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गया: कोंच BDO की आत्महत्या मामले में फूटा अधिकारियों का गुस्सा, DM को बताया जिम्मेदार - gaya bdo rajeev ranjan

अधिकारियों ने कहा यह आत्महत्या परिवारिक कलह के वजह से नहीं बल्कि प्रशासनिक दबाव है. अमर्यादित भाषा का प्रयोग किए जाने के कारण उत्पन्न मानसिक तनाव और अवसाद के कारण बीडीओ ने आत्महत्या की है. साथ ही पुलिस से सुसाइड नोट को सार्वजनिक करने की भी मांग की है.

अधिकारियों की बैठक
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Published : Oct 31, 2019, 10:58 PM IST

गया: जिले के कोंच प्रखंड के बीडीओ राजीव रंजन के आत्महत्या के बाद अब लोगों का गुस्सा सामने आ रहा है. इसको लेकर जिले के विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी समेत कई अधिकारियों ने बैठक की. अधिकारियों ने इस आत्महत्या को परिवारिक कलह नहीं मानकर इसे जिला अधिकारी की प्रताड़ना बता रहे हैं.

अधिकारियों का क्या है आरोप?
इस बैठक में जिले भर के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक ने एक स्वर में राजीव रंजन की आत्महत्या को प्रशासनिक दबाव बताया. उपस्थित अधिकारियों ने कहा यह आत्महत्या परिवारिक कलह की वजह से नहीं बल्कि प्रशासनिक दबाव, खराब कार्य संस्कृति, करियर को तबाह करने की धमकी, अमर्यादित भाषा का प्रयोग किए जाने के कारण मानसिक तनाव और अवसाद का नतीजा है. जिसने बीडीओ ने आत्महत्या के लिए उकसाया. मृत्यु की सूचना जिलाधिकारी को तुरंत करीब दोपहर साढ़े 12 बजे प्राप्त हो जाने के बावजूद भी वो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 10 घंटे बाद रात में लगभग 10 बजे पहुंचे थे.

gaya
बात करते अधिकारी

10 सूत्री मांगों को लेकर लिखा पत्र
बैठक के बाद 10 सूत्री के मांग को लेकर बीडीओ के समूह ने मगध प्रमंडल आयुक्त, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव, अपर मुख्य सचिव राजस्व भूमि सुधार विभाग, प्रधान सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय, ग्रामीण विकास सेवा संघ के अध्यक्ष को जिलाधिकारी और उप विकास आयुक्त के खिलाफ पत्र लिखा गया है.

पेश है रिपोर्ट

सुसाइड नोट को सार्वजनिक करने की मांग
इस पत्र में साफ तौर जिलाधिकारी और उप विकास आयुक्त पर आरोप लगाया गया है. बीडीओ के आत्महत्या की न्यायिक जांच की मांग की गई है. पुलिस को बरामद पांच पन्नों की सुसाइड नोट को सार्वजनिक करने की मांग की गई है. मांग यह भी हुई है कि राजीव रंजन की आत्महत्या में जिलाधिकारी और विकास आयुक्त की भूमिका की स्वंतत्र और निष्पक्ष जांच हो. इस पत्र में यह भी लिखा है कि अगर जल्द ही इस मामले में फैसला नहीं लिया गया तो सभी अधिकारी अनिश्चितकालीन धरना पर चले जाएंगे. बता दें कि 25 अक्टूबर 2019 को जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कोंच बीडीओ राजीव रंजन पर आर्थिक दंड भी लगाया था.

  • बापू की 150वीं जयंती पर देश उन्हें याद कर रहा है, इस संकल्प के साथ कि हम उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलेंगे। गांधी दर्शन को लेकर @PMOIndia @narendramodi की सोच भी प्रशंसनीय है। इस मौके पर #EtvBharat की एक छोटी सी प्रस्तुति।#GandhiAt150 #GandhiJayanti pic.twitter.com/BiEGwytAsZ

    — ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) October 2, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

युवा RJD नेता ने दी जानकारी
इम मामले को लेकर युवा आरजेडी के जिला अध्यक्ष सतीश कुमार ने बीडीओ से मुलाकात की. सतीश कुमार ने बताया सभी बीडीओ ने उनसे मदद की गुहार लगाई थी. उन्होंने कहा कि स्वर्गीय राजीव रंजन को इंसाफ दिलाने के लिए हर संभव मदद की जाएगी. उन्होंने बताया कि मिली जानकारी के अनुसार जिलाधिकारी और डीडीसी की ओर से सभी अधिकारियों को प्रताड़ित किया जाता है. उनके खिलाफ विभागीय कारवाई की जाती है. जिस कारण सभी तनाव में रहते हैं.

  • पूज्य बापू के प्रिय भजनों की शानदार प्रस्तुति के लिए @Eenadu_Hindi आपका हार्दिक अभिनंदन। महात्मा गांधी के सपनों के अनुरूप स्वच्छ भारत अभियान में जागरूकता फैलाने में मीडिया जगत का बहुमूल्य योगदान रहा है। अब बारी देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने की है। https://t.co/FDSxDnbe1N

    — Narendra Modi (@narendramodi) October 2, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्या है मामला?
बता दें कि बुधवार को गया के कोंच प्रखंड के बीडीओ राजीव रंजन ने छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद जिले के सभी अधिकारियों ने हंगामा किया और इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है.

गया: जिले के कोंच प्रखंड के बीडीओ राजीव रंजन के आत्महत्या के बाद अब लोगों का गुस्सा सामने आ रहा है. इसको लेकर जिले के विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी समेत कई अधिकारियों ने बैठक की. अधिकारियों ने इस आत्महत्या को परिवारिक कलह नहीं मानकर इसे जिला अधिकारी की प्रताड़ना बता रहे हैं.

अधिकारियों का क्या है आरोप?
इस बैठक में जिले भर के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक ने एक स्वर में राजीव रंजन की आत्महत्या को प्रशासनिक दबाव बताया. उपस्थित अधिकारियों ने कहा यह आत्महत्या परिवारिक कलह की वजह से नहीं बल्कि प्रशासनिक दबाव, खराब कार्य संस्कृति, करियर को तबाह करने की धमकी, अमर्यादित भाषा का प्रयोग किए जाने के कारण मानसिक तनाव और अवसाद का नतीजा है. जिसने बीडीओ ने आत्महत्या के लिए उकसाया. मृत्यु की सूचना जिलाधिकारी को तुरंत करीब दोपहर साढ़े 12 बजे प्राप्त हो जाने के बावजूद भी वो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 10 घंटे बाद रात में लगभग 10 बजे पहुंचे थे.

gaya
बात करते अधिकारी

10 सूत्री मांगों को लेकर लिखा पत्र
बैठक के बाद 10 सूत्री के मांग को लेकर बीडीओ के समूह ने मगध प्रमंडल आयुक्त, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव, अपर मुख्य सचिव राजस्व भूमि सुधार विभाग, प्रधान सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय, ग्रामीण विकास सेवा संघ के अध्यक्ष को जिलाधिकारी और उप विकास आयुक्त के खिलाफ पत्र लिखा गया है.

पेश है रिपोर्ट

सुसाइड नोट को सार्वजनिक करने की मांग
इस पत्र में साफ तौर जिलाधिकारी और उप विकास आयुक्त पर आरोप लगाया गया है. बीडीओ के आत्महत्या की न्यायिक जांच की मांग की गई है. पुलिस को बरामद पांच पन्नों की सुसाइड नोट को सार्वजनिक करने की मांग की गई है. मांग यह भी हुई है कि राजीव रंजन की आत्महत्या में जिलाधिकारी और विकास आयुक्त की भूमिका की स्वंतत्र और निष्पक्ष जांच हो. इस पत्र में यह भी लिखा है कि अगर जल्द ही इस मामले में फैसला नहीं लिया गया तो सभी अधिकारी अनिश्चितकालीन धरना पर चले जाएंगे. बता दें कि 25 अक्टूबर 2019 को जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कोंच बीडीओ राजीव रंजन पर आर्थिक दंड भी लगाया था.

  • बापू की 150वीं जयंती पर देश उन्हें याद कर रहा है, इस संकल्प के साथ कि हम उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलेंगे। गांधी दर्शन को लेकर @PMOIndia @narendramodi की सोच भी प्रशंसनीय है। इस मौके पर #EtvBharat की एक छोटी सी प्रस्तुति।#GandhiAt150 #GandhiJayanti pic.twitter.com/BiEGwytAsZ

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युवा RJD नेता ने दी जानकारी
इम मामले को लेकर युवा आरजेडी के जिला अध्यक्ष सतीश कुमार ने बीडीओ से मुलाकात की. सतीश कुमार ने बताया सभी बीडीओ ने उनसे मदद की गुहार लगाई थी. उन्होंने कहा कि स्वर्गीय राजीव रंजन को इंसाफ दिलाने के लिए हर संभव मदद की जाएगी. उन्होंने बताया कि मिली जानकारी के अनुसार जिलाधिकारी और डीडीसी की ओर से सभी अधिकारियों को प्रताड़ित किया जाता है. उनके खिलाफ विभागीय कारवाई की जाती है. जिस कारण सभी तनाव में रहते हैं.

  • पूज्य बापू के प्रिय भजनों की शानदार प्रस्तुति के लिए @Eenadu_Hindi आपका हार्दिक अभिनंदन। महात्मा गांधी के सपनों के अनुरूप स्वच्छ भारत अभियान में जागरूकता फैलाने में मीडिया जगत का बहुमूल्य योगदान रहा है। अब बारी देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने की है। https://t.co/FDSxDnbe1N

    — Narendra Modi (@narendramodi) October 2, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्या है मामला?
बता दें कि बुधवार को गया के कोंच प्रखंड के बीडीओ राजीव रंजन ने छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद जिले के सभी अधिकारियों ने हंगामा किया और इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है.

Intro:गया के कोच प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव रंजन के आत्महत्या पर जिले भर के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी,कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक ने गांधी मैदान स्थित गांधी मंडप में बैठक किया। बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने राजीव रंजन के आत्महत्या को परिवारिक कलह न बताकर जिलापदाधिकारी के प्रताड़ना का वजह बताया।


Body:बैठक में जिले भर के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी,कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक ने एक स्वर राजीव रंजन की आत्महत्या को प्रशासनिक दबाव बताया।उपस्थित अधिकारियों ने कहा यह आत्महत्या परिवारिक कलह के वजह से नहीं किया गया है बल्कि प्रशासनिक दबाव, खराब कार्य संस्कृति, उच्च पदाधिकारियों के द्वारा समीक्षा के क्रम में व्यक्तिगत रूप से प्रताड़ित करने,कैरियर को तबाह करने की धमकी,अमर्यादित भाषा का प्रयोग किए जाने के कारण उत्पन्न मानसिक तनाव, हताश, निराश एवं अवसाद के कारण ये घटना घटित हुआ है।मृत्यु की सूचना जिलाधिकारी गया को तुरंत लगभग अपराहन 12:30 बजे प्राप्त हो जाने के बावजूद भी वह मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 10 घंटे बाद रात में लगभग 10:00 बजे पहुंचे थे।

बैठक के बाद 10 सूत्री के मांग को लेकर बीडीओ के समूह ने मगध प्रमंडल आयुक्त, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव, अपर मुख्य सचिव राजस्व भूमि सुधार विभाग, प्रधान सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय ,ग्रामीण विकास सेवा संघ के अध्यक्ष को जिलाधिकारी और उप विकास आयुक्त के खिलाफ पत्र लिखा है।

पत्र में साफ तौर जिलाधिकारी और उप विकास आयुक्त पर आरोप लगाया गया है। बीडीओ के आत्महत्या की न्यायिक जांच की मांग किया गया है। पुलिस को बरामद पांच पन्नो को सुसाइड नोट को सावर्जनिक करने का मांग किया गया है। आखिर में मांग किया गया है राजीव रंजन की आत्महत्या में जिलाधिकारी एवं विकास आयुक्त की भूमिका की स्वंतत्र एवं निष्पक्ष जांच हो।

सभी अधिकारियों ने पत्र में ये भी लिखा है अगर जल्द ही इस पर निर्णय नही लिया गया तो हम सभी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जायेंगे।

बता दे 25 अक्टूबर 2019 को जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कोंच बीडीओ राजीव रंजन पर आर्थिक दंड भी लगाया था।


Conclusion:आज युवा राजद के जिला अध्यक्ष सतीश कुमार बीडीओ से मुलाकात किया। सतीश कुमार ने बताया सभी बीडीओ ने हमलोग से मदद मांगा था हमलोग स्वर्गीय राजीव रंजन को इंसाफ दिलवाने के हरसंभव मदद करेंगे। बीडीओ द्वारा जानकारी मिला जिलाधिकारी और डीडीसी द्वारा सभी अधिकारियों को प्रताड़ित किया जाता है उनके विरुद्ध विभागीय कारवाई की जाती है जिसे वो सभी तनाव में रहते हैं। इस तरह के कार्य संस्कृति लोकतंत्र के लिए सही नही है ये तानाशाही हैं। कोंच बीडीओ के आत्महत्या और हत्या के गुत्थी सुलझाने के लिए और दोषियों के कारवाई हो इसके लिए गया के प्रशासन से अलग न्यायिक जांच हो।
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