ETV Bharat / state

IIM बोधगया पहुंचे दलाईलामा, छात्रों को दिया अहिंसा और करुणा का मूलमंत्र

बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा कि हमारी अधिकांश समस्याएं हमारी अपनी रचना है. इसके अलावा उन्होंने अहिंसा, करुणा और सहनशीलता की सदियों पुरानी प्रथाओं पर प्रकाश डाला.

spiritual leader dalai lama reached IIM bodhgaya
आईआईएम बोधगया में दलाईलामा
author img

By

Published : Jan 14, 2020, 3:18 PM IST

गया: बोधगया के मगध विश्व विद्यालय कैंपस स्थित आईआईएम में परम पावन दलाईलामा पहुंचे. जहां शिक्षकों और छात्रों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. आगमन के बाद बौद्ध धर्मगुरु ने सबसे पहले एक पीपल का वृक्ष लगाया. उसके बाद आईआईएम के छात्रों सहित शिक्षकों को संबोधित किया. बता दें कि भारतीय प्रबंधन संस्थान के छात्र परम पावन दलाईलामा से रूबरू हुए. छात्रों ने उनसे अपने-अपने सवाल पूछे, जिसका उन्होंने जवाब दिया.

अहिंसा और करुणा पर दिया भाषण
कार्यक्रम में छात्रों के अलावा संस्थान की डाइरेक्टर और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे. अपने भाषण के दौरान बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने 'क्लासिकल इंडियन थॉट्स एंड इट्स रेलेवेंस ऑन द मॉडर्न वर्ल्ड' पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की. उन्होंने कहा कि हमारी अधिकांश समस्याएं हमारी अपनी रचना है. उन्होंने अहिंसा, करुणा और सहनशीलता की सदियों पुरानी प्रथाओं पर प्रकाश डाला. साथ ही उन्होंने एक व्यक्ति की मानसिक और आध्यात्मिक विकास में किस चीज की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसके बारे में बताया.

IIM बोधगया पहुंचे दलाईलामा

'दुनिया में चाहता हूं अमन और शांति'
बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने छात्रों को जीवन प्रबंधन का मूल मंत्र दिया. उन्होंने कहा कि विकसित देश बनने के लिए अहिंसा मूल मंत्र है. साथ ही शिक्षकों को शिक्षा के गुण के बारे में बताया. कुल मिलाकर उन्होंने शिक्षकों और छात्रों को करुणा और अहिंसा पर ध्यान देने की बात कही. उन्होंने कहा कि वे यही चाहते हैं कि देश दुनिया में अमन और शांति कायम रहे.

गया: बोधगया के मगध विश्व विद्यालय कैंपस स्थित आईआईएम में परम पावन दलाईलामा पहुंचे. जहां शिक्षकों और छात्रों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. आगमन के बाद बौद्ध धर्मगुरु ने सबसे पहले एक पीपल का वृक्ष लगाया. उसके बाद आईआईएम के छात्रों सहित शिक्षकों को संबोधित किया. बता दें कि भारतीय प्रबंधन संस्थान के छात्र परम पावन दलाईलामा से रूबरू हुए. छात्रों ने उनसे अपने-अपने सवाल पूछे, जिसका उन्होंने जवाब दिया.

अहिंसा और करुणा पर दिया भाषण
कार्यक्रम में छात्रों के अलावा संस्थान की डाइरेक्टर और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे. अपने भाषण के दौरान बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने 'क्लासिकल इंडियन थॉट्स एंड इट्स रेलेवेंस ऑन द मॉडर्न वर्ल्ड' पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की. उन्होंने कहा कि हमारी अधिकांश समस्याएं हमारी अपनी रचना है. उन्होंने अहिंसा, करुणा और सहनशीलता की सदियों पुरानी प्रथाओं पर प्रकाश डाला. साथ ही उन्होंने एक व्यक्ति की मानसिक और आध्यात्मिक विकास में किस चीज की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसके बारे में बताया.

IIM बोधगया पहुंचे दलाईलामा

'दुनिया में चाहता हूं अमन और शांति'
बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने छात्रों को जीवन प्रबंधन का मूल मंत्र दिया. उन्होंने कहा कि विकसित देश बनने के लिए अहिंसा मूल मंत्र है. साथ ही शिक्षकों को शिक्षा के गुण के बारे में बताया. कुल मिलाकर उन्होंने शिक्षकों और छात्रों को करुणा और अहिंसा पर ध्यान देने की बात कही. उन्होंने कहा कि वे यही चाहते हैं कि देश दुनिया में अमन और शांति कायम रहे.

Intro:गया बोधगया IIM में परम पावन दलाईलामा के आगमन के बाद उन्होंने कहा कि शिक्षकों और छात्रों को करुणा अव अहिंसा पर ध्यान देने की जरूरत।
छात्रों को दिया जीवन प्रबंधन के मूल मंत्र। कहा विकसित देश बनने के लिए अहिंसा मूल मंत्र है।Body:मगध विश्व विद्यालय कैंपस एस्थित इंडियन प्रबन्द सस्थान (IIM)बोधगया में परम पावन बौद्ध धर्मगुरु 14वे दलाईलामा का आगमन हुआ।
आगमन के बाद बौद्ध धर्मगुरु ने सबसे एक पीपल वृक्ष लगाया। उसके बाद IIM के लोगों को रिमोन्ट के जरिये किया उद्धघाटन।
बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा शिक्षा के गुण के बारे में बताया।
परम पावन ने क्लासिकल इंडियन थॉट्स एंड इट्स रेलेवेंस ऑन द मॉडर्न वर्ल्ड में अपनी धन्य अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने कहा कि हमारी अधिकांश समस्याएं हमारी अपनी रचना हैं। युद्ध और संगठित हिंसा के अन्य रूप मनुष्यों के लिए अद्वितीय हैं, और 20 वीं शताब्दी में शिखर तक पहुंचने वाले ये मुद्दे 21 वीं सदी में नहीं दोहराए जाने चाहिए। उन्होंने अहिंसा और करुणा सहनशीलता की सदियों पुरानी प्रथाओं पर प्रकाश डाला और इन मुद्दों का मुकाबला करने में वे कितने प्रासंगिक हैं। परम पावन के अनुसार भारत इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि विभिन्न संस्कृतियाँ किस प्रकार सामंजस्य के साथ रह सकती हैं। अपने भाषण में उन्होंने एक व्यक्ति के मानसिक और आध्यात्मिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षा नाटकों की भी बात की।
शिक्षकों और छात्रों को करुणा अव अहिंसा पर ध्यान देने की जरूरत है।
जीवन प्रबंधन के मूल मंत्र। कहा विकसित देश बनने के लिए अहिंसा मूल मंत्र।
मैं यही चाहता हूं कि देश दुनिया में अमन चैन व शांति कायम रहे।
भारतीय प्रबंधन संस्थान के छात्र छात्रों ने परम पावन दलाईलामा से रूबरू हुये।कई छात्र ने अपने अपने सवाल भी पूछे जिसका जवाब भी दिये।
बौद्ध धर्म में, ध्यान को एक विशेष स्थान दिया गया है अर्थात् ध्यान। इस संबंध में, आज की अत्यधिक प्रतिस्पर्धी और तेज गति वाली दुनिया में कोई लंबे समय तक स्थायी शांति कैसे प्राप्त कर सकता है।
दिन प्रतिदिन अपनी कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए हम अपनी जीवनशैली में ध्यान को कैसे शामिल कर सकते हैं।
"हमारे इस युग में हमेशा नई चीजों पर काम करना रोमांचक होता है और हर विचार आकर्षक लगता है और इस वजह से हम पहले की प्रतिबद्धताओं से भटक जाते हैं, इसलिए सही रास्ता चुनना भी मुश्किल हो जाता है। इससे कैसे बचें?
आपको दुनिया भर में अच्छी तरह से जाना जाता है - अमेरिका, लंदन, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप आप हर जगह हैं, आप जानते हैं कि रंग भेद, धर्म और जाति के अंतर हैं, यह देखते हुए कि हम एक ही सर्वशक्तिमान के बेटे हैं, क्यों इतना अंतर और घृणा है मानव इतिहास और यदि आप एक जादू कर सकते हैं तो इस अंतर को कम करने के लिए क्या होगा।
संपूर्ण मानव समाज को जगाने या उसे जगाने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए? जैसा कि हम देखते हैं कि बहुत से लोगों की बुनियादी शिक्षा होती है लेकिन उनकी संज्ञानात्मक क्षमता समय के साथ विकसित नहीं होती है।
इस कार्यक्रम में छात्र निर्देशक व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
वही IIM के डाईरेक्टर विनीता शाह ने कहा कि परम पावन दलाईलामा जी का आना हमारे लिए व हमारी संस्था के सौभाग्य की बात है। हमारी संस्कृति संस्था के उत्थान के लिए बहुत कुछ जानकारी दिये जिससे कैसे छात्र व छात्रा बुलंदीयो को पा सके।
आपको बता दें कि परम पावन दलाईलामा जी 24 दिसम्बर से बोधगया तिब्बती मंदिर आगमन हुआ
उसके बाद कालचक्र मैदान में विश्व शांति अहिँसा के लिये पांच दिवसीय प्रशिक्षण 2 जनवरी से 6 जनवरी तक दिये।
परम पावन दलाईलामा से आशीर्वाद लेने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी भी आये थे।Conclusion:गया बोधगया आईआईएम पहुंचे दलाईलामा। छात्रों से हुए रूबरू। दिया जीवन प्रबंधन के मूल मंत्र। कहा विकसित देश बनने के लिए अहिंसा मूल मंत्र है।
भारत की ऐसी भूमि है जहां मगध की धरती में ज्ञान व
मोक्ष भूमि पर आकर गौरवशाली समझतें हैं।
जीवन को सफल बनाने के लिए सभी को शांति व अहिंसा का ज्ञान होना बहुत जरूरी है।
मैं यही चाहता हु की पूरे विश्व मे अमन चैन व शांति कायम रहे।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.