गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में तेज बारिश (Heavy Rain in Gopalganj) ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. जिले में बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलों को नुकसान (Damage to Crops Due to Rain and Hail) पहुंचा है. किसानों का कहना है कि मौसम ऐसा ही रहा तो उनकी मेहनत पर पूरी तरह से पानी फिर जाएगा. खेतों में गेहूं, सरसों, आलू और प्याज की फसल लगी हैं. ओलावृष्टि से यह फसल बर्बाद होने लगी है.
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दरअसल जिले के किसान एक बार फिर परेशानी में पड़ गए है. पिछले दो दिनों से मौसम ने जिस तरह करवट बदली है, उससे किसानों की परेशानी कम होती नहीं दिख रही है. भोरे प्रखंड में शुक्रवार की देर रात तेज हवाओं के साथ हुई भारी ओलावृष्टि ने शिमला और कश्मीर की याद दिला दी है. तेज गर्जना के साथ बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है. ओलावृष्टि के साथ मूसलधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया.
ओलावृष्टि ऐसी थी कि पल भर में जमीन पर बर्फ के टुकड़ों की चादर बिछ गई. देखते ही देखते जमीन पर बर्फ का अंबार लग गया. इस समय हुई अचानक भारी ओलावृष्टि ने सबको हैरत में डाल दिया है. किसानों का कहना कि इस समय तैयार तिलहनी फसलों को खासा नुकसान हुआ है. वहीं रबी फसलों में गेहूं, मटर, चना भी पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं. सबसे अधिक बर्फबारी भोरे प्रखंड के कल्याणपुर गांव में देखने को मिली. कल्याणपुर में आलू, सरसों और गेहूं की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. किसानों के खेतों में लगे गेहूं, सरसों, आलू की फसलें खेत में लगी हुई हैं.
सदर प्रखंड के तिरविरवां गांव के किसान मंसूर आलम बताते हैं कि ओलावृष्टि से फसलें काफी प्रभावित हुई हैं. पांच एकड़ में आलू और तेलहन की खेती किया था, जो अब बर्बाद हो रहा है. किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि प्रमुख रूप से आलू और तेलहन की खेती करते हैं. इस वर्ष रबी की फसल पर शुरुआत से ही संकट है. अक्तूबर में हुई भीषण बारिश से आलू की कच्ची फसल और सरसों चौपट हो गई थी. इससे किसानों को दोबारा बुवाई करनी पड़ी.
वहीं, नवंबर में भी हुई बारिश ने किसानों को संकट में डाला. फिर जनवरी में करीब 20 से 25 दिन भीषण ठंड, कोहरा, पाला व बीच-बीच में हुई बारिश से तो आलू की फसल पर ग्रहण ही लग गया है. सदर प्रखंड के भितभेरवां गांव के किसान मोबिन अख्तर ने कहा कि सरकार से आस है कि फसल क्षतिपूर्ति का मुआवजा मिले. आलू में झुलसा रोग लगने से पौधे ही सूख गए. इससे करीब 40 प्रतिशत उत्पादन प्रभावित हुआ. इन दिनों खेतों में आलू तैयार खड़ा है. बारिश होने से आलू में रोग लगने की आशंका है. जिन खेतों में आलू का पौधा सूख चुका है, वहां खेत में बारिश का पानी भरने से आलू सड़ने के भी आसार बन रहे हैं. सदर प्रखंड के एकडेरवां के किसान मजहरूल हक ने कहा कि झुलसा रोग के कारण एक एकड़ में तैयार फसल बर्बाद हो गयी है.
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