं. लोगों के बीच प्रशासनिक मदद पहुंच पाना संभव नहीं दिख रहा है. वहीं, कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपनी जान माल की रक्षा के लिए गांव छोड़कर ऊंचे स्थानों, बांध, एनएच और रेलवे स्टेशन पर वक्त गुजार रहे हैं. इन बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए प्रशासन की तरफ से खानापूर्ति के अलावा और कुछ नहीं किया जा रहा.
कभी रहती थी यात्रियों की भीड़
सिधवलिया रेलवे स्टेशन पर खुद प्लास्टिक से झोपड़ीनुमा घर बनाकर कई परिवार रह रहा है. जिस रेलवे स्टेशन पर कभी ट्रेन के इंतजार करने वाले यात्रियों की भीड़ लगी रहती थी, वह आज बाढ़ पीड़ितों की ठिकाना बना हुआ है. लेकिन इस विकट परिस्थिति में बड़ी-बड़ी बातें करने वाले जनप्रतिनिधि और जनता के लिए तैनात किए गए आलाधिकारी इन्हें पूछने तक नहीं आ रहे हैं. ऐसे में परेशान और हैरान बाढ़ पीड़ित सिर्फ अपने भाग्य को ही कोस रहे हैं.
बाढ़ पीड़ित कर रहे आश्रय स्थल की मांग
स्टेशन पर मौजूद लोग आश्रय स्थल की मांग कर रहे हैं, ताकि दुख के दिन किसी तरह काट सकें. लेकिन खुले आसमान में दिन गुजार रहे लोगों के पास अभी तक कोई नहीं पहुंच पाया है, जिसे वे अपने दुखड़ा सुना सके. ईटीवी भारत लगातार ऐसे लोगों की आवाज बन रहा है. जिसकी कोई नहीं सुन रहा है.
हमारी कोशिश है कि हम वैसे लोगों की आवाज शासन प्रशासन के कानों तक पहुंचा सकें, जिनकी सुनने वाला कोई नहीं है. ताकि मदद की आस लगाए इन लोगों को कुछ मदद मिल सके.