गोपालगंजः बिहार विधानसभा उपचुनाव (Bihar By Election 2022) में अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ने भी इंट्री मार दी है. एआइएमआइएम(AIMIM) के आने से ये उपचुनाव दिलचस्प हो गया है. गोपालगंज विधानसभा 101 के लिए होने वाले उप चुनाव में AIMIM पार्टी के टिकट पर चौराव पंचायत के पूर्व मुखिया और मदरसा इस्लामिया के सचिव अब्दुल सलाम उर्फ असलम मुखिया ने आज नामांकन (Aslam Mukhiya filed nomination form Gopalganj seat) का पर्चा दाखिल किया. नामांकन के बाद उन्होंने कहा कि जनता के बीच मैं रहता हूं और जनता से एक बार मौका मांग रहा हूं, ताकि इस जिले का पूर्ण विकास कर सकूं.
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एआईएमआईएम ने उतारा अपना उम्मीदवारः बिहार विधानसभा उप चुनाव 3 नवंबर को होनेवाला है. जिसमें भाजपा, राजद और बसपा प्रत्याशियों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है. लेकिन इस मुलाबले में अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी की भी इंट्री हो गई है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) AIMIM पार्टी ने असलम पर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट देकर चुनावी मैदान में उतार दिया है. ओवैसी अपने प्रत्याशी की जीत के लिए चुनावी रैलियां और मुस्लिम बहुल क्षेत्र में जनसंपर्क भी कर सकते हैं
चौराव पंचायत के रह चुके हैं मुखियाः राजनीतिक के जानकारों की मानें तो एआइएमआइएम महागठबंधन प्रत्याशी के वोट बैंक में सेंध मार सकती है. जिससे अल्पसंख्यक वोटरों का समीकरण बिगड़ सकता है. बता दें कि अब्दुल सलाम उर्फ असलम मुखिया चौराव पंचायत के मुखिया रह चुके हैं. स्वच्छ भारत मिशन में डीएम राहुल कुमार के द्वारा सम्मानित भी किए गए थे. 2020 विधानसभा 101 से चुनाव में जन संघर्ष दल से चुनाव लड़े थे. जो 22 प्रत्याशियों में पांच हजार के करीब वोट लाकर चौथे नंबर के प्रत्याशी बने थे. अब्दुल सलाम अल्पसंख्यकों में खास पकड़ रखते हैं. दानिश ट्रेवल के नाम से यूपी-बिहार में इनकी बसें भी चलती हैं.
गोपालगंज में महागठबंधन की बढ़ी मुश्किलः आपको बता दें कि बिहार के गोपालगंज और मोकामा सीट पर उपचुनाव का बिगुल बज चुका है. नई महागठबंधन सरकार के लिए यह चुनाव लिटमस टेस्ट से कम नहीं होगा. मोकामा सीट को लेकर तो पहले ही खींचतान की स्थिति बनती नजर आ रही है थी, अब गोपालगंज विधानसभा 101 के लिए AIMIM पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतार दिया है. अब यहां भी महागठबंधन उम्मीदवार के लिए बड़ी मुश्किल हो सकती है. क्योंकि एआइएमआइएम महागठबंधन प्रत्याशी के वोट बैंक में सेंध मार सकती है.