गया: बिहार के कुछ जिलों में बाढ़ तो अधिकांश जिले सुखाड़ की चपेट में (Drought and Flood in Bihar) है. हालांकि छिटपुट वर्षा ने थोड़ी उम्मीद जगाई है. फिर भी मूसलाधार बारिश का अभाव अब भी बना हुआ है. इस सुखाड़ से किसान सहमे हुए हैं. लोग प्रकृति की कृपा बरसे इसका इंतजार कर रहे हैं. बारिश के लिए ग्रामीण विभिन्न तरीके से टोटके और पूजा पाठ (Pad Yatra for rain in Gaya) भी कर रहे हैं. तो कहीं पुराने प्रचलन के अनुसार इंद्रदेव को मनाने की कोशिश हो रही हैं. इस क्रम में गया जिले के कोच प्रखंड में इंद्रदेव को मनाने के लिए अनोखी परंपरा सामने आ रही है.
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बारिश के लिए ऐसी भी परंपरा: बारिश के लिए इंद्रदेव को मनाने को गया जिले के कोंच प्रखंड के पडरावां ग्राम की ग्रामीण महिलाएं अनोखी परंपरा निभा रही हैं. यहां की ग्रामीण महिलाएं बारिश के लिए रात में ढाई किलोमीटर की पैदल दूरी तय करती हैं. भगवान इंद्रदेव को मनाने के लिए प्रार्थना के रूप में गीत भी गुनगुनातीं हैं. इस क्रम में तालाब से रात के अंधेरे में ही घड़े भर पानी की चोरी कर घर को लौटती हैं. इस क्रम में यदि कोई मर्द रास्ते में मिल जाए तो उसे गीत के माध्यम से ही गाली देने का भी रिवाज है. परंपरा के अनुसार महिलाएं रास्ते में मिलने वाले मर्द पर कीचड़ भी डालती हैं.
अभी तक नहीं हुई पर्याप्त बारिश: मानसून के दस्तक दिए हुए काफी समय बीत चुके हैं. इसके बाद भी गया जिले में पर्याप्त और मूसलाधार बारिश नहीं होने के कारण किसानों के साथ-साथ आम लोग भी परेशान हैं. बारिश को लेकर लोग पूजा पाठ से लेकर तरह तरह के टोटके कर रहे हैं. गौरतलब हो कि बारिश के लिए गांव में मेंढक-मेढकी की शादी भी कराई जा रही है. तो कहीं महिलाएं ढाई किलोमीटर की दूरी तय कर पानी की चोरी कर इंद्रदेव को मनाने के लिए गीत गा रही है. ऐसे कई परम्पराएं ग्रामीण इलाकों में बारिश के लिए लंबे समय से चलती आ रही है. ग्रामीणों का मानना है कि ऐसा करने से बारिश की संभावना काफी बढ़ जाती है.
लंबे समय से चल रहा है यह टोटका: गया जिले के कोच प्रखंड के पडरावां गांव के लोग बताते हैं कि यह बारिश को लेकर एक टोटका है, जो पुराने समय से चला आ रहा है. यह टोटका कारगर भी साबित होता आया है. गांव के किसान बताते हैं कि इंद्रदेव को मनाने के लिए ग्रामीण महिलाओं का ढाई किलोमीटर पैदल चलकर पानी चोरी का टोटका करने के बाद अब क्षेत्र में अच्छी बारिश होने की सम्भावना है.