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गयाः रैन बसेरा का खुला ताला, डीएम ने कहा- दिसंबर में होगी अलाव की व्यवस्था

डीएम अभिषेक सिंह ने कहा कि जिले में अभी तापमान सामान्य है, जैसे ही सामान्य से अधिक तापमान घटने लगेगा शहर के प्रमुख स्थानों पर पूरी रात अलाव की व्यवस्था की जाएगी.

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Published : Nov 25, 2020, 8:35 AM IST

गयाः पिछले साल गया ने ठंड का 100 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. इस साल भी 23 नवंबर की रात ठंड ने एक दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. इसे दखते हुए जिला प्रशासन ने आम जरूरतमंद लोगों के लिए रैन बसेरा खोलवा दिया है. जहां राहगीर और असहाय लोग रात के समय आराम से रह सकते हैं.

गया में इन दिनों रिकॉर्ड तोड़ ठंड से आम से लेकर खास तक परेशान हैं. यहां ठंड से बचाव के लिए रैन बसेरा खोलकर व्यवस्थित कर दिया गया है. जबकि घटते तापमान को देखते हुए दिसंबर माह से प्रमुख स्थलों पर अलाव की व्यवस्था भी की जाएगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

शुरुआती ठंड में ही खुला रैन बसेरा
रैन बसेरा में रजाई-गद्दा, बिजली, पानी, शौचालय के साथ टीवी की सुविधा भी दी गई है. अमूमन देखा जाता है कि कड़ाके की ठंड में असहाय लोग रात गुजारने के लिए ठिकाना ढूंढते हैं. रिक्शा चालक, वेंडर और अन्य जरूरतमंद लोग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर ठिठुरते रहते हैं. यह लोग किसी तरह रात काट लेते हैं.

खोला गया रैन बसेरा
खोला गया रैन बसेरा

जिला प्रशासन और समाजसेवी संस्थाएं इन लोगों की मदद के लिए तब सामने आते हैं जब ठंड चरम सीमा पर पहुंच जाती है. लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने शुरुआती ठंड में ही रैन बसेरा शुरू करने का नगर निगम को निर्देश दिया है.

निशुल्क रखी गई है सारी व्यवस्था
गया नगर निगम द्वारा संचालित रैन बसेरा के केयर टेकर प्रकाश पासवान ने कहा कि गांधी मैदान स्थित तीन रैन बसेरा संचालित है. तीनों रैन बसेरा मिलाकर 36 लोगों को रहने की व्यवस्था है. एक रैन बसेरा में 12 लोग रह सकते हैं.

रैन बसेरा में ठंड से बचाव के लिए सारी व्यवस्था निशुल्क रखी गई है. साथ ही कोविड वायरस को लेकर भी यहां ध्यान रखा गया है. केयर टेकर ने बताया कि आने वाले यात्री या जरूरतमंद लोगों से उनके ट्रैवल हिस्ट्री के बारे में भी जानकारी ली जाती है.

ये भी पढ़ेंः लगातार जारी है तापमान में गिरावट, दिन के समय धुंध छाए रहने की संभावना

'पूरी रात होगी अलाव की व्यवस्था'
वहीं, जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा कि जिले में कई दिनों से लगता तापमान घटता जा रहा है. गया में ठंड के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए गया नगर निगम द्वारा संचालित रैन बसेरा में व्यवस्थाए सुनिश्चित करवा ली गई है. गयावासियों से अपील है कि शाम के वक्त या देर रात बिना वजह घर से बाहर नहीं निकले.

डीएम ने कहा कि जिले में अभी तापमान सामान्य है, जैसे ही सामान्य से अधिक तापमान घटने लगेगा शहर के प्रमुख स्थानों पर पूरी रात अलाव की व्यवस्था की जाएगी.

पिछले साल हुई थी सैकड़ों लोगों की मौत
गौरतलब है कि पिछले बार कोल्ड वेब के कारण दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी. विष्णुपद स्थित श्मशान घाट की बात करें तो 1 दिन में ठंड के मौसम में 70 से 80 शव जलने लगे थे. एक अनुमान के मुताबिक गया जिले में कम से कम 400 से 500 लोगों की ठंड से मौत हुई थी.

गयाः पिछले साल गया ने ठंड का 100 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. इस साल भी 23 नवंबर की रात ठंड ने एक दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. इसे दखते हुए जिला प्रशासन ने आम जरूरतमंद लोगों के लिए रैन बसेरा खोलवा दिया है. जहां राहगीर और असहाय लोग रात के समय आराम से रह सकते हैं.

गया में इन दिनों रिकॉर्ड तोड़ ठंड से आम से लेकर खास तक परेशान हैं. यहां ठंड से बचाव के लिए रैन बसेरा खोलकर व्यवस्थित कर दिया गया है. जबकि घटते तापमान को देखते हुए दिसंबर माह से प्रमुख स्थलों पर अलाव की व्यवस्था भी की जाएगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

शुरुआती ठंड में ही खुला रैन बसेरा
रैन बसेरा में रजाई-गद्दा, बिजली, पानी, शौचालय के साथ टीवी की सुविधा भी दी गई है. अमूमन देखा जाता है कि कड़ाके की ठंड में असहाय लोग रात गुजारने के लिए ठिकाना ढूंढते हैं. रिक्शा चालक, वेंडर और अन्य जरूरतमंद लोग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर ठिठुरते रहते हैं. यह लोग किसी तरह रात काट लेते हैं.

खोला गया रैन बसेरा
खोला गया रैन बसेरा

जिला प्रशासन और समाजसेवी संस्थाएं इन लोगों की मदद के लिए तब सामने आते हैं जब ठंड चरम सीमा पर पहुंच जाती है. लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने शुरुआती ठंड में ही रैन बसेरा शुरू करने का नगर निगम को निर्देश दिया है.

निशुल्क रखी गई है सारी व्यवस्था
गया नगर निगम द्वारा संचालित रैन बसेरा के केयर टेकर प्रकाश पासवान ने कहा कि गांधी मैदान स्थित तीन रैन बसेरा संचालित है. तीनों रैन बसेरा मिलाकर 36 लोगों को रहने की व्यवस्था है. एक रैन बसेरा में 12 लोग रह सकते हैं.

रैन बसेरा में ठंड से बचाव के लिए सारी व्यवस्था निशुल्क रखी गई है. साथ ही कोविड वायरस को लेकर भी यहां ध्यान रखा गया है. केयर टेकर ने बताया कि आने वाले यात्री या जरूरतमंद लोगों से उनके ट्रैवल हिस्ट्री के बारे में भी जानकारी ली जाती है.

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'पूरी रात होगी अलाव की व्यवस्था'
वहीं, जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा कि जिले में कई दिनों से लगता तापमान घटता जा रहा है. गया में ठंड के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए गया नगर निगम द्वारा संचालित रैन बसेरा में व्यवस्थाए सुनिश्चित करवा ली गई है. गयावासियों से अपील है कि शाम के वक्त या देर रात बिना वजह घर से बाहर नहीं निकले.

डीएम ने कहा कि जिले में अभी तापमान सामान्य है, जैसे ही सामान्य से अधिक तापमान घटने लगेगा शहर के प्रमुख स्थानों पर पूरी रात अलाव की व्यवस्था की जाएगी.

पिछले साल हुई थी सैकड़ों लोगों की मौत
गौरतलब है कि पिछले बार कोल्ड वेब के कारण दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी. विष्णुपद स्थित श्मशान घाट की बात करें तो 1 दिन में ठंड के मौसम में 70 से 80 शव जलने लगे थे. एक अनुमान के मुताबिक गया जिले में कम से कम 400 से 500 लोगों की ठंड से मौत हुई थी.

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