गया: गया में मिनी पितृपक्ष चल रहा है. इस दौरान एक मार्मिक दृश्य देखने को मिला. दरअसरल, एक 14 वर्षीय किशोर अपनी छोटी बहन के मोक्ष के लिए यहां पिंडदान करने पहुंचा था. किशोर कड़ाके की ठंड में सुबह-सुबह मोक्ष दायिनी फल्गू नदी के तट पर खुले बदन कर्मकांड कर रहा था. पूरे विधि-विधान से कर्मकांड करते हुए बार-बार उसकी आंखें छलक जा रही थी. ये दृश्य वहां से गुजर रहे हर शख्स को भावुक कर रहा था.
जयपुर में हुई थी मौत
किशोर के पिता संतोष सिंह ने बताया कि वे औरंगाबाद के रहने वाले हैं. राजस्थान में मजदूरी कर घर चलाते हैं. राजस्थान से घर लौटने के क्रम में कोटा के पास 13 वर्षीय साक्षी की अचानक तबीयत बिगड़ी. जिसके बाद उसे अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टरों ने तुरंत जयपुर रेफर कर दिया. जयपुर के अस्पताल में तीन दिन बाद आईसीयू में उसने दम तोड़ दिया.
...ताकि आत्मा को मिले शांति
संतोष सिंह ने बताया कि मौत होने के बाद एम्बुलेंस से उसे गया लाया गया और यहां के मोक्षधाम श्मशान घाट पर उसका अंतिम संस्कार किया गया. अकाल मृत्यु की शिकार हुई बेटी की आत्मा को शांति मिले, इसके लिए पिंडदान करा रहे हैं. उन्होंने बताया कि गया साक्षी की नानी का घर भी है. बहन के मोक्ष के लिए पिंडदान कर रहा शुभम कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं था. कुछ भी बोलते हुए उसकी आंखें भर आती थी.