गया: बिहार में आगामी पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है. जनता पांच सालों के विकास का लेखा-जोखा की मांग कर रही है. वहीं डिहा पंचायत कोल्या गांव के लोगों ने नल-जल योजना को ठुकरा दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि नल जल योजना से ज्यादा जरूरी नली-गली पक्कीकरण करवाना था. इसलिए नल जल योजना को वापस करवा दिया गया.
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नल-जल योजना को ठुकराया
दरअसल, जिले में एक पथरीला जगह है, जहां भूमिगत जल स्रोत्र काफी दूर है. आम लोगों में पेयजल संकट की समस्या बनी रहती है. ऐसे में सरकार की नल-जल योजना ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचकर लोगों को सुविधा दे रही है. वहीं डिहा पंचायत के केल्या गांव में लोगों ने नल-जल योजना को ठुकरा दिया है. ग्रामीण नवीन प्रकाश ने बताया कि कोल्या गांव में पानी से ज्यादा गली-नली पक्कीकरण करना जरूरी है. इस गांव में अभी तक एक भी नल-जल योजना नहीं है. वहीं रामप्रवेश यादव ने बताया कि गांव के लिए सबसे जरूरी नली-गली पक्कीकरण कराना है. बरसात के दिनों में गांव पूरा कीचड़मय हो जाता है. ग्रामीणों को कीचड़ से होकर आना-जाना पड़ता है.
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पानी निकासी की समस्या
ग्रामीण विजय यादव ने बताया कि गांव में नल-जल लग भी जाता तो पानी का निकासी कैसे होता. सबसे पहले गली-नली को बनाया जाए. डिहा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मिंटू वर्मा ने बताया कि-
सात निश्चय योजना के तहत सबसे पहले गांव में नल-जल योजना लाया गया था. लेकिन ग्रामीणों को नल से जल नसीब नहीं होता है. क्योंकि यहां के ग्रामीणों ने नल-जल योजना का बहिष्कार किया है. अब नल जल योजना का फंड नहीं आ रहा है. गांव से तेजी से नाली-गली का निर्माण कार्य चल रहा है. -मिंटू वर्मा, मुखिया प्रतिनिधि