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गोपालगंज : क्वॉरेंटाइन सेंटरों में सुविधा का घोर अभाव, भूख से परेशान मरीज

क्वॉरेंटाइन सेंटरों पर प्रशासनिक व्यवस्थाओं की खनापूर्ति नजर आ रही है. प्रशासन की तरफ से खाना मुहैया नहीं करवाया गया है. सभी लोग एक ही बिस्तर का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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Published : Apr 29, 2020, 7:15 PM IST

गोपालगंज: जिले में कोरोना के 15 पॉजिटिव मरीजों के मिलने के बाद क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे गए संदिग्ध मरीजों की हालत बदतर दिख रही है. इन सेंटरों पर प्रशासनिक व्यवस्थाओं की खनापूर्ति करती नजर आ रही है. यहां रह रहे लोगों को खाने की समस्या हो रही है. इसके साथ ही बिस्तर की चादर न बदलने और साफ-सफाई का ख्याल न रखने की भी शिकायत है.

भोजन और साफ-सफाई का घोर अभाव
यहां रह रहे लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से खाना मुहैया नहीं करवाया गया है. सभी लोग एक ही बिस्तर का इस्तेमाल कर रहे हैं. न गद्दा बदला जा रहा है और न ही सैनिटाइज किया जा रहा है. इससे बीमार पड़ने का दोहरा खतरा है. इनका कहना है कि इससे बेहतर होता कि हमें घरों में ही क्वॉरेंटाइन कर दिया जाता.

गोपालगंज
क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रह रहे लोगों ने जताई नाराजगी

कुछ लोग कहते हैं कि यहां का माहौल देख के घबराहट होती है. नाश्ता-पानी जानवरों से बदतर दिया जाता है. न कोई डॉक्टर जांच के लिए आता है न कोई प्राशासनिक नुमाइंदा व्यवस्था देखने. हमें जान बूझकर बीमार बनाया जा रहा है.

क्या कहते हैं सिविल सर्जन?
इस संदर्भ में सिविल सर्जन डॉ. टीएन सिंह ने बताया कि जिन क्वॉरेंटाइन सेंटरों से मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं वहां पहले से कुछ लोग क्वॉरेंटाइन थे. उन सभी का टेस्ट कराया गया है. दोबारा टेस्ट नहीं कराया जाएगा क्योंकि इससे संसाधन की बिना वजह बर्बादी होगी. किसी में पॉजिटिव लक्षण दिखेंगे तो उसकी जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी की तरफ से हमें यही निर्देश मिले हैं.

गोपालगंज
अपर्याप्त और खराब क्वालिटी के खाने से परेशान हैं लोग

बता दें कि गोपालगंज में आपदा राहत केंद्र की संख्या छह, क्वॉरेंटाइन सेंटर की संख्या आठ और सीमा आपदा राहत केंद्र दो तथा कम्यूनिटी किचेन दो है. इसे जिला प्रशासन के द्वारा विभिन्न स्थानों पर बनाया गया है.

गोपालगंज: जिले में कोरोना के 15 पॉजिटिव मरीजों के मिलने के बाद क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे गए संदिग्ध मरीजों की हालत बदतर दिख रही है. इन सेंटरों पर प्रशासनिक व्यवस्थाओं की खनापूर्ति करती नजर आ रही है. यहां रह रहे लोगों को खाने की समस्या हो रही है. इसके साथ ही बिस्तर की चादर न बदलने और साफ-सफाई का ख्याल न रखने की भी शिकायत है.

भोजन और साफ-सफाई का घोर अभाव
यहां रह रहे लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से खाना मुहैया नहीं करवाया गया है. सभी लोग एक ही बिस्तर का इस्तेमाल कर रहे हैं. न गद्दा बदला जा रहा है और न ही सैनिटाइज किया जा रहा है. इससे बीमार पड़ने का दोहरा खतरा है. इनका कहना है कि इससे बेहतर होता कि हमें घरों में ही क्वॉरेंटाइन कर दिया जाता.

गोपालगंज
क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रह रहे लोगों ने जताई नाराजगी

कुछ लोग कहते हैं कि यहां का माहौल देख के घबराहट होती है. नाश्ता-पानी जानवरों से बदतर दिया जाता है. न कोई डॉक्टर जांच के लिए आता है न कोई प्राशासनिक नुमाइंदा व्यवस्था देखने. हमें जान बूझकर बीमार बनाया जा रहा है.

क्या कहते हैं सिविल सर्जन?
इस संदर्भ में सिविल सर्जन डॉ. टीएन सिंह ने बताया कि जिन क्वॉरेंटाइन सेंटरों से मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं वहां पहले से कुछ लोग क्वॉरेंटाइन थे. उन सभी का टेस्ट कराया गया है. दोबारा टेस्ट नहीं कराया जाएगा क्योंकि इससे संसाधन की बिना वजह बर्बादी होगी. किसी में पॉजिटिव लक्षण दिखेंगे तो उसकी जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी की तरफ से हमें यही निर्देश मिले हैं.

गोपालगंज
अपर्याप्त और खराब क्वालिटी के खाने से परेशान हैं लोग

बता दें कि गोपालगंज में आपदा राहत केंद्र की संख्या छह, क्वॉरेंटाइन सेंटर की संख्या आठ और सीमा आपदा राहत केंद्र दो तथा कम्यूनिटी किचेन दो है. इसे जिला प्रशासन के द्वारा विभिन्न स्थानों पर बनाया गया है.

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