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गया: मुखिया ने 20 साल में नहीं बनाई सड़क तो खुद पंचायत चुनाव लड़ने खड़ी हो गई ये महिला

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Published : Nov 2, 2021, 1:27 PM IST

गया में जब मुखिया ने कई सालों तक गांव की 2 किलोमीटर सड़क नहीं बनवाई तो आजिज आकर एक महिला पिंकी रावत ने खुद चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया. अब घर-घर घूमकर वो लोगों से वोट देने की अपील कर रही हैं. ताकि जीतने के बाद गांव के लोगों की सेवा कर सकें.

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गया: बिहार पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) 2021 के तहत कई तरह की बातें सामने आ रही है. जैसे-जैसे जनप्रतिनिधि क्षेत्र में जनसंपर्क रहे हैं, वैसे-वैसे समस्याओं का अंबार नजर आ रहा है. गया जिले के डोभी प्रखंड में सातवें चरण के तहत मतदान होना है. गया जिले के खरांटी पंचायत से मुखिया पद के लिए नामांकन(Nomination) करने वाली पिंकी रावत ने चुनाव में खड़े होने का फैसला तब लिया जब कई सालों के इंतजार के बाद भी उनके गांव की 2 किलोमीटर सड़क नहीं बनाई गई.

ये भी पढ़ेंः बिहार पंचायत चुनावः गया के बाराचट्टी प्रखंड में नामांकन, केंद्र पर उमड़ रही प्रत्याशियों और समर्थकों की भीड़

मुखिया पद के लिए खड़ी हुई पिंकी रावत अपने क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क कर रही हैं. जनसंपर्क के दौरान ग्रामीणों द्वारा कई तरह की समस्याओं को बताया जा रहा है. समस्याओं को सुनने के बाद वे उनके अविलंब निदान की बात भी कर रही हैं. इस संबंध में मुखिया प्रत्याशी पिंकी रावत ने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान कई तरह की समस्याएं देखने को मिली. लोगों को नल, जल, गली, पेयजल व सड़क जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. अब तक जो जनप्रतिनिधि हुए उन्होंने इस क्षेत्र में काम नहीं किया. आखिरकार लाचार होकर उन्होंने खुद सभी समस्याओं को दूर करने के इरादे से मुखिया पद के लिए नामांकन किया है.

देखें वीडियो

वहीं, मुखिया प्रत्याशी पिंकी राउत के पति बबलू कुमार बताते हैं कि डोभी-हंटरगंज मुख्य सड़क मार्ग से नवाडीह गांव की दूरी मात्र 8 किलोमीटर है. इस बीच 2 किलोमीटर सड़क कच्ची है. सड़क में गड्ढे बन गए हैं. बरसात में गड्ढों में पानी जमा हो जाता है. जिस कारण आने-जाने में काफी परेशानी होती है. 20 सालों में 2 किलोमीटर की सड़क नहीं बन पाई अब हमने अपनी पत्नी को जनप्रतिनिधि बनाने का फैसला लिया है. अगर जनता हमें मौका देती है तो उक्त सड़क का निर्माण हमारी प्राथमिकता होगी.

वहीं, नवाडीह गांव निवासी महिला ललिता देवी ने बताया कि 2 साल पहले उनके पिता की मौत हो गई थी. तब से कबीर अंत्येष्टि के तहत मिलने वाली राशि को लेकर लगातार नेता से लेकर सरकारी कार्यालय तक का चक्कर लगा रही हैं. लेकिन आज तक पैसा नहीं मिला. स्थानीय जनप्रतिनिधि सिर्फ आश्वासन देते हैं. कहते हैं कि अभी राशि नहीं आई है. बाद में देंगे. अब पंचायत चुनाव में ऐसे लोग फिर वोट मांगने आ रहे हैं, ऐसे लोगों को हम लोग करारा जवाब देंगे. हम लोगों ने मन बनाया है कि जो लोग क्षेत्र का विकास करेंगे और सरकार की योजनाओं का लाभ हमें दिलाएंगे, उन्हें ही जनप्रतिनिधि के रूप में चुनेंगे।

बता दें कि गया के डोभी प्रखंड में सातवें चरण का मतदान 15 नवंबर को होना है. बिहार में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत और ग्राम कचहरियों के लिए सातवें चरण में कुल 27,730 पदों के लिए कुल 1,07,315 लाख प्रत्याशी मैदान में डट गए हैं. सातवें चरण का मतदान के लिए नमांकन शनिवार यानी 30 अक्टूबर को संपन्न हो गया था. अब सभी प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं.

इन्हें भी पढ़ें- पंचायत चुनाव को लेकर भारत नेपाल बॉर्डर पर दोनों देशों के अधिकारियों के साथ जवानों ने की पेट्रोलिंग

गया: बिहार पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) 2021 के तहत कई तरह की बातें सामने आ रही है. जैसे-जैसे जनप्रतिनिधि क्षेत्र में जनसंपर्क रहे हैं, वैसे-वैसे समस्याओं का अंबार नजर आ रहा है. गया जिले के डोभी प्रखंड में सातवें चरण के तहत मतदान होना है. गया जिले के खरांटी पंचायत से मुखिया पद के लिए नामांकन(Nomination) करने वाली पिंकी रावत ने चुनाव में खड़े होने का फैसला तब लिया जब कई सालों के इंतजार के बाद भी उनके गांव की 2 किलोमीटर सड़क नहीं बनाई गई.

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मुखिया पद के लिए खड़ी हुई पिंकी रावत अपने क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क कर रही हैं. जनसंपर्क के दौरान ग्रामीणों द्वारा कई तरह की समस्याओं को बताया जा रहा है. समस्याओं को सुनने के बाद वे उनके अविलंब निदान की बात भी कर रही हैं. इस संबंध में मुखिया प्रत्याशी पिंकी रावत ने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान कई तरह की समस्याएं देखने को मिली. लोगों को नल, जल, गली, पेयजल व सड़क जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. अब तक जो जनप्रतिनिधि हुए उन्होंने इस क्षेत्र में काम नहीं किया. आखिरकार लाचार होकर उन्होंने खुद सभी समस्याओं को दूर करने के इरादे से मुखिया पद के लिए नामांकन किया है.

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वहीं, मुखिया प्रत्याशी पिंकी राउत के पति बबलू कुमार बताते हैं कि डोभी-हंटरगंज मुख्य सड़क मार्ग से नवाडीह गांव की दूरी मात्र 8 किलोमीटर है. इस बीच 2 किलोमीटर सड़क कच्ची है. सड़क में गड्ढे बन गए हैं. बरसात में गड्ढों में पानी जमा हो जाता है. जिस कारण आने-जाने में काफी परेशानी होती है. 20 सालों में 2 किलोमीटर की सड़क नहीं बन पाई अब हमने अपनी पत्नी को जनप्रतिनिधि बनाने का फैसला लिया है. अगर जनता हमें मौका देती है तो उक्त सड़क का निर्माण हमारी प्राथमिकता होगी.

वहीं, नवाडीह गांव निवासी महिला ललिता देवी ने बताया कि 2 साल पहले उनके पिता की मौत हो गई थी. तब से कबीर अंत्येष्टि के तहत मिलने वाली राशि को लेकर लगातार नेता से लेकर सरकारी कार्यालय तक का चक्कर लगा रही हैं. लेकिन आज तक पैसा नहीं मिला. स्थानीय जनप्रतिनिधि सिर्फ आश्वासन देते हैं. कहते हैं कि अभी राशि नहीं आई है. बाद में देंगे. अब पंचायत चुनाव में ऐसे लोग फिर वोट मांगने आ रहे हैं, ऐसे लोगों को हम लोग करारा जवाब देंगे. हम लोगों ने मन बनाया है कि जो लोग क्षेत्र का विकास करेंगे और सरकार की योजनाओं का लाभ हमें दिलाएंगे, उन्हें ही जनप्रतिनिधि के रूप में चुनेंगे।

बता दें कि गया के डोभी प्रखंड में सातवें चरण का मतदान 15 नवंबर को होना है. बिहार में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत और ग्राम कचहरियों के लिए सातवें चरण में कुल 27,730 पदों के लिए कुल 1,07,315 लाख प्रत्याशी मैदान में डट गए हैं. सातवें चरण का मतदान के लिए नमांकन शनिवार यानी 30 अक्टूबर को संपन्न हो गया था. अब सभी प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं.

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