गयाः जिले में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. ईटीवी भारत ने मजदूरों की बेबसी को लेकर खबर चलाई थी. इस खबर को संज्ञान में लेते हुए जिला प्रशासन ने मजदूरों के लिए रिंग बस सेवा चालू की है और सत्तू स्टॉल भी लगाए गए हैं.
बीच में ही उतार देते हैं ट्रक ड्राइवर
ईटीवी भारत मजदूरों की परेशानियों को लेकर लगातार खबरें दिखा रहा है. ईटीवी भारत मजदूरों के बीच जाकर उनके दर्द को सुन रहा है और प्रशासन तक पहुंचा रहा है. इसी क्रम में सैकड़ों ऐसे मजदूर मिले जो अपनी जमापूंजी ट्रक वालों को देकर आ रहे हैं, लेकिन ट्रक वाले उन्हें बॉर्डर तक लाकर ही छोड़ दे रहे हैं. मजदूर मजबूरी में पैदल ही अपने घर की ओर जाने के लिए बेबस हैं.
ऐसे ही एक मजदूर को सिकड़िया मोड़ पर ट्रक चालक ने छोड़ दिया था, मजदूर अपने घर फतेहपुर की तरफ जा रहा था. इसी क्रम में शहर के मिर्जा गालिब मोड़ पर बदहवास होकर गिर गया, जहां अस्पताल ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी.
'घर जाने के लिए बसों की व्यवस्था नहीं'
इस संबंध में प्रवासी श्रमिक बाल्मीकि ने बताया कि हमलोग मुबई से ट्रक के जरिये आ रहे थे. शेरघाटी के पास पुलिस ने रोका तो ट्रक चालक हम लोगों को उतारकर चला गया. पुलिस से बहुत बोलने पर भी हमलोगों के लिए जाने की व्यवस्था नहीं की गई. हमलोग शेरघाटी से पैदल नालंदा जिला जा रहे हैं.
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बस के माध्यम से भेजे जाएंगे मजदूर
ईटीवी भारत ने मजदूरों की बेबसी इस कहानी को जिलाधिकारी से अवगत कराया. डीएम अभिषेक सिंह ने बताया कि आमस टॉल प्लाजा से रामशिला मोड़ तक, आमस ट्रांजिट पॉइंट से निगमा मोनोस्ट्ररी तक और डोभी से निगमा मोनोस्ट्ररी तक छः स्पेशल श्रमिक रिंग बस सेवा शुरू की गई है. इन सभी मजदूरों को निगमा मोनोस्ट्ररी से अन्य जिलों तक बस के माध्यम से भेजा जाएगा.
मजदूरों के लिए लगाया गया सत्तू स्टॉल
बता दें कि जिला प्रशासन के द्वारा श्रमिक विश्राम स्थल और आमस ट्रांजिट प्वाइंट पर अन्य राज्यों से आ रहे श्रमिकों के लिए सत्तू स्टॉल लगाया गया है. यहां मजदूरों को मुफ्त में आने के साथ सत्तू दिया जाएगा. मजदूरों के कभी-कभी भारी संख्या में पहुंचने पर खाने का इंतजाम तुरंत नहीं होता है. मजदूर भूखे ही अपने घर तक निकल जाते हैं. जिला प्रशासन ने मजदूरों को पैदल नहीं चलने के लिए और भूखे नहीं रहने के लिए ये व्यवस्था की है.