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गया: आर्ट ऑफ लिविंग आश्रम में स्वामी विष्णु चैतन्या ने छात्र की मौत को बताया दुर्भाग्यपूर्ण - art of living ashram in gaya

मृतक के पिता मिथलेश तिवारी ने बताया कि अमर किशोर की मौत में आश्रम के कर्मियों का हाथ है. वहीं, आर्ट ऑफ लिविंग श्री श्री रविशंकर आश्रम के स्वामी विष्णु चैतन्या ने कहा कि हमारे आश्रम के एक होनहार विद्यार्थी अमर किशोर तिवारी का दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई है.

स्वामी विष्णु चैतन्या
स्वामी विष्णु चैतन्या
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Published : Feb 8, 2020, 9:36 AM IST

गया: मगध विश्वविद्यालय बोधगया थाना क्षेत्र के आर्ट ऑफ लिविंग श्री श्री रविशंकर आश्रम में वेद की शिक्षा प्राप्त कर रहे एक नाबालिग बच्चे की मौत 2 फरवरी को संदिग्ध हालत में हो गई थी. मृतक बच्चा वजीरगंज थाना क्षेत्र के कर्जारा स्टेशन का रहने वाला मिथलेश तिवारी का पुत्र अमर किशोर तिवारी था. मृतक बच्चा आश्रम में 18 महिने पहले दाखिला लिया था.

'नहीं मिली घटना की स्पष्ट जानकारी'
मृतक के पिता मिथलेश तिवारी ने बताया कि अमर किशोर की मौत आश्रम के कर्मियों ने किया है. हमारी ओर से किसी भी प्रकार का अमर पर कोई दवाब नहीं था. उन्होंने कहा कि मौत 10 बजे होती है और हमें सूचना 2 बजे दी जाती है कि, आपका बच्चे का तबियत खराब है. आप लोग गया मगध मेडिकल कॉलेज आ जाइए. जब हम वहां पहुंचे, तो किशोर ही मौत हो गई थी. हमारे पुत्र की मौत के चार दिन गुजरने के बाद भी अभी तक किसी तरह की घटना की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'सभी आरोप बेबुनियाद हैं'
वहीं, आर्ट ऑफ लिविंग श्री श्री रविशंकर आश्रम के स्वामी विष्णु चैतन्या ने कहा कि हमारे आश्रम के एक होनहार विद्यार्थी अमर किशोर तिवारी का दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई है. हमलोग इस घटना से काफी दुखी हैं. मृतक के परिवार वाले के साथ है. लेकिन मृतक के परिजन की ओर से लगाया गया आरोप बेबुनियाद है. हमारे और आश्रम के ऊपर मृतक के परिवार वाले की ओर से जानबुझकर गलत जानकारी फैलाई जा रही है. दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी, इस समय शिक्षक आश्रम में और हॉस्पिटल में मौजूद नहीं थे. बच्चे की मौत का कारण मृतक के कम परीक्षा परिणाम में अंक आने के कारण परिजन का दबाव था.

'विद्यार्थी पर नहीं बनाया जाता दबाव'
स्वामी विष्णु चैतन्या ने कहा कि हमारी संस्था देशभर में 702 फ्री स्कूल चला रही है. हमारी सभी संस्था शैक्षिक संस्थान में मानव मूल्यों को पोषित करता है और सीखने में उत्सुकता पर ध्यान देता है. यहां परीक्षा में कम अंक आने पर मूल्यांकन नहीं किया जाता है. अभी 156 देशो में निरंतर कार्यरत हैं. संस्थान की ओर से किसी भी विद्यार्थी पर दबाव नहीं बनाया जाता है. यहां पर संमग्र मूल्यों पर आधारित शिक्षा और बच्चों में मानव मूल्यों के पोषण पर ध्यान केंद्रित किया जाता है.

गया: मगध विश्वविद्यालय बोधगया थाना क्षेत्र के आर्ट ऑफ लिविंग श्री श्री रविशंकर आश्रम में वेद की शिक्षा प्राप्त कर रहे एक नाबालिग बच्चे की मौत 2 फरवरी को संदिग्ध हालत में हो गई थी. मृतक बच्चा वजीरगंज थाना क्षेत्र के कर्जारा स्टेशन का रहने वाला मिथलेश तिवारी का पुत्र अमर किशोर तिवारी था. मृतक बच्चा आश्रम में 18 महिने पहले दाखिला लिया था.

'नहीं मिली घटना की स्पष्ट जानकारी'
मृतक के पिता मिथलेश तिवारी ने बताया कि अमर किशोर की मौत आश्रम के कर्मियों ने किया है. हमारी ओर से किसी भी प्रकार का अमर पर कोई दवाब नहीं था. उन्होंने कहा कि मौत 10 बजे होती है और हमें सूचना 2 बजे दी जाती है कि, आपका बच्चे का तबियत खराब है. आप लोग गया मगध मेडिकल कॉलेज आ जाइए. जब हम वहां पहुंचे, तो किशोर ही मौत हो गई थी. हमारे पुत्र की मौत के चार दिन गुजरने के बाद भी अभी तक किसी तरह की घटना की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'सभी आरोप बेबुनियाद हैं'
वहीं, आर्ट ऑफ लिविंग श्री श्री रविशंकर आश्रम के स्वामी विष्णु चैतन्या ने कहा कि हमारे आश्रम के एक होनहार विद्यार्थी अमर किशोर तिवारी का दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई है. हमलोग इस घटना से काफी दुखी हैं. मृतक के परिवार वाले के साथ है. लेकिन मृतक के परिजन की ओर से लगाया गया आरोप बेबुनियाद है. हमारे और आश्रम के ऊपर मृतक के परिवार वाले की ओर से जानबुझकर गलत जानकारी फैलाई जा रही है. दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी, इस समय शिक्षक आश्रम में और हॉस्पिटल में मौजूद नहीं थे. बच्चे की मौत का कारण मृतक के कम परीक्षा परिणाम में अंक आने के कारण परिजन का दबाव था.

'विद्यार्थी पर नहीं बनाया जाता दबाव'
स्वामी विष्णु चैतन्या ने कहा कि हमारी संस्था देशभर में 702 फ्री स्कूल चला रही है. हमारी सभी संस्था शैक्षिक संस्थान में मानव मूल्यों को पोषित करता है और सीखने में उत्सुकता पर ध्यान देता है. यहां परीक्षा में कम अंक आने पर मूल्यांकन नहीं किया जाता है. अभी 156 देशो में निरंतर कार्यरत हैं. संस्थान की ओर से किसी भी विद्यार्थी पर दबाव नहीं बनाया जाता है. यहां पर संमग्र मूल्यों पर आधारित शिक्षा और बच्चों में मानव मूल्यों के पोषण पर ध्यान केंद्रित किया जाता है.

Intro:बोधगया मगध विश्व विद्यालय एस्थित आर्ट ऑफ लिविंग आश्रम में स्वामी विष्णु चैतन्या ने प्रेस वार्ता किया।Body:गया बोधगया मगध विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के आर्ट ऑफ लिविंग श्री श्री रविशंकर आश्रम में वेद की शिक्षा प्राप्त कर रहे एक नाबालिक बच्चे की मौत 2 फरवरी को संदिग्ध हालात में हो गई थी।मृतक बच्चा वजीरगंज थाना क्षेत्र के कर्जारा स्टेशन के रहने वाले मिथलेश तिवारी के पुत्र अमर किशोर तिवारी थे।
मृतक बच्चा 18 माह पहले दाखिला लिया था। मृतक के पिता मिथलेश तिवारी ने बताया कि हमारा बच्चा की मौत आश्रम के कर्मी द्वारा किया गया है।हमारे ओर से किसी प्रकार का कोई दवाब बच्चा पर नही था। मौत होती है 10 बजे और हमे सूचना 2 बजे दिया जाता है।कि आपका बच्चा का तबियत खराब है आप लोग गया मगध मेडिकल कॉलेज आ जाइए।जब हम पहुचे तो काका ही मौत हो गई थी।
हमारे पुत्र की मौत का चार दिन गुजरने के बाद भी अभी तक किसी तरह का घटना का अस्पस्ट जानकारी नही मिल पाया है।
वही आर्ट आर्ट ऑफ लिविंग श्री श्री रविशंकर आश्रम के स्वामी विष्णु चैतन्या ने एक प्रेस वार्ताकर बताया कि हमारे आश्रम के एज होनहार बिद्यार्थी अमर किशोर तिवारी का दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई है।हमलोग बहुत इस घटना से काफी दुखी हैं।
मृतक के परिवार वाले के साथ है।मृतक के परिजन की ओर से लगाया गया आरोप बेबुनियाद है।
हमारे ऊपर या हमारे आश्रम को मृतक के परिवार वाले ने जानबुझकर गलत जानकारी फैलाई जा रही है। दुर्भाग्यपूर्ण घटना समय शिक्षक आश्रम में व हॉस्पिटल में मैजूद नही थे। बच्चे का मौत का कारण मृतक के कम परीक्षा परिणाम में अंक आने के कारण परिजन का दवाब था।
हमारी संस्था देशभर में 702 फ्री स्कूल चला रही है।और हमारी सभी संस्था शैक्षिक सस्थान में मानव मूल्यों को पोषित करता है और सीखने में उत्सुकता पर ध्यान देता है।यहा परीक्षा में कम अंक आने पर मूल्यांकन नहीं किया जाता है। अभी 156 देशो में निरंतर कार्यरत हैं। सस्थान की ओर से किसी भी बिद्यार्थी पर दबाव नही बनाया जाता है।यहां पर संमग्र मूल्यों पर आधारित शिक्षा व बच्चो में मानव मूल्यों के पोषण पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
आर्ट ऑफ लिविंग श्री श्री रविशंकर आश्रम में कुल 24 बिद्यार्थी थे।सभी के परिजन भी प्रेस वार्ता में शामिल हुये थे।Conclusion:बरहाल आपको बता दें कि 2 फरवरी को आर्ट ऑफ लिविंग आश्रम में वेद की शिक्षा प्राप्त कर रहे नाबालिक बिद्यार्थी की संधिगत अवस्था में मौत हो गई थी। मृतक का परिजन का आरोप है कि मौत की आश्रम के कर्मी द्वारा किया गया है।
जबकि इसी को लेकर आश्रम के स्वमी विष्णु चैतन्या ने बताया कि लगया गया आरोप निराधार है।आश्रम के कर्मी न बल्कि खुद को जान दे दिया था।
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