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गया: बाजारों में नहीं दिख रहा खादी से बना तिरंगा, लोगों में मायूसी

इस वर्ष लॉकडाउन के कारण तिरंगा झंडा का निर्माण अधूरा रह गया. पिछले वर्ष के 3325 पीस बचे तिरंगा झंडा को बाजार भेजने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन लॉकडाउन के कारण ये भी मुमकिन नहीं हो रहा है.

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Published : Aug 12, 2020, 6:29 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 5:47 PM IST

Gaya
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गया: कोरोना वायरस ने पिछले कई महीनों से आम जनजीवन पर बुरा प्रभाव डाला है. इस वायरस का असर कई पर्व त्योहारों पर देखने को मिल रहा है. स्वतंत्रता दिवस के पूर्व जिले के बाजार मानपुर खादी ग्रामोद्योग के बने तिरंगा झंडा से पट जाते थे. लेकिन इस वर्ष लॉकडाउन के कारण गया सहित मगध क्षेत्र के बाजारों में खादी का बना झंडा नहीं दिख रहा है.

बंद है खादी के तिरंगे का निर्माण कार्य
बंद है खादी के तिरंगे का निर्माण कार्य

जिले के लोगों में मायूसी
स्वतंत्रता दिवस नजदीक आने पर लोग खादी के कपड़े से बने तिरंगा झंडा की खरीदारी करते हैं. लेकिन इस वर्ष लोगों को खादी का बना तिरंगा नहीं मिल रहा है. इससे जिले के लोगों में मायूसी है. कोरोना वायरस से बचाव को लेकर सरकार ने पूरे राज्य में लॉकडाउन लागू कर दिया है. इससे सारे उत्पादन केंद्र और बिक्री केंद्र बन्द हैं. लॉकडाउन के कारण जिले के मानपुर स्थित खादी ग्रामोद्योग में तिरंगा बनाने का काम बंद पड़ा है. जिस वजह से मगध क्षेत्र के पांच जिलों में खादी से बना तिरंगा झंडा नहीं मिल रहा है.

लॉकडाउन के कारण बंद खादी की दुकाने
लॉकडाउन के कारण बंद खादी की दुकाने

लॉकडाउन के कारण झंडा निर्माण कार्य बंद
तिरंगा झंडा बनाने के काम ठप होने के संबंध में मानपुर स्थित खादी ग्रामोद्योग के व्यवस्थापक राम प्रवेश प्रसाद ने बताया स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर पांच हजार खादी के तिरंगा झंडा का निर्माण किया जाता था. इस वर्ष लॉकडाउन के कारण तिरंगा झंडा का निर्माण अधूरा रह गया. पिछले वर्ष के 3325 पीस बचे तिरंगा झंडा को बाजार भेजने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन लॉकडाउन के कारण ये भी मुमकिन नहीं हो रहा है.

देखें रिपोर्ट

कई लोगों के रोजगार पर असर
बता दें कि जिले के मानपुर स्थित खादी ग्रामोद्योग के बने तिरंगा झंडे की मांग सबसे ज्यादा मगध क्षेत्र के गया, औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद और अरवल में है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सिर्फ झंडा ही नहीं भारी मात्रा में गांधी टोपी और खादी के कपड़ों की बिक्री होती थी. इस वर्ष यह बिल्कुल शून्य है. साथ ही बिक्री केंद्र बन्द होने से स्टॉक में पड़ा सामान भी बिक नहीं पा रहा है. इस केंद्र पर तिरंगा बनाने में 20 लोग प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं, ये सभी बेरोजगार होंगे.

गया: कोरोना वायरस ने पिछले कई महीनों से आम जनजीवन पर बुरा प्रभाव डाला है. इस वायरस का असर कई पर्व त्योहारों पर देखने को मिल रहा है. स्वतंत्रता दिवस के पूर्व जिले के बाजार मानपुर खादी ग्रामोद्योग के बने तिरंगा झंडा से पट जाते थे. लेकिन इस वर्ष लॉकडाउन के कारण गया सहित मगध क्षेत्र के बाजारों में खादी का बना झंडा नहीं दिख रहा है.

बंद है खादी के तिरंगे का निर्माण कार्य
बंद है खादी के तिरंगे का निर्माण कार्य

जिले के लोगों में मायूसी
स्वतंत्रता दिवस नजदीक आने पर लोग खादी के कपड़े से बने तिरंगा झंडा की खरीदारी करते हैं. लेकिन इस वर्ष लोगों को खादी का बना तिरंगा नहीं मिल रहा है. इससे जिले के लोगों में मायूसी है. कोरोना वायरस से बचाव को लेकर सरकार ने पूरे राज्य में लॉकडाउन लागू कर दिया है. इससे सारे उत्पादन केंद्र और बिक्री केंद्र बन्द हैं. लॉकडाउन के कारण जिले के मानपुर स्थित खादी ग्रामोद्योग में तिरंगा बनाने का काम बंद पड़ा है. जिस वजह से मगध क्षेत्र के पांच जिलों में खादी से बना तिरंगा झंडा नहीं मिल रहा है.

लॉकडाउन के कारण बंद खादी की दुकाने
लॉकडाउन के कारण बंद खादी की दुकाने

लॉकडाउन के कारण झंडा निर्माण कार्य बंद
तिरंगा झंडा बनाने के काम ठप होने के संबंध में मानपुर स्थित खादी ग्रामोद्योग के व्यवस्थापक राम प्रवेश प्रसाद ने बताया स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर पांच हजार खादी के तिरंगा झंडा का निर्माण किया जाता था. इस वर्ष लॉकडाउन के कारण तिरंगा झंडा का निर्माण अधूरा रह गया. पिछले वर्ष के 3325 पीस बचे तिरंगा झंडा को बाजार भेजने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन लॉकडाउन के कारण ये भी मुमकिन नहीं हो रहा है.

देखें रिपोर्ट

कई लोगों के रोजगार पर असर
बता दें कि जिले के मानपुर स्थित खादी ग्रामोद्योग के बने तिरंगा झंडे की मांग सबसे ज्यादा मगध क्षेत्र के गया, औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद और अरवल में है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सिर्फ झंडा ही नहीं भारी मात्रा में गांधी टोपी और खादी के कपड़ों की बिक्री होती थी. इस वर्ष यह बिल्कुल शून्य है. साथ ही बिक्री केंद्र बन्द होने से स्टॉक में पड़ा सामान भी बिक नहीं पा रहा है. इस केंद्र पर तिरंगा बनाने में 20 लोग प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं, ये सभी बेरोजगार होंगे.

Last Updated : Aug 19, 2020, 5:47 PM IST
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