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गोपालगंज: बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट, तटबंधों पर 24 घंटे होमगार्ड की तैनाती

गोपालगंज जिला हमेशा से बाढ़ प्रभावित रहा है. यहां गंडक नदी जब उफान पर होती है तो न जाने कितने घरों को बेघर कर देती है. अबतक कई एकड़ जमीन गंडक नदी में समा गई.

बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट
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Published : Jul 10, 2019, 6:11 PM IST

गोपालगंज: नेपाल के तराई इलाके में भारी बारिश होने से गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. इलाके में रहने वाले लोगों की नींद उड़ गई है. बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. नदी के तटबंध पर 24 घंटे होमगार्ड जवान की तैनाती की गई है.

अधिकारियों ने तटबंध का लिया जायजा
सदर एसडीएम वर्षा सिंह ,बीडीओ पंकज शक्तिधर, सीओ विजय कुमार सारण ने तटबंध पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान एसडीएम ने सभी अधिकारियों को तटबंध पर पूरा इंतजाम रखने का निर्देश दिया. बाढ़ आने की स्थिति में विस्थापितों के लिए चिन्हित शरण स्थल पर सभी व्यवस्था पूर्ण रखने को कहा गया है.

जलस्तर बढ़ने से लोग चिंतित
जलस्तर बढ़ने के साथ ही अब नदी कटाव करते हुए तटबंध की तरफ बढ़ने लगी है. ऐसे में दियारा इलाके के लोगों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है. प्रखंड के दियारा इलाके के गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए सारण मुख्य तटबंध है. कई स्थानों पर रिंग बांध भी बनाये गये हैं.

पेश है रिपोर्ट

38 पंचायत होते हैं प्रभावित
बाढ़ आने से जिले की 38 पंचायतें प्रभावित होती हैं. इनमें कुचायकोट की 5, गोपालगंज की 8, बरौली की 9, माझा के 5, सिधवलिया की 3 और बैकुंठपुर की 8 पंचायतें शामिल हैं.

24 घंटे होमगार्ड की तैनाती
तटबंधों की निगरानी के लिए 24 घंटे होमगार्ड जवानों की तैनाती की गई है. तटबंध के एक किलोमीटर के दायरे में एक एक होमगार्ड तैनात किए गए है. यह होमगार्ड के जवान तटबंध की सुरक्षा की निगरानी करेंगे. किसी भी स्थिति में बांध में कोई परेशानी हुई तो तत्काल अपने अधिकारियों की इसकी जानकारी देंगे. बाढ़ नियंत्रण अभियंताओं को भी तटबंध की स्थिति पर नजर रखने का निर्देश मिला है.

जिला प्रशासन अलर्ट
इस संदर्भ में एसडीएम वर्षा सिंह ने कहा कि स्थिति अभी कंट्रोल में है. वाटर लेबल से घबराने की आवश्यकता नहीं है. जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट और प्रीपेयर्ड है. किसी भी तरह की परिस्थिति बिगड़ने नहीं दी जाएगी. सुरक्षा के मद्देनजर तमाम इंतेजाम किए गये हैं.

गोपालगंज: नेपाल के तराई इलाके में भारी बारिश होने से गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. इलाके में रहने वाले लोगों की नींद उड़ गई है. बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. नदी के तटबंध पर 24 घंटे होमगार्ड जवान की तैनाती की गई है.

अधिकारियों ने तटबंध का लिया जायजा
सदर एसडीएम वर्षा सिंह ,बीडीओ पंकज शक्तिधर, सीओ विजय कुमार सारण ने तटबंध पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान एसडीएम ने सभी अधिकारियों को तटबंध पर पूरा इंतजाम रखने का निर्देश दिया. बाढ़ आने की स्थिति में विस्थापितों के लिए चिन्हित शरण स्थल पर सभी व्यवस्था पूर्ण रखने को कहा गया है.

जलस्तर बढ़ने से लोग चिंतित
जलस्तर बढ़ने के साथ ही अब नदी कटाव करते हुए तटबंध की तरफ बढ़ने लगी है. ऐसे में दियारा इलाके के लोगों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है. प्रखंड के दियारा इलाके के गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए सारण मुख्य तटबंध है. कई स्थानों पर रिंग बांध भी बनाये गये हैं.

पेश है रिपोर्ट

38 पंचायत होते हैं प्रभावित
बाढ़ आने से जिले की 38 पंचायतें प्रभावित होती हैं. इनमें कुचायकोट की 5, गोपालगंज की 8, बरौली की 9, माझा के 5, सिधवलिया की 3 और बैकुंठपुर की 8 पंचायतें शामिल हैं.

24 घंटे होमगार्ड की तैनाती
तटबंधों की निगरानी के लिए 24 घंटे होमगार्ड जवानों की तैनाती की गई है. तटबंध के एक किलोमीटर के दायरे में एक एक होमगार्ड तैनात किए गए है. यह होमगार्ड के जवान तटबंध की सुरक्षा की निगरानी करेंगे. किसी भी स्थिति में बांध में कोई परेशानी हुई तो तत्काल अपने अधिकारियों की इसकी जानकारी देंगे. बाढ़ नियंत्रण अभियंताओं को भी तटबंध की स्थिति पर नजर रखने का निर्देश मिला है.

जिला प्रशासन अलर्ट
इस संदर्भ में एसडीएम वर्षा सिंह ने कहा कि स्थिति अभी कंट्रोल में है. वाटर लेबल से घबराने की आवश्यकता नहीं है. जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट और प्रीपेयर्ड है. किसी भी तरह की परिस्थिति बिगड़ने नहीं दी जाएगी. सुरक्षा के मद्देनजर तमाम इंतेजाम किए गये हैं.

Intro:गोपालगंज जिला हमेशा से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र रहा है। यहा गंडक नदी जब उफान पर होती है तो न जाने कितने ही घरों को बेघर कर देती है। कई एकड़ जमीन गंडक के गोद में समा गई, वही एक बार फिर नेपाल के तराई इलाके में भारी बारिश तथा जिले में मानसून सक्रिय होने के साथ गंडक नदी का जलस्तर बढ़ते देख बदीयरा इलाके में रहने वाले लोगो की नींद उड़ गई। वही जिला प्रशासन भी हरकत में आ गई है। बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। जबकि जिला प्रशासन बांध पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।


Body:इस दौरान सदर एसडीएम वर्षा सिंह ,बीडीओ पंकज शक्तिधर, सीओ विजय कुमार सारण तटबंध पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया वही एसडीएम ने अपने अधिकारियों को वैसे स्थान जहाँ तटबंध की स्थिति कमजोर है,वहां सभी आवश्यक इंतजाम पूर्ण रखने का निर्देश दिया। बाढ़ आने की स्थिति में विस्थापित होने वाले लोगों के लिए चिन्हित शरण स्थली पर सभी व्यवस्था पूर्ण रखने को कहा गया है। लेकिन जलस्तर बढ़ने के साथ ही अब नदी अपने तट के किनारे कटाव करते हुए तटबंध की तरफ बढ़ने लगी है। इसी के साथ ही दियारा इलाके के लोगों को बाढ़ की चिंता भी सताने लगी है। गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने का सिलसिला शुरू होने के साथ ही तटबंध की बदहाली से इस इलाके की धड़कन बढ़ गई है। प्रखंड के दियारा इलाके के गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए सारण मुख्य तटबंध है, तो कई स्थानों पर रिंग बांध भी बने है। लेकिन कुछ स्थानों पर इन बांधों की दशा ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी ग्रामीणों ने बाढ़ से बचने के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

38 पंचायते होते है प्रभावित

गंडक नदी के कारण बाढ़ आने की स्थिति में जिले की 38 पंचायतें सीधे प्रभावित होती है। इनमें कुचायकोट की पांच गोपालगंज की आठ, बरौली की नौ, माझा के पांच, सिधवलिया की तीन तथा बैकुंठपुर की आठ पंचायतें शामिल है। प्रशासन इन पंचायतों में रहने वाले लोगों को बाढ़ आने पर सुरक्षित चिन्हित किए गए शरणार्थी तक पहुंचाने के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
24 घण्टे तैनात किए गए बांध पर होमगार्ड

तटबंधों की निगरानी होमगार्ड जवानों के जवानों व अभियंताओं के कंधे पर रखी गई है। तटबंध के एक किलोमीटर के दायरे में एक एक होमगार्ड तैनात किए गए है। यह होमगार्ड के जवान तटबंध की सुरक्षा की निगरानी करेंगे किसी भी स्थिति में बांध में कोई परेशानी हुई तो तत्काल अपने अधिकारियों की इसकी जानकारी देंगे। सारण तटबंध के 81 वें किलोमीटर से लेकर 152वें किलोमीटर कि दूरी तक प्रत्येक एक किलोमीटर की दूरी पर एक एक जवानों व बाढ़ नियंत्रण अभियंताओं को भी तटबंध की स्थिति पर नजर रखने का निर्देश मिला।है।

इन जगहों पर तैनात किए गए होमगार्ड

सिसवा नहर तटबंध,
सारण तटबंध
मटियारी रिंग बांध
बंधौली सीतलपुर फैजुल्लापुर जमींदारी बांध,
महारानी छलकी
दीपउ छरकी,
सलेपुर टनडसपुर छरकी
हसनपुर छरकी
सलेमपुर छरकी
भैंसही पुरैना छरकी
ख्वाजेपुर गौसिया छरकी
मुंगराहा छरकी
हिरापकड मशान थाना छरकी
पतहरा छरकी
विशुनपुर छरकी

इन बिंदुओं पर रखी जा रही है नजर

तटबंध की सुरक्षा व मरम्मत
नाव की उपलब्धता
नाव नाविकों के बकाए का भुगतान
मानव दवा की उपलब्धता
पशु दवा व चारे की व्यवस्था
पॉलिथीन की उपलब्धता
मोटर वोट व जैकेट की उपलब्धता
शिविर के लिए स्थलों का चयन
आवश्यक वस्तु जैसे चुरा, गुड़,माचिस आदि का दर निर्धारण एवं कर्मचारियों के पर्यवेक्षण प्रतिनियुक्ति,
खाद्यान्न के भंडारण की स्थिति
पेयजल व शौचालय की व्यवस्था
राहत और बचाव दल का गठन
नियंत्रण कक्ष की व्यवस्था
इस संदर्भ में एसडीएम वर्षा सिंह ने कहा कि स्थिति अभी कंट्रोल में है वाटर लेबल से घबराने की आवश्यकता नही है। जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट व प्रीपेड है।किसी भी तरह की कोई भी परिस्थिति बिगड़ने नह दी जाएगी।

बाइट-वर्षा सिंह, एसडीएम
बाइटहोमगार्ड के जवान


Conclusion:na
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