गया: बोधगया के मगध विश्व विद्यालय कैंपस स्थित आईआईएम में परम पावन दलाईलामा पहुंचे. जहां शिक्षकों और छात्रों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. आगमन के बाद बौद्ध धर्मगुरु ने सबसे पहले एक पीपल का वृक्ष लगाया. उसके बाद आईआईएम के छात्रों सहित शिक्षकों को संबोधित किया. बता दें कि भारतीय प्रबंधन संस्थान के छात्र परम पावन दलाईलामा से रूबरू हुए. छात्रों ने उनसे अपने-अपने सवाल पूछे, जिसका उन्होंने जवाब दिया.
अहिंसा और करुणा पर दिया भाषण
कार्यक्रम में छात्रों के अलावा संस्थान की डाइरेक्टर और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे. अपने भाषण के दौरान बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने 'क्लासिकल इंडियन थॉट्स एंड इट्स रेलेवेंस ऑन द मॉडर्न वर्ल्ड' पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की. उन्होंने कहा कि हमारी अधिकांश समस्याएं हमारी अपनी रचना है. उन्होंने अहिंसा, करुणा और सहनशीलता की सदियों पुरानी प्रथाओं पर प्रकाश डाला. साथ ही उन्होंने एक व्यक्ति की मानसिक और आध्यात्मिक विकास में किस चीज की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसके बारे में बताया.
'दुनिया में चाहता हूं अमन और शांति'
बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने छात्रों को जीवन प्रबंधन का मूल मंत्र दिया. उन्होंने कहा कि विकसित देश बनने के लिए अहिंसा मूल मंत्र है. साथ ही शिक्षकों को शिक्षा के गुण के बारे में बताया. कुल मिलाकर उन्होंने शिक्षकों और छात्रों को करुणा और अहिंसा पर ध्यान देने की बात कही. उन्होंने कहा कि वे यही चाहते हैं कि देश दुनिया में अमन और शांति कायम रहे.