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गोपालगंज: सुविधाओं से लैस इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में है सिर्फ 1 डॉक्टर

यहां के स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य की जांच समेत कई तरह की सुविधा मुहैया कराने की योजना थी. लेकिन विभागीय उदासीनता और सरकार की निरंकुशता के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपना अस्तित्व तलाश रहा है.

स्वास्थ्य केंद्र
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Published : Jun 24, 2019, 10:29 PM IST

गोपालगंज: राज्य सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए पानी की तरह पैसे बहा रही है. बावजूद इसके इन सेवाओं में कोई सुधार नहीं हो रहा है. ताजा मामला माझा प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है.

डॉक्टरों की घोर कमी
इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं तो हैं, लेकिन स्टाफ और डॉक्टरों की घोर कमी है. यहां सिर्फ एक ही डॉक्टर है, जो हर मरीज का इलाज करता है. अगर किसी मरीज की हालत गंभीर होती है तो उसे तत्काल सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है.

विभागीय उदासीनता झेल रहा मार
इस स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य की जांच समेत कई तरह की सुविधा मुहैया कराने की योजना थी. लेकिन विभागीय उदासीनता और सरकार की निरंकुशता के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपना अस्तित्व तलाश रहा है.

संवाददाता अटल बिहारी की रिपोर्ट

सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं
बता दें कि स्वास्थ्य केंद्र को एक साल पहले हेल्थ एंड वेलनेस के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था, जिसमें कई तरह के मरीजों को सुविधाओं के लिए लंबा बोर्ड लगा है. लेकिन सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ नहीं मिलता. जांच घर में हमेशा ताले लगे रहते हैं.

gopalganj
अस्पताल में लगा बेड

एक डॉक्टर से संचालित होता है स्वास्थ्य केंद्र
इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तीन डॉक्टर और दो एएनएम पदस्थापित हैं, लेकिन पदस्थापना के बाद से दो चिकित्सक गायब हैं. एक डॉक्टर के बल पर यह स्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहा है.

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दवाखाना

क्या कहते हैं सिविल सर्जन
इस मामले में सिविल सर्जन डॉ नंदकिशोर सिंह ने बताया कि इस अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है. इसके लिए कई बार विभाग को पत्र भी लिखा गया है. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

क्या कहते हैं डॉक्टर
यहां के डॉक्टर संतोष कुमार ने कहा कि यहां स्टाफ की कमी है. एक ही डॉक्टर सभी मरीजों की देखभाल करता है. अगर इस स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ और डॉक्टरों की तैनाती होती तो यहां की व्यवस्था और बेहतर होती.

गोपालगंज: राज्य सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए पानी की तरह पैसे बहा रही है. बावजूद इसके इन सेवाओं में कोई सुधार नहीं हो रहा है. ताजा मामला माझा प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है.

डॉक्टरों की घोर कमी
इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं तो हैं, लेकिन स्टाफ और डॉक्टरों की घोर कमी है. यहां सिर्फ एक ही डॉक्टर है, जो हर मरीज का इलाज करता है. अगर किसी मरीज की हालत गंभीर होती है तो उसे तत्काल सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है.

विभागीय उदासीनता झेल रहा मार
इस स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य की जांच समेत कई तरह की सुविधा मुहैया कराने की योजना थी. लेकिन विभागीय उदासीनता और सरकार की निरंकुशता के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपना अस्तित्व तलाश रहा है.

संवाददाता अटल बिहारी की रिपोर्ट

सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं
बता दें कि स्वास्थ्य केंद्र को एक साल पहले हेल्थ एंड वेलनेस के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था, जिसमें कई तरह के मरीजों को सुविधाओं के लिए लंबा बोर्ड लगा है. लेकिन सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ नहीं मिलता. जांच घर में हमेशा ताले लगे रहते हैं.

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अस्पताल में लगा बेड

एक डॉक्टर से संचालित होता है स्वास्थ्य केंद्र
इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तीन डॉक्टर और दो एएनएम पदस्थापित हैं, लेकिन पदस्थापना के बाद से दो चिकित्सक गायब हैं. एक डॉक्टर के बल पर यह स्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहा है.

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दवाखाना

क्या कहते हैं सिविल सर्जन
इस मामले में सिविल सर्जन डॉ नंदकिशोर सिंह ने बताया कि इस अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है. इसके लिए कई बार विभाग को पत्र भी लिखा गया है. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

क्या कहते हैं डॉक्टर
यहां के डॉक्टर संतोष कुमार ने कहा कि यहां स्टाफ की कमी है. एक ही डॉक्टर सभी मरीजों की देखभाल करता है. अगर इस स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ और डॉक्टरों की तैनाती होती तो यहां की व्यवस्था और बेहतर होती.

Intro:स्वास्थ्य सेवाओं पर केंद्र व राज्य सरकार बेहतर सेवाएं देने के लिए पानी की तरफ पैसे बहा रही है। बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं हो पाती। हो भी कैसे जब स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर व कर्मी ही नही है। अब ऐसे में बेहतर सेवाएं देने के लिए सरकार की मंशा पर पानी फिरता हुआ नजर आता है।


Body:इसका ताजा उदाहरण माझा प्रखंड स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर देखने को मिलती है। इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं तो है लेकिन स्टाफ और डॉक्टरों की घोर कमी से यह स्वास्थ्य केंद्र जूझ रहा है। यहां सिर्फ एक डॉक्टर ही अपनी सेवा देते है। इस केंद्र पर तीन पंचायत के लगभग 30 हजार की आबादी निर्भर है यहां आने वाले मरीज को तत्काल सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है ऐसे में सिर्फ सर्दी और जुकाम के अलावे मरीजों को अन्य सुविधाओं देने में यह केंद्र पीछे छूट जाता है। इस स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य की जांच समेत कई तरह के सुविधा मुहैया कराए जाने की योजना थी। लेकिन विभागीय उदासीनता व सरकार के निरंकुशता के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपने अस्तित्व तलाश रहा है। इस अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र को एक वर्ष पहले हेल्थ ऐंड वेलनेश के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था जिसमें कई तरह के मरीजों को सुविधाओं देने के लिए लंबी बोर्ड लगी है। लेकिन सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ नहीं मिलता जांच घर में हमेशा ताले लगे रहते है। 6 बेड वाला यह अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।।ज्ञातव्य हो इस अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तीन डॉक्टर व दो एएनएम पद स्थापित है लेकिन पदस्थापना के बाद से दो चिकित्सक गायब हैं जबकि एक चिकित्सक पर यह स्वास्थ्य केंद्र संचालित होते है। आए दिन टीकाकरण के काम को लेकर तो एक अन्य किसी और कामों को लेकर गायब हो जाती है। सिर्फ एक चिकित्सक ही मरीजों को स्वास्थ सुविधा देने की कोशिश करते हैं। इस संदर्भ में सिविल सर्जन डॉ नंदकिशोर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कोई ठोस बाते नही बताई बल्कि उन्होंने कहा कि पूरे जिले में डॉक्टरों की कमी है कई बार पत्रचार के माध्यम से विभाग को अवगत कराया गया। लेकिन कोई सुनवाई नही हुई है। अतिरिक्त प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर संतोष कुमार ने कहा कि यहां स्टाफ की घोर कमी है एक ही डॉक्टर अपनी सेवा देते है। अगर स्टाफों व डॉक्टरो की तैनाती होती तो व्यवस्था और अच्छी होती।फर्मासिस्ट की कमी के कारण यहां जांच की व्यवस्था नही होती।


Conclusion:na
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