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परेशान ईंट निर्माता 8 सितम्बर को सभी जिले में देंगे धरना - brick makers picket in all districts in bihar

बिहार के ईंट निर्माता अपनी तमाम समस्याओं को लेकर अगले माह 8 सितंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देंगे. संघ की गया में हुई बैठक में सरकार की ओर से लाल ईंट पर लगाए गए प्रतिबंध एवं जीएसटी में अचानक हुई बढ़ोतरी पर जिंता जताई. बैठक में बिहार ईंट निर्माता संघ के अध्यक्ष मुरारी कुमार मनु ने ये जानकारी दी.

परेशान ईंट निर्माता 8 सितम्बर को सभी जिले में देंगे धरना
परेशान ईंट निर्माता 8 सितम्बर को सभी जिले में देंगे धरना
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Published : Aug 26, 2022, 4:44 PM IST

गया: गया जिला ईंट निर्माता संघ की बैठक में अगले माह 8 सितंबर को बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना (brick makers picket in all districts in bihar) देने का निर्णय लिया गया. संघ की गया में हुई बैठक (Bricks manufacture meeting in Gaya) में बिहार ईंट निर्माता संघ के अध्यक्ष मुरारी कुमार मनु बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. उन्होंने बैठक में सरकार की ओर से लाल ईंट पर लगाए गए प्रतिबंध एवं जीएसटी में अचानक हुई बढ़ोतरी पर जिंता जताई.

ये भी पढ़ें :-यास का दंश अब तक झेल रहे मजदूर, समय से पहले ईंट भट्ठा बंद होने से खाने के भी पड़े लाले

कोयले की बढ़ती कीमत और बढ़े जीएसटी की मार : बैठक में गया जिले के विभिन्न क्षेत्रों के ईट-भट्ठा संचालक शामिल हुए. बैठक के दौरान विभिन्न मांगों को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की गई. इस मौके पर बिहार ईंट निर्माता संघ के अध्यक्ष मुरारी कुमार मनु ने कहा कि कोयले की कीमत में हुई वृद्धि के कारण ईंट बनाने में जो लागत राशि लगती है, वह भी हमें नहीं मिल पा रही है. जिसके कारण हमारी स्थिति बद से बदतर हो चली है. इतना ही नहीं सरकार ने एक पर्सेंट जीएसटी की जगह 6 पर्सेंट जीएसटी लगा दिया है. ऐसे में हमें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. यही वजह है कि आगामी 8 सितंबर को बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना दिया जाएगा.

लाल ईंट को प्रतिबंधित करने से बढ़ी परेशानी : उन्होंने कहा कि सरकार ने बड़ी योजनाओं में लाल ईंट को प्रतिबंधित कर दिया गया है. हमारे ग्राहक भी निम्न व मध्यम वर्ग के लोग हैं, जो जीएसटी देकर ईंट की खरीदारी नहीं करना चाहते. ऐसे में ईंट भट्ठा बंद होने के कगार पर हैं. ईंट भट्ठा एक तरह से मजदूरों को रोजगार देता है. जिससे उनका जीवन यापन होता है. ऐसे में अगर ईंट भट्ठा बंद हो जाएगा, तो मजदूर भी बेरोजगार हो जाएंगे. दूसरी हमारी मांग है कि 6 पर्सेंट जीएसटी को घटाकर एक पर्सेंट किया जाए. इसके अलावा ईंट उत्पादन लागत का जो मूल्य है, वह 4 गुना बढ़ गया है. लेकिन विगत 7 वर्षों में सरकार ने ईंट का रेट नहीं बढ़ाया है. इसलिए वस्तुस्थिति को देखते हुए ईंट के मूल्य में बढ़ोतरी की जाए ताकि हमारा भी रोजगार चल सके. साथ ही कोल की बढ़ी कीमत को भी नियंत्रित किया जाए.

जीएसटी बढ़ने से व्यवसाय हो रहा चौपट : गया जिला ईंट निर्माता संघ के अध्यक्ष परशुराम सिंह ने कहा कि आज हमलोगों के समक्ष कई समस्याएं हैं. जीएसटी में वृद्धि के कारण हमारा व्यवसाय चौपट हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ ईंट लदे ट्रैक्टर को दिन में शहर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है. प्रशासन ने ट्रैक्टर के प्रवेश पर रोक लगा दिया है. रात में ट्रैक्टर से ईंट भेजने में परेशानी होती है. लूटपाट का भी डर लगा रहता है. जिसके कारण व्यवसाय करने में काफी परेशानी हो रही है. इन तमाम समस्याओं को लेकर आगामी 8 सितंबर को बिहार के सभी जिला मुख्यालय पर धरना दिया जाएगा. हम सरकार से मांग करते हैं कि हमारी समस्याओं को अविलंब दूर किया जाए.

ये भी पढ़ें :-कटिहार: ईंट भट्ठा व्यवसाय पर कोरोना और बाढ़ की दोहरी मार, सरकार से मदद की आस में मजदूर

गया: गया जिला ईंट निर्माता संघ की बैठक में अगले माह 8 सितंबर को बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना (brick makers picket in all districts in bihar) देने का निर्णय लिया गया. संघ की गया में हुई बैठक (Bricks manufacture meeting in Gaya) में बिहार ईंट निर्माता संघ के अध्यक्ष मुरारी कुमार मनु बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. उन्होंने बैठक में सरकार की ओर से लाल ईंट पर लगाए गए प्रतिबंध एवं जीएसटी में अचानक हुई बढ़ोतरी पर जिंता जताई.

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कोयले की बढ़ती कीमत और बढ़े जीएसटी की मार : बैठक में गया जिले के विभिन्न क्षेत्रों के ईट-भट्ठा संचालक शामिल हुए. बैठक के दौरान विभिन्न मांगों को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की गई. इस मौके पर बिहार ईंट निर्माता संघ के अध्यक्ष मुरारी कुमार मनु ने कहा कि कोयले की कीमत में हुई वृद्धि के कारण ईंट बनाने में जो लागत राशि लगती है, वह भी हमें नहीं मिल पा रही है. जिसके कारण हमारी स्थिति बद से बदतर हो चली है. इतना ही नहीं सरकार ने एक पर्सेंट जीएसटी की जगह 6 पर्सेंट जीएसटी लगा दिया है. ऐसे में हमें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. यही वजह है कि आगामी 8 सितंबर को बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना दिया जाएगा.

लाल ईंट को प्रतिबंधित करने से बढ़ी परेशानी : उन्होंने कहा कि सरकार ने बड़ी योजनाओं में लाल ईंट को प्रतिबंधित कर दिया गया है. हमारे ग्राहक भी निम्न व मध्यम वर्ग के लोग हैं, जो जीएसटी देकर ईंट की खरीदारी नहीं करना चाहते. ऐसे में ईंट भट्ठा बंद होने के कगार पर हैं. ईंट भट्ठा एक तरह से मजदूरों को रोजगार देता है. जिससे उनका जीवन यापन होता है. ऐसे में अगर ईंट भट्ठा बंद हो जाएगा, तो मजदूर भी बेरोजगार हो जाएंगे. दूसरी हमारी मांग है कि 6 पर्सेंट जीएसटी को घटाकर एक पर्सेंट किया जाए. इसके अलावा ईंट उत्पादन लागत का जो मूल्य है, वह 4 गुना बढ़ गया है. लेकिन विगत 7 वर्षों में सरकार ने ईंट का रेट नहीं बढ़ाया है. इसलिए वस्तुस्थिति को देखते हुए ईंट के मूल्य में बढ़ोतरी की जाए ताकि हमारा भी रोजगार चल सके. साथ ही कोल की बढ़ी कीमत को भी नियंत्रित किया जाए.

जीएसटी बढ़ने से व्यवसाय हो रहा चौपट : गया जिला ईंट निर्माता संघ के अध्यक्ष परशुराम सिंह ने कहा कि आज हमलोगों के समक्ष कई समस्याएं हैं. जीएसटी में वृद्धि के कारण हमारा व्यवसाय चौपट हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ ईंट लदे ट्रैक्टर को दिन में शहर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है. प्रशासन ने ट्रैक्टर के प्रवेश पर रोक लगा दिया है. रात में ट्रैक्टर से ईंट भेजने में परेशानी होती है. लूटपाट का भी डर लगा रहता है. जिसके कारण व्यवसाय करने में काफी परेशानी हो रही है. इन तमाम समस्याओं को लेकर आगामी 8 सितंबर को बिहार के सभी जिला मुख्यालय पर धरना दिया जाएगा. हम सरकार से मांग करते हैं कि हमारी समस्याओं को अविलंब दूर किया जाए.

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