गया: उरी अटैक में शहीद जवान सुनील कुमार विद्यार्थी के गांव बोकनारी में चेचक महामारी फैली हुई है. खास बात ये है कि प्रशासन इस महामारी को लेकर उदासीन है. ग्रामीण भी दवा पर कम और झाड़-फूंक पर ज्यादा भरोसा रख रहे हैं. आमतौर पर चेचक बच्चों में निकलती है, लेकिन ये चेचक कुछ अलग है. आलम ये है कि गांव में बच्चे से लेकर बूढ़े तक इस महामारी की चपेट में हैं. बावजूद इसके गांव में अभी तक कोई भी मेडिकल टीम नहीं पहुंची है.
इसे भी पढ़े: बिहार में 2.5 करोड़ बुजुर्ग, यही रफ्तार रही तो वैक्सीनेशन में लग जाएंगे वर्षों
परैया प्रखण्ड के कई गांव चेचक की चपेट में
दरअसल गया जिले के कई प्रखंडों में इन दिनों चेचक महामारी का कहर लोगों पर बरपा है. इन्हीं प्रखंडों में से एक है परैया प्रखण्ड, जिसके कई गांवों में लोग चेचक बीमारी की चपेट में हैं. इस प्रखंड से सटे परैया खुर्द पंचायत के वंशराज बिगहा में चिकन पॉक्स फैल रहा है, वहीं परैया प्रखण्ड स्थित बोकनारी गांव जोकि उरी हमले में शहीद जवान नायक सुनील कुमार विद्यार्थी का गांव है, वहां भी चेचक से सैकड़ों लोग पीड़ित हैं. शहीद के गांव में चेचक का कहर पिछले एक माह से फैला हुआ है. अब ये महामारी का रूप ले चुका है. लेकिन अभी तक गांव में मेडिकल विभाग की कोई टीम नहीं पहुंची है.
शहीद के गांव में लोग अब भगवान भरोसे
बोकनारी गांव के सनी कुमार बताते हैं कि उनका बच्चा पिछले पांच दिन से चेचक से ग्रसित है. वे कहते हैं कि हम लोग चेचक होने पर दवा नहीं करवाते हैं, बल्कि सब भगवान पर छोड़ देते हैं, पूजा-पाठ करने से ही यह ठीक होता है, इसका कोई इलाज नहीं है. वहीं गांव की एक महिला कुंती देवी कहती हैं कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. हमलोग सभी दिन में पूजा-पाठ करते हैं, शुरुआती दिनों में पीड़ित को बिल्कुल घर में रखते हैं और उसे कुछ खाने को नहीं मिलता है. चार से पांच दिन बाद पूजा करने पर खाना मिलता है और दवा कराया जाता है. वहीं एक और महिला सुनैना बताती हैं कि उनके घर सहित इस गांव में सौ से अधिक लोग चेचक से ग्रसित है. पिछले एक माह से महामारी फैली है लेकिन अभी तक गांव में नहीं आया है. मुखिया और सरपंच के कहने पर भी कोई पहल नहीं किया गया है.
इसे भी पढ़े: कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग
शहीद के पिता बोले - सरकार पूरी निकम्मी है
वहीं गांव में फैली चेचक महामारी के बारे में बोलते हुए उरी हमले में शहीद जवान सुनील विद्यार्थी के पिता मथुरा प्रसाद सरकार पर सवाल उठाते हैं. वे कहते हैं कि सरकार बिल्कुल निकम्मी है. 100 से अधिक लोग चेचक से ग्रसित हैं, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है. जब मेरा बेटा शहीद हुआ था तो उस वक़्त घोषणाएं हुई थीं कि बोकनारी गांव में अस्पताल बनेगा, लेकिन अभी तक कुछ नहीं बना है.
स्वास्थ्य विभाग है बेखबर
ये तो गांव के लोगों का व्यक्तव्य है. लेकिन अब प्रशासन की बात भी सुन लीजिए. जब ईटीवी भारत ने इस बारे में जिला प्रशासन और जिला स्वास्थ्य विभाग से पूछा तो वो चेचक महामारी फैलने की बात से बेखबर दिखे. सिविल सर्जन डॉ के.के.राय ने कहा मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, इसका इलाज है घर में रहना और स्वच्छता से रहना. उन्होंने कहा कि हमे परैया प्रखण्ड के खुर्द पंचायत के बारे में जानकारी मिली तो वहां मेडिकल टीम भेजी गई है. अब इस गांव के बारे में पता चला है तो यहां भी मेडिकल टीम भेजी जाएगी.