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VIDEO: गया में 'नरक' मोहल्ला भी है, यकीन ना हो तो देख लीजिए

राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि धर्मनगरी गया को विश्वस्तरीय बनाएंगे और इसे लेकर अधिकारियों के साथ बैठक कर आदेश भी देते हैं लेकिन सवाल उठता है कि क्या जिले में बैठे वरीय अधिकारी सीएम की बातों को गंभीरता से लेते हैं? सवाल इसलिए क्योंकि ईटीवी भारत ने जब नगर आयुक्त से पूछा कि तपती गर्मी में 500 परिवारों के मोहल्ले में गंदे पानी का जलजमाव है तो साहब कहते हैं आपके ही माध्यम से जानकारी मिली है. आप कह रहे हैं तो जांच के लिए एक टीम भेजेंगे.

People are into trouble due to water logging in gaya
जलजामाव की समस्या
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Published : Apr 18, 2021, 5:41 PM IST

Updated : Apr 18, 2021, 11:10 PM IST

गया: शहर का एक ऐसा वार्ड है जिसकी गलियां तालाब बनी हुई हैं. लोगों को इससे होकर गुजरना किसी पहेली से कम नहीं है. वार्ड नंबर 2 और वार्ड नंबर 27 में घुटनों तक पानी भरा हुआ है. लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. अधिकारी ईटीवी भारत के सवालों और लोगों की समस्याओं से अनजान बने बैठे हैं. ऐसी स्थिति तब है जब गया में 37-40 डिग्री तक तापमान है. समझना मुश्किल नहीं है कि बरसात और ठंड के दिनों में क्या होता होगा.

'साहब' को तो कुछ पता ही नहीं है...
नगर निगम आयुक्त से जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने सवाल पूछा को साहब को इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि दोनों मोहल्लों के करीब 500 परिवारों के लोग 'नरक' में जी रहे हैं. जानकारी देने के बाद उन्होंने ईटीवी भारत से कहा कि एक टीम भेजकर पता लगाया जाएगा कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों हैं. नगर आयुक्त सावन कुमार ने आश्वासन दिया है कि मोटर लगाकर गंदे पानी को जल्द बाहर निकाला जाएगा.

कहां खर्च होते हैं करोड़ों रुपये?
कहने को तो 2021-22 के लिए नगर निगम ने 547 करोड़ 17 लाख 55 हजार रुपये का बजट पास किया है. जिसमें कहा गया है कि पैसों से नाली-गली के निर्माण के साथ साफ-सफाई और कचरा के निष्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. लेकिन मौजूदा वक्त में जो स्थिति वार्ड नंबर 2 और 27 की है, उसे ना तो निगम के अधिकारी समझ रहे हैं और ना ही यहां के स्थानीय वार्ड पार्षद.

People are into trouble due to water logging in gaya
मोहल्ले में जलजमाव की समस्या

ये भी पढ़ें- पटना: पथ निर्माण मंत्री ने की गंगा पथ और कच्ची दरगाह-बिदुपुर 6 लेन पुल की समीक्षा

'घर से निकलना हो गया है मुश्किल'
परेशान वार्ड नंबर 2 और 27 के लोग बताते हैं कि लोगों के घरों में पानी घुस चुका है. मच्छरों का अंबार लगा हुआ है. जिम्मेदारों का इस ओर तनिक भी ध्यान नहीं है. नगर निगम की लापरवाही के चलते गली में अघोषित लॉकडाउन लगा हुआ है. न घर से यहां के लोग बाहर निकल पा रहे हैं और न ही कोई बाहर से यहां आ पा रहा हैं. स्थानीय लोग नारकीय स्थिति से तंग आ चुके हैं.

People are into trouble due to water logging in gaya
घरों में घुसा नाले का पानी

''आपके (ईटीवी भारत) के ही माध्यम से यह शिकायत प्राप्त हुई है. नाला के निर्माण के कारण एक मोहल्ले में जलजमाव वाली स्थिति बन गई है. इस जलजमाव से मुक्ति के लिए इंजीनियर और नगर निगम के अधिकारियों को भेजेंगे जो समस्याओं का समाधान निकालेंगे. तत्काल मोटर पंप के जरिए जल निकासी करवाया जाएगा''.- सावन कुमार, नगर आयुक्त

People are into trouble due to water logging in gaya
कचरा का नहीं होता है उठाव

"सिविल इंजीनियर के अभाव में मुहल्ले का ये हाल. नाला निर्माण की रफ्तार इतनी धीमे है कि तीन महीने से गली का ये हाल है. कोई सुनने वाला नहीं है."- स्थानीय निवासी

'500 परिवार घरों में कैद'
स्थानीय युवा ने बताया कि यहां की नाली पहले कच्ची थी, अब नाली का पक्कीकरण किया जा रहा है. नाली निर्माण कार्य में सिर्फ मिस्त्री और मजदूर मिलता है. ठेकेदार और इंजीनियर नदारद रहते हैं. मजदुर को जैसा उचित लगता है वो वैसा ही करता है. इसमें पूरी तरह गया नगर निगम की लापरवाही है. शिकायत करने के बावजूद वार्ड पार्षद से लेकर मेयर तक और डिप्टी मेयर से लेकर नगर आयुक्त तक कोई नहीं सुनते हैं. इस मोहल्ले के लगभग 500 परिवार घरों में कैद हैं.

गया: शहर का एक ऐसा वार्ड है जिसकी गलियां तालाब बनी हुई हैं. लोगों को इससे होकर गुजरना किसी पहेली से कम नहीं है. वार्ड नंबर 2 और वार्ड नंबर 27 में घुटनों तक पानी भरा हुआ है. लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. अधिकारी ईटीवी भारत के सवालों और लोगों की समस्याओं से अनजान बने बैठे हैं. ऐसी स्थिति तब है जब गया में 37-40 डिग्री तक तापमान है. समझना मुश्किल नहीं है कि बरसात और ठंड के दिनों में क्या होता होगा.

'साहब' को तो कुछ पता ही नहीं है...
नगर निगम आयुक्त से जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने सवाल पूछा को साहब को इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि दोनों मोहल्लों के करीब 500 परिवारों के लोग 'नरक' में जी रहे हैं. जानकारी देने के बाद उन्होंने ईटीवी भारत से कहा कि एक टीम भेजकर पता लगाया जाएगा कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों हैं. नगर आयुक्त सावन कुमार ने आश्वासन दिया है कि मोटर लगाकर गंदे पानी को जल्द बाहर निकाला जाएगा.

कहां खर्च होते हैं करोड़ों रुपये?
कहने को तो 2021-22 के लिए नगर निगम ने 547 करोड़ 17 लाख 55 हजार रुपये का बजट पास किया है. जिसमें कहा गया है कि पैसों से नाली-गली के निर्माण के साथ साफ-सफाई और कचरा के निष्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. लेकिन मौजूदा वक्त में जो स्थिति वार्ड नंबर 2 और 27 की है, उसे ना तो निगम के अधिकारी समझ रहे हैं और ना ही यहां के स्थानीय वार्ड पार्षद.

People are into trouble due to water logging in gaya
मोहल्ले में जलजमाव की समस्या

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'घर से निकलना हो गया है मुश्किल'
परेशान वार्ड नंबर 2 और 27 के लोग बताते हैं कि लोगों के घरों में पानी घुस चुका है. मच्छरों का अंबार लगा हुआ है. जिम्मेदारों का इस ओर तनिक भी ध्यान नहीं है. नगर निगम की लापरवाही के चलते गली में अघोषित लॉकडाउन लगा हुआ है. न घर से यहां के लोग बाहर निकल पा रहे हैं और न ही कोई बाहर से यहां आ पा रहा हैं. स्थानीय लोग नारकीय स्थिति से तंग आ चुके हैं.

People are into trouble due to water logging in gaya
घरों में घुसा नाले का पानी

''आपके (ईटीवी भारत) के ही माध्यम से यह शिकायत प्राप्त हुई है. नाला के निर्माण के कारण एक मोहल्ले में जलजमाव वाली स्थिति बन गई है. इस जलजमाव से मुक्ति के लिए इंजीनियर और नगर निगम के अधिकारियों को भेजेंगे जो समस्याओं का समाधान निकालेंगे. तत्काल मोटर पंप के जरिए जल निकासी करवाया जाएगा''.- सावन कुमार, नगर आयुक्त

People are into trouble due to water logging in gaya
कचरा का नहीं होता है उठाव

"सिविल इंजीनियर के अभाव में मुहल्ले का ये हाल. नाला निर्माण की रफ्तार इतनी धीमे है कि तीन महीने से गली का ये हाल है. कोई सुनने वाला नहीं है."- स्थानीय निवासी

'500 परिवार घरों में कैद'
स्थानीय युवा ने बताया कि यहां की नाली पहले कच्ची थी, अब नाली का पक्कीकरण किया जा रहा है. नाली निर्माण कार्य में सिर्फ मिस्त्री और मजदूर मिलता है. ठेकेदार और इंजीनियर नदारद रहते हैं. मजदुर को जैसा उचित लगता है वो वैसा ही करता है. इसमें पूरी तरह गया नगर निगम की लापरवाही है. शिकायत करने के बावजूद वार्ड पार्षद से लेकर मेयर तक और डिप्टी मेयर से लेकर नगर आयुक्त तक कोई नहीं सुनते हैं. इस मोहल्ले के लगभग 500 परिवार घरों में कैद हैं.

Last Updated : Apr 18, 2021, 11:10 PM IST
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