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गया सेंट्रल जेल में मना भाई बहन का त्योहार, जेल में बंद भाइयों को बहनों ने राखी बांधी

Gaya Central jail के मेन गेट की छोटी सी खोली से हाथ डालकर भाइयों को बहनों ने कलाई पर राखी बांधकर तिलक भी लगाया. जेल प्रशासन ने यहां ज्यादा भीड़ होने के कारण सुरक्षा व्यवस्था को काफी चाक-चौबंद बना कर रखा था. पढ़ें पूरी खबर.

भाई बहन का त्योहार
भाई बहन का त्योहार
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Published : Aug 12, 2022, 2:31 PM IST

गया: भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास के त्योहार रक्षाबंधन के दिन बहनों को जेलों में कैद भाइयों को राखी बांधने की व्यवस्था है. इसी क्रम में गया में सुबह से ही बहनें अपने भाइयों से मिलने और उनको राखी बांधने के लिए पहुंच रही हैं. पिछले 2 सालों से कोरोना के कारण राखी बांधने की अनुमति नहीं मिली थी. वहीं भाइयों को राखी बांधने के बाद बहनें भावुक हुई. किंतु भाई बहन के इस पवित्र त्योहार में बहनें जेल के दरवाजे तक चली जाती हैं. इसका नजारा गया सेंट्रल जेल (Rakhi In Gaya Central jail) में देखने को मिला. जहां सेंट्रल जेल के गेट की छोटी सी खिड़की से भाई को बहन राखी बांधती है.

यह भी पढ़ें-बेस्ट मुहूर्त अभी है बाकी, आज ही सबसे ज्यादा शुभ इस मुहूर्त में मनाएं रक्षाबंधन

भाइयों को राखी बांधने पहुंची बहनें: शुक्रवार को गया सेंट्रल जेल में सैकड़ों की संख्या में बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने पहुंची. यहां पर पूरे बिहार के कैदियों की बहनें अपने भाई को राखी बांधने पहुंची थी. सेंट्रल जेल में नियमों का पालन कराते हुए जेल प्रशासन सभी बहनों को अपने भाइयों की कलाई में राखी बंधवाने का काम किया है.

जेल के गेट की छोटी सी खोली बनती रही गवाह: दूर-दराज से आई हुई बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए गेट में खुले एक छोटे से खिड़की में हाथ डालकर राखी बांधने को मजबूर हुईं. इस बीच भाई-बहनों के बीच खुशी का मौका था. जेल प्रशासन बारी-बारी से सैकड़ों कैदियों को अपनी बहनों के हाथों से राखी बंधवाने का काम किया है.

कई बंदी सालों से हैं कैद: गया सेंट्रल जेल में कई कैदी सालों से कैद हैं. कोई कैदी आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, तो कोई 5 साल से अधिक समय से जेल में बंद है. इस स्थिति में कोरोना काल के कारण पिछले 2 सालों से बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने गया जेल में नहीं पहुंच सकी थी. लेकिन कोरोना से अनलॉक होने के बाद इस बार रक्षाबंधन पर्व पर कैदियों को राखी बांधने के लिए उनकी बहनों को मौका मिला. कई कैदियों की बहनें काफी खुश होकर यहां पहुंची और भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर लौटी.

कई बहनें राखी बांधने के लिए पहुंची: गया सेंट्रल जेल में अहले सुबह से कई महिलाएं और युवती अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए सेंट्रल जेल पहुंची. जहां जेल में बंद भाइयों ने अपने हाथ को गेट के छोटी खिड़की के सहारे बाहर किया और बहनों ने उनकी हाथों में राखियां बांधी. इस दौरान परंपरा के अनुसार कैदियों ने अपनी बहन को उनकी रक्षा का वचन और आशीर्वाद दिया. जेल में अपने भाइयों को देख बहनें भावुक होती हुई दिखी.

यह भी पढ़ें- किन्नर बहनों ने भाजपा कार्यकर्ताओं को बांधी राखी, देखें वीडियो

जेल प्रशासन रहा काफी चौकस: शुक्रवार यानि आज सुबह से ही सेंट्रल जेल के मेन गेट पर काफी संख्या में लोग पहुंचे थे. कई कैदियों की बहनें परिवार के लोगों के साथ पहुंची थी. वहीं मेन गेट पर काफी भीड़ हो जाने से अराजकता की स्थिति उत्पन्न ना हो, इसके लिए जेल प्रशासन ने काफी चौकस व्यवस्था की थी.



''हम शंकरविगहा गांव से आये हैं. अपने भाई को राखी बांधने आये थे. राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई भी भाई को खिलाये''.- पूनम कुमारी, राखी बांधने आई बहन



गया: भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास के त्योहार रक्षाबंधन के दिन बहनों को जेलों में कैद भाइयों को राखी बांधने की व्यवस्था है. इसी क्रम में गया में सुबह से ही बहनें अपने भाइयों से मिलने और उनको राखी बांधने के लिए पहुंच रही हैं. पिछले 2 सालों से कोरोना के कारण राखी बांधने की अनुमति नहीं मिली थी. वहीं भाइयों को राखी बांधने के बाद बहनें भावुक हुई. किंतु भाई बहन के इस पवित्र त्योहार में बहनें जेल के दरवाजे तक चली जाती हैं. इसका नजारा गया सेंट्रल जेल (Rakhi In Gaya Central jail) में देखने को मिला. जहां सेंट्रल जेल के गेट की छोटी सी खिड़की से भाई को बहन राखी बांधती है.

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भाइयों को राखी बांधने पहुंची बहनें: शुक्रवार को गया सेंट्रल जेल में सैकड़ों की संख्या में बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने पहुंची. यहां पर पूरे बिहार के कैदियों की बहनें अपने भाई को राखी बांधने पहुंची थी. सेंट्रल जेल में नियमों का पालन कराते हुए जेल प्रशासन सभी बहनों को अपने भाइयों की कलाई में राखी बंधवाने का काम किया है.

जेल के गेट की छोटी सी खोली बनती रही गवाह: दूर-दराज से आई हुई बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए गेट में खुले एक छोटे से खिड़की में हाथ डालकर राखी बांधने को मजबूर हुईं. इस बीच भाई-बहनों के बीच खुशी का मौका था. जेल प्रशासन बारी-बारी से सैकड़ों कैदियों को अपनी बहनों के हाथों से राखी बंधवाने का काम किया है.

कई बंदी सालों से हैं कैद: गया सेंट्रल जेल में कई कैदी सालों से कैद हैं. कोई कैदी आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, तो कोई 5 साल से अधिक समय से जेल में बंद है. इस स्थिति में कोरोना काल के कारण पिछले 2 सालों से बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने गया जेल में नहीं पहुंच सकी थी. लेकिन कोरोना से अनलॉक होने के बाद इस बार रक्षाबंधन पर्व पर कैदियों को राखी बांधने के लिए उनकी बहनों को मौका मिला. कई कैदियों की बहनें काफी खुश होकर यहां पहुंची और भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर लौटी.

कई बहनें राखी बांधने के लिए पहुंची: गया सेंट्रल जेल में अहले सुबह से कई महिलाएं और युवती अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए सेंट्रल जेल पहुंची. जहां जेल में बंद भाइयों ने अपने हाथ को गेट के छोटी खिड़की के सहारे बाहर किया और बहनों ने उनकी हाथों में राखियां बांधी. इस दौरान परंपरा के अनुसार कैदियों ने अपनी बहन को उनकी रक्षा का वचन और आशीर्वाद दिया. जेल में अपने भाइयों को देख बहनें भावुक होती हुई दिखी.

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जेल प्रशासन रहा काफी चौकस: शुक्रवार यानि आज सुबह से ही सेंट्रल जेल के मेन गेट पर काफी संख्या में लोग पहुंचे थे. कई कैदियों की बहनें परिवार के लोगों के साथ पहुंची थी. वहीं मेन गेट पर काफी भीड़ हो जाने से अराजकता की स्थिति उत्पन्न ना हो, इसके लिए जेल प्रशासन ने काफी चौकस व्यवस्था की थी.



''हम शंकरविगहा गांव से आये हैं. अपने भाई को राखी बांधने आये थे. राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई भी भाई को खिलाये''.- पूनम कुमारी, राखी बांधने आई बहन



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