गया: कोरोना की त्रासदी से लोग त्रस्त हो चुके हैं. इससे निजात पाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करने में जुटे हुए हैं. जहां वैज्ञानिकों ने दिन-रात एक करके वैक्सीन बनाए. अब वे दवा बनाने में जुट गए हैं. दूसरी ओर इस महामारी के दौर में अंधविश्वास का खेल भी खुलकर खेला जा रहा है. ऐसी ही एक तस्वीर गया शहर के कालीबाड़ी मंदिर में देखने को मिली.
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कोरोना से मुक्ति के लिए विशेष तांत्रिक पूजा
गया शहर स्थित कालीबाड़ी मंदिर में विश्व शांति की कामना व कोरोना से मुक्ति की कामना को लेकर विशेष तांत्रिक पूजा की गई. इसके लिए बकरे की बलि दी गई. मौके पर उपस्थित लोगों ने कहा कि ऐसी मान्यता है कि पुराने समय में भी किसी भी तरह की महामारी के दौरान पूजा अर्चना कर सुख शांति की कामना की जाती रही है. इसी कारण काली मंदिर में तांत्रिक पूजा का आयोजन किया गया है. इस दौरान हवन भी किया गया.
मंदिर के स्थापना दिवस पर दी गई बलि
वहीं, कालीबाड़ी मन्दिर के मुख्य पुजारी रवि चक्रवर्ती ने बताया कि आज मन्दिर का स्थापना दिवस है. इस दिन प्रत्येक साल विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इस साल विश्व शांति और कोरोना से मुक्ति के लिए पूजा अर्चना की गई है.
''मां काली की विधिवत पूजा की जाती है. मध्य रात्रि से पूजा शुरू की जाती है. ये पूजा परंपरा मैंने अपने पूर्वजों से सीखा है. कोरोना हिंसा से फैली है. अब विश्व में अहिंसा कायम होगी, तो कोरोना से मुक्ति मिल जाएगा.'' - साधक रवि चक्रवर्ती, पुजारी
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किसी भक्त ने दिया बलि के लिए बकरा
बकरे की बलि देने के सवाल पर तांत्रिक ने कहा कि इसे हमने नहीं खरीदा है, बल्कि किसी भक्त ने इसे दिया है. वहीं, पुजारी ने कहा कि हवन के लिए मछली भी मंगाई गई है. बता दें साधक रवि पूर्व में अपने कारनामें से विवाद में रहे हैं. कई बार जेल भी जा चुके हैं.
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