गया: कोरोना वायरस के दहशत से देश के पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की संख्या काफी कम हो गई है. इसी क्रम में जिले के विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर में भी कोरोना वायरस का प्रभाव देखने को मिल रहा है. महाबोधि मंदिर में इन दिनों काफी कम पर्यटक आ रहे हैं. जिस कारण मंदिर में काम करने वाले बिहार पर्यटन विभाग के टूरिस्ट गाइड बेरोजगार हो गए हैं. मौके पर मौजूद टूर गाइड ने बताया कि पहले की अपेक्षा अब सिर्फ 10 प्रतिशत पर्यटक ही पहुंच रहे हैं. जिससे स्थानीय गाइडों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
कोरोना के डर से घरों से नहीं निकल रहे लोग
कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया गया है. महामारी से बचाव के लिए लोग जरूरत के अनुसार ही यात्रा कर रहे हैं. वहीं, देश के कई पर्यटन स्थलों को एहतियातन बंद कर दिया गया है. विदेशी यात्रियों का आवागमन पूरी तरह से बंद है. महाबोधि मंदिर को बंद तो नहीं किया गया है, लेकिन इस समय में मंदिर में बहुत कम पर्यटक आ रहे हैं. जिससे टूरिस्ट गाइडों को काम नहीं मिल रहा है.
'पर्यटन विभाग के रजिस्टर्ड 120 गाइड बेरोजगार'
कोरोना का असर मार्केट के हर विभाग पर पड़ रहा है. स्कूल, कॉलेज और मॉल पहले से ही बंद हैं. इसका साफ असर अब पर्यटन पर भी दिख रहा है. जहां, पर्यटन स्थल पहले गुलजार रहती थी. वहीं, आज वहां सन्नाटा पसरा है. एक टूरिस्ट गाइड ने बताया कि बोधगया में बिहार पर्यटन विभाग के रजिस्टर्ड 120 गाइड काम करते हैं. बसंत से लेकर चैत्र महीने तक यहां यात्रियों की काफी भीड़ लगी रहती थी, लेकिन इस वर्ष पिछले साल की तुलना में काफी कम पर्यटक आ रहे हैं. ऐसे में हमलोगों के पास दो जून की रोटी जुटाना भी चिंता का सबब बन गया है.
पर्यटन विभाग को हजारों करोड़ का नुकसान
साथ ही निलेश ने बताया कि कोरोना वायरस का असर 120 गाइडों पर सीधे तौर पर पड़ा है. हमलोग हर दिन 5 से 6 पर्यटक या पूरे समूह को गाइड कर 500 से 600 रुपये किसी भी हाल में कमा ही लेते थे, लेकिन कुछ दिनों से टूर गाइडों को घर बैठना पड़ रहा है. गौरतलब है कि कोरोना वायरस के दहशत से बोधगया में पर्यटक नहीं आने से पूरे बोधगया में सन्नाटा पसरा हुआ है. होटल और रेस्टोरेंट में लोग नहीं दिख रहे हैं. ऐसा अनुमान है कि बोधगया पर्यटन विभाग को सिर्फ 27 जनवरी से 19 मार्च तक कोरोना की वजह से हजारों करोड़ का घाटा हुआ है.