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गोपालगंज रेलवे स्टेशन पर ड्रोन से रखी जा रही नजर, जिला प्रशासन अलर्ट

अग्निपथ स्कीम योजना (agneepath scheme army) के विरोध में प्रदर्शनकारी ट्रेनों को निशाना बना रहे हैं. ऐसे में ड्रोन के जरिए गोपालगंज रेलवे स्टेशन (Gopalganj Railway Station) पर नजर रखी जा रही है. रेलवे प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड में है. पढ़ें पूरी खबर...

गोपालगंज में बिहार बंद का असर
गोपालगंज में बिहार बंद का असर
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Published : Jun 18, 2022, 11:10 PM IST

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. बिहार बंद के मद्देनजर रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया (Bihar Bandh In Gopalganj) था. इसके अलावा रेलवे स्टेशन पर ड्रोन के जरिए नजर रखी जा रही है. जिला प्रशासन ने पहले ही 144 धारा लागू कर दिया था. इसके साथ ही संवेदनशील स्थानों पर वीडियोग्राफी के माध्यम से रिकॉर्डिंग किया गया.

यह भी पढ़ें: Agnipath Scheme Protest: बिहार में कोचिंग सेंटरों ने हिंसा के लिए उकसाया?

हिरासत में लिए गए 18 लोग: डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी (DM Dr Naval Kishore Choudhary) के निर्देशानुसार जिले में देर रात से धारा 144 लागू कर दी गयी है.इसके अतिरिक्त ड्रोन के जरिए से पूरे शहर के सभी महत्वपूर्ण जगहों पर निगरानी की जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार 18 लोगों को हिरासत में लिया गया है. बता दें कि जिला प्रशासन निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. सुरक्षा को लेकर शहर के सभी चौक चौराहों पर भारी मात्रा में पुलिस बल के साथ मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है.

उपद्रवियों पर पुलिस की नजर: गोपालगंज रेलवे स्टेशन, हथुआ रेलवे स्टेशन और थावे रेलवे स्टेशन पर ड्रोन से उपद्रवियों पर नजर रखा जा रहा है. डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने एसडीओ और एसडीपीओ को अपने-अपने इलाके में भ्रमण कर विधि व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने और संवेदनशील इलाकों में मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया गया है. जिले में 72 से अधिक स्थानों पर पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है.

'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.

क्या है 'अग्निपथ' योजना : आइये जानते है कि आखिर क्या है अग्निपथ योजना (what is agneepath scheme) केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जाना है. योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. अग्निवीरों की उम्र 17 से 23 वर्ष के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा. योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी.

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. बिहार बंद के मद्देनजर रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया (Bihar Bandh In Gopalganj) था. इसके अलावा रेलवे स्टेशन पर ड्रोन के जरिए नजर रखी जा रही है. जिला प्रशासन ने पहले ही 144 धारा लागू कर दिया था. इसके साथ ही संवेदनशील स्थानों पर वीडियोग्राफी के माध्यम से रिकॉर्डिंग किया गया.

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हिरासत में लिए गए 18 लोग: डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी (DM Dr Naval Kishore Choudhary) के निर्देशानुसार जिले में देर रात से धारा 144 लागू कर दी गयी है.इसके अतिरिक्त ड्रोन के जरिए से पूरे शहर के सभी महत्वपूर्ण जगहों पर निगरानी की जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार 18 लोगों को हिरासत में लिया गया है. बता दें कि जिला प्रशासन निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. सुरक्षा को लेकर शहर के सभी चौक चौराहों पर भारी मात्रा में पुलिस बल के साथ मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है.

उपद्रवियों पर पुलिस की नजर: गोपालगंज रेलवे स्टेशन, हथुआ रेलवे स्टेशन और थावे रेलवे स्टेशन पर ड्रोन से उपद्रवियों पर नजर रखा जा रहा है. डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने एसडीओ और एसडीपीओ को अपने-अपने इलाके में भ्रमण कर विधि व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने और संवेदनशील इलाकों में मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया गया है. जिले में 72 से अधिक स्थानों पर पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है.

'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.

क्या है 'अग्निपथ' योजना : आइये जानते है कि आखिर क्या है अग्निपथ योजना (what is agneepath scheme) केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जाना है. योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. अग्निवीरों की उम्र 17 से 23 वर्ष के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा. योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी.

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