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बिहार: मासूमों से भीख मंगवा रहा है गया का नामी ट्रस्ट, छात्रों ने बयां किया दर्द - ngo

छात्रों ने बताया है कि उन्होंने, जब भीख मांगने को मना कर दिया तो सचिव ने उन्हें छुट्टी देकर घर भेज दिया. वहीं, अभिभावकों को बच्चों की शैतानियों का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया है.

मम्मी जी चैरिटेबल ट्रस्ट स्कूल
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Published : Feb 16, 2019, 4:51 AM IST

गया: बोधगया में संचालित मम्मी जी चैरिटेबल ट्रस्ट स्कूल के छात्रों ने स्कूल के सचिव पर गंभीर आरोप लगाए हैं. छात्रों का आरोप है कि सचिव शिक्षा देने के बजाए कड़ाके ठंड में महाबोधि मंदिर ले जाकर भीख मंगवाते हैं. वहीं, इसका विरोध करने पर उन्हें स्कूल से निकाल दिया जाता है.

गरीब हो या अमीर हर मां बाप सोचता है कि वो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवाए. आगे चलकर उसका बच्चा एक कामयाब व्यक्ति बने. गुरारू प्रखंड के राणापुर गांव के कुछ ग्रामीणों ने यही सोचकर मम्मी जी चेरिटेबल ट्रस्ट के स्कूल में 15 हजार रुपये देकर अपने बच्चों का नामांकन करवाया था. लेकिन यहां उनके सपने पर पानी फेर दिया गया. यहां उनके बच्चों शिक्षा की जगह भिक्षा मांगने का ज्ञान दिया जा रहा था.

डीएम ऑफिस में हंगामा करते परिजन
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भिखारी बना दिया
ग्रामीणों ने अपनी मेहनत से एक-एक रुपया जोड़कर अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए ट्रस्ट के स्कूल में दाखिला करवाया था. उनको तो पता था 15 हजार रुपयों से उनका बच्चा 10 वीं तक की पढ़ाई कर लेगा. लेकिन यहां ट्रस्ट के सचिव कड़ाके की ठंड में सभी बच्चों को ले जाकर महाबोधि मंदिर में भिक्षाटन करवाते थे. छात्रों को शिक्षा देने के बजाए ट्रस्ट के लोगों ने बच्चों को भिखारी बना दिया.

भीख मांगने पर मना किया तो...
मामला उजागर तब हुआ, जब बच्चों को छुट्टी के नाम पर घर भेज दिया गया. बच्चों के परिजन ने स्कूल के सचिव से पूछा कि स्कूल कब खुलेगा, तो उन्होंने कहा आपका बच्चा स्कूल में बहुत तोड़पोड़ करता है. ऐसे में आपके बच्चों को स्कूल से निकाल दिया जा रहा है. अभिभावकों ने नामांकन के 15 हजार रुपया की मांग की, तो सचिव ने पैसा देने से माना कर दिया.

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बच्चों ने बताई सच्चाई
अभिभावकों ने जब अपने बच्चों से पूछा तुम लोग क्यों तोड़पोड की है, तो बच्चों ने कहा हमने ऐसा नहीं किया है. बच्चों ने बताया कि सचिव ने ये भीख मांगने को लेकर मना करने पर किया है. अभिभावकों को इस बात का पता चलते ही तत्काल इसकी शिकायत डीएम से की है.

नामी है मम्मी जी ट्रस्ट
मम्मी जी चेरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापिका विदेशी नागरिक मम्मी जी नाम की महिला हैं. इस ट्रस्ट के सचिव मुन्ना पासवान हैं. बता दें कि मम्मी जी ने मदर टेरेसा के साथ काम किया है. वहीं, हर वर्ष मदर टेरेसा के जन्मदिन पर इस ट्रस्ट में बड़ी-बड़ी हस्तियों का जमावड़ा लगता है. इसबार जमुई सांसद चिराग पासवान यहां मौजूद रहे थे. इस ट्रस्ट को विदेशों से अच्छा चंदा मिल जाता है.

गया: बोधगया में संचालित मम्मी जी चैरिटेबल ट्रस्ट स्कूल के छात्रों ने स्कूल के सचिव पर गंभीर आरोप लगाए हैं. छात्रों का आरोप है कि सचिव शिक्षा देने के बजाए कड़ाके ठंड में महाबोधि मंदिर ले जाकर भीख मंगवाते हैं. वहीं, इसका विरोध करने पर उन्हें स्कूल से निकाल दिया जाता है.

गरीब हो या अमीर हर मां बाप सोचता है कि वो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवाए. आगे चलकर उसका बच्चा एक कामयाब व्यक्ति बने. गुरारू प्रखंड के राणापुर गांव के कुछ ग्रामीणों ने यही सोचकर मम्मी जी चेरिटेबल ट्रस्ट के स्कूल में 15 हजार रुपये देकर अपने बच्चों का नामांकन करवाया था. लेकिन यहां उनके सपने पर पानी फेर दिया गया. यहां उनके बच्चों शिक्षा की जगह भिक्षा मांगने का ज्ञान दिया जा रहा था.

डीएम ऑफिस में हंगामा करते परिजन
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भिखारी बना दिया
ग्रामीणों ने अपनी मेहनत से एक-एक रुपया जोड़कर अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए ट्रस्ट के स्कूल में दाखिला करवाया था. उनको तो पता था 15 हजार रुपयों से उनका बच्चा 10 वीं तक की पढ़ाई कर लेगा. लेकिन यहां ट्रस्ट के सचिव कड़ाके की ठंड में सभी बच्चों को ले जाकर महाबोधि मंदिर में भिक्षाटन करवाते थे. छात्रों को शिक्षा देने के बजाए ट्रस्ट के लोगों ने बच्चों को भिखारी बना दिया.

भीख मांगने पर मना किया तो...
मामला उजागर तब हुआ, जब बच्चों को छुट्टी के नाम पर घर भेज दिया गया. बच्चों के परिजन ने स्कूल के सचिव से पूछा कि स्कूल कब खुलेगा, तो उन्होंने कहा आपका बच्चा स्कूल में बहुत तोड़पोड़ करता है. ऐसे में आपके बच्चों को स्कूल से निकाल दिया जा रहा है. अभिभावकों ने नामांकन के 15 हजार रुपया की मांग की, तो सचिव ने पैसा देने से माना कर दिया.

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बच्चों ने बताई सच्चाई
अभिभावकों ने जब अपने बच्चों से पूछा तुम लोग क्यों तोड़पोड की है, तो बच्चों ने कहा हमने ऐसा नहीं किया है. बच्चों ने बताया कि सचिव ने ये भीख मांगने को लेकर मना करने पर किया है. अभिभावकों को इस बात का पता चलते ही तत्काल इसकी शिकायत डीएम से की है.

नामी है मम्मी जी ट्रस्ट
मम्मी जी चेरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापिका विदेशी नागरिक मम्मी जी नाम की महिला हैं. इस ट्रस्ट के सचिव मुन्ना पासवान हैं. बता दें कि मम्मी जी ने मदर टेरेसा के साथ काम किया है. वहीं, हर वर्ष मदर टेरेसा के जन्मदिन पर इस ट्रस्ट में बड़ी-बड़ी हस्तियों का जमावड़ा लगता है. इसबार जमुई सांसद चिराग पासवान यहां मौजूद रहे थे. इस ट्रस्ट को विदेशों से अच्छा चंदा मिल जाता है.

Intro:बोधगया में संचालित मम्मी जी चेरिटेबल ट्रस्ट बोर्डिंग स्कूल के छात्रों ने स्कूल के सचिव पर आरोप लगाया कि शिक्षा देने के बजाए कड़ाके ठंड में सुबह महाबोधि मंदिर में ले जाकर भीख मंगवाते थे। भिक्षाटन नही करने पर छात्रों को स्कूल से निकाल दिया।


Body:गरीब हो या अमीर हर माँ बाप सोचता है अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवा दे। आगे चलकर एक कामयाब व्यक्ति बन जाये। गुरारू प्रखंड के राणापुर गांव के कुछ ग्रामीणों ने यही सोचकर मम्मी जी चेरिटेबल ट्रस्ट के स्कूल में 15 हजार रुपया दे कर अपने बच्चों का नामांकन करवाया था। अपने मेहनत से एक एक रुपया जोड़कर अपने बच्चे के भविष्य के लिए ट्रस्ट के स्कूल में दाखिला करवाया था। उनको तो पता था 15 हजार रुपया के हमारा बच्चा 10 वी तक की पढ़ाई कर लेगा। पर यहां ट्रस्ट के सचिव कड़ाके ठंड में सभी बच्चों को ले जाकर महाबोधि मंदिर में भिक्षाटन करवाते थे। छात्रों को शिक्षा देने के बजाए ट्रस्ट के लोगो ने बच्चों को भिखारी बना दिया।

मामला उजागर तब हुआ कि बच्चों को छुट्टी के नाम पर घर भेज दिया गया। बच्चों के परिजन ने स्कूल के सचिव से पूछा कि स्कूल कब खुलेगा तो उन्होंने कहा आपका बच्चा स्कूल में बहुत तोड़पोड किया है। ऐसे में आपके बच्चों को स्कूल से निकाल दिया जा रहा है। अभिभावकों ने नामांकन के 15 हजार रुपया की मांग किया तो सचिव ने पैसा देने से माना कर दिया। अभिभावकों ने जब अपने बच्चों से पूछा तुम लोग क्यों तोड़पोड किया। बच्चों ने कहा हमने तोड़पोड नही किया हम सब भिक्षाटन करने से माना कर दिए तो ट्रस्ट के सचिव मुन्ना पासवान ने स्कूल से निकाल दिया। अभिभावक जब इसका जानकारी हुआ कि मेरे बच्चों के साथ गलत हुआ है । उन्होंने इसकी शिकायत लिखित रूप से जिलाधिकारी को दिया।

आज आठ छात्रों के परिजन जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचे थे। एक परिजन ने चाइल्ड लाइन को भी सूचना दे दिया । वहाँ से भी टीम पहुँच गया। उसी बीच मम्मी जी चेरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापिका विदेशी नागरिक मम्मी जी और ट्रस्ट के सचिव मुन्ना पासवान जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचकर बच्चों के परिजन को मनाने लगे। बार बार दोनो सभी परिजनों से आग्रह कर रहे थे स्कूल चलिए , अब से ऐसा कुछ नही होगा। आपलोग को बहकाया गया है। काफी देर तक परिजनों मनाया गया।

मम्मी जी विदेशी नागरिक है कहा जाता है मम्मी जी मदर टेरेसा के साथ काम की है। हर वर्ष इनका जन्मदिन मनाया जाता है। इनके जन्मदिन पर बड़ी हस्तियां शामिल होते हैं। इस वर्ष चिराग पासवान मुख्य अतिथि के रूप में थे। मम्मी जी अपने नाम से एक ट्रस्ट चलाती है उसमें दावा किया जाता है यहां सारी सुविधाएं निशुल्क हैं। गरीब बच्चों के लिए स्कूल हैं , सिलाई ट्रेनिंग सेंटर , स्वास्थ्य व्यवस्था आदि सभी निःशुल्क हैं। मम्मी जी का ट्रस्ट विदेशी चंदा से चलता है।

सभी बच्चों ने बताया उनको सुबह चार बजे उठाकर महाबोधि मंदिर ले जाया जाता था। कहा जाता था मंदिर में पूजा करने जाना है। वहां जाने पर भिक्षाटन करवाया जाता था। ठंड में विदेशी पर्यटक आते हैं उनसे भिक्षा मंगवाया जाता था। भिक्षा में मिला पैसा छीन लिया जाता था। हमलोग पढ़ना चाहते थे पर ट्रस्ट के सचिव हमलोग से गन्दा काम करवाता था। भिक्षा नही मांगने पर पिटाई भी करते थे।


Conclusion:मम्मी जी चेरिटेबल ट्रस्ट के सचिव मुन्ना पासवान ने बताया ये पूरा मामला मनगढ़त हैं। किसी के बहकावे में आकर ऐसा ये लोग कर रहे हैं। संस्था गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करती है। किसी भी छात्र को स्कूल से नही निकाला गया है। सभी को 14 फरवरी को स्कूल आना था ये लोग पूर्व सचिव के बहकावे में आकर जिलाधिकारी के पास आ गए है। ये सब जलन के वजह से हो रहा है।

दूध के दूध और पानी के पानी जिला प्रशासन तुरन्त कर सकता है। बच्चों के आरोप सही या गलत है। महाबोधि मंदिर में सैकड़ों कैमरा लगे हैं उससे पता चल जाएगा। बच्चे झुंड में आकर मंदिर सुबह सुबह क्या करते थे। जिलाधिकारी के पास आठ छात्रों के परिजनों ने शिकायत किया हैं। बोधगया में पिछले वर्ष विदेशी भंते द्वारा 19 बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लग चुका है।
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