गोपालगंज: सदर प्रखंड के डोमाहाता गांव का एक परिवार प्रति माह एक निजी कंपनी को एक हजार 920 रुपये ब्याज देकर बैंक की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा है. क्योंकि बैंक ने एक ही खाता को दो महिला के नाम से निर्गत कर इस परिवार के लिए मुसीबत खड़ा कर दिया है.
बैंक से निकाल लिए गए पैसे
सदर प्रखंड के डोमाहाता गांव निवासी हृदयानंद यादव की पत्नी संगीता देवी ने सैटिन क्रेडिट केयर नेटवर्क लिमिटेड से 40 हजार रुपये प्रतिमाह एक हजार 920 रुपये के ब्याज दर पर जनवरी महीने में ली थी. ताकि अपनी जरूरतों को पूरा कर सके. लेकिन 6 महीने होने के बाद भी इनके हाथों में वह लोन का पैसा नहीं आया. जिसके बाद इनके पैरों तले जमीन तब खिसक गई, जब इन्हें मालूम चला कि बिना पैसे निकाले ही उनका पैसा बैंक से निकाल लिया गया है.
बैंक ने दूसरे अकाउंट में भेजा पैसा
कंपनी ने बैंक ऑफ इंडिया के गोपालगंज शाखा के अकाउंट में 40 हजार रुपये भेज दिया. जब संगीता देवी पैसे निकालने के लिए बैंक पहुंची, तो उन्हें बताया गया कि आपने तो 17 जनवरी को 34 हजार और 21 जनवरी को 35 सौ रुपये निकाल लिए हैं. इस मामले में बैंक मैनेजर ने भी कहा कि आपने पैसे निकाल लिए हैं.
जांच के लिए पैसे की मांग
संगीता और उसके पति हृदयानंद ने बताया कि हम लोगों ने बार-बार बैंक मैनेजर को कहा कि हमने पैसे नहीं निकाले हैं. इसके बावजूद हमारी बात किसी ने नहीं सुनी. जिसके बाद सीसीटीवी कैमरा में देखा गया कि किसी दूसरी महिला ने पैसे की निकासी की है. इसके बावजूद बैंक के लोग यह साबित करने में लगे थे कि पैसे संगीता देवी ने निकाला है.
हृदयानंद ने बताया कि अंगूठे के छाप की जांच के लिए 5 हजार रुपये की मांग की गई. लेकिन हमने पैसे देने से इनकार कर दिया और वापस घर लौट आये. जिसके बाद बैंक के आधिरकारी हमारे घर पहुंचे और बताया कि एक ही नाम की दो महिला को एक ही अकांउट नम्बर दिया गया है, जिसके कारण दूसरी महिला ने पैसा निकाल लिया.
6 महीने के बाद भी नहीं मिला पैसा
हृदयानंद ने बताया कि बैंक के आधिरकारियों ने कहा है कि आपका पैसा जल्द ही मिल जाएगा. लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद अभी तक हमारा लोन का पैसा नहीं मिला है. जिसकी वजह से मजबूरी में 15 दिन पर 960 रुपये यानी महीने में एक हजार 920 रुपये ब्याज के तौर पर चुकाना पड़ रहा है.
दो ग्राहकों को एक ही एकाउंट नंबर
इस मामले में बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच मैनेजर प्रशांत कुमार ने बताया कि बैंक से गलती हुई है. एक ही एकाउंट दो ग्राहक को दिया गया है और दोनों ग्राहक का नाम संगीता देवी ही है. लेकिन जिनका पैसा है, उनके पति का नाम हृदयानंद है. लेकिन पास बुंक पर दयानंद लिखा गया है. जिसका फायदा दूसरी महिला संगीता देवी ने उठाया है. फिलहाल उस महिला को चिन्हित कर लिया गया गया है. उसने कुछ दिन का समय मांगा है. जल्द ही उनका पैसा उससे लेकर लौटा दिया जाएगा.