गोपालगंज: 'समान काम समान वेतन' की मांग को लेकर शिक्षकों का गुस्सा एक बार फिर से फूट पड़ा है. जिले में टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ की ओर से शिक्षकों ने शिक्षा भवन के सामने प्रतिरोध दिवस मनाया. जिसका नेतृत्व जिलाध्यक्ष अतुल कुमार चौबे ने किया. इस दौरान शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की.
क्यों दिया धरना?
ईटीवी भारत से बात करते हुए जिलाध्यक्ष अतुल कुमार ने कहा कि 5 सितंबर को पटना में नियोजित शिक्षकों का आंदोलन शांतिपूर्ण चल रहा था. लेकिन, सरकार की दमनकारी नीति ने नियोजित शिक्षकों पर लाठियां बरसाईं और हमारे प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक पर मुकदमा दर्ज किया गया. मुकदमा वापस लेने समेत समान काम समान वेतन की मांग, समान सेवा शर्त, नव प्रशिक्षित शिक्षकों के वेतन निर्धारण की मांगों के समर्थन में कार्यक्रम आयोजित किया गया.
'सरकार की नीतियों का विरोध'
सभा को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि वे सरकार की इन नीतियों का पुरजोर विरोध करते हैं. शिक्षकों को हर स्तर पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले 8 महीने बाद भी नव प्रशिक्षित शिक्षकों का वेतन तय नहीं हो सका है. जबकि इस संदर्भ में संगठन के की ओर से पहले भी कई बार ज्ञापन दिया जा चुका है.
मुकदमा वापस लेने की मांग
ईटीवी भारत के माध्यम से उन्होंने सरकार से मांग की है कि संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक सहित तमाम नेतृत्वकर्ता जो 5 सितंबर को पटना के गर्दनीबाग में शांतिपूर्ण ढ़ंग से वेदना प्रकट कर रहे थे. उनपर सरकार ने जो गलत मुकदमा दायर किया है वह वापस लें.