गया: बिहार के गया जिले में पशु प्रेम और आस्था की मिसाल सामने आई है. बिजली के करंट की चपेट में आए तीन बंदरों में से दो की मौत (death of hanuman in gaya) हो जाने के बाद पूरे मोहल्ले में शोक की लहर दौर गई. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने हिंदू विधि-विधान से दोनों बंदरों का अंतिम संस्कार किया. उनके अंतिम संस्कार में दर्जनों लोग शामिल हुए थे.
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बांस की ठठरी बनाई और निकाली शोभायात्रा: गया में दो बंदर की मौत के बाद लोग काफी दुखी हुए. हालांकि इसके बीच लोगों ने ठठरी बनाई और शव यात्रा निकालकर कंधा दिया. ठठरी भी एक नहीं, बल्कि अलग-अलग दो बनाई गई थी. इसमें शामिल लोग बंदर के जयकारे भी लगा रहे थे. शोभायात्रा ढोल-बाजे के साथ निकाली गई थी.
हर 19 अक्टूबर को होती है बंदर की मौत: गया शहर के टेकारी रोड स्थित बंदर मंदिर के समीप पिछले तीन सालों से एक अजीबोगरीब घटना हो रही है. यहां हर साल 19 अक्टूबर को ही बंदर जी की मौत का मामला सामने आ रहा है. वहीं एक बार फिर दो बंदर की मौत करंट लगने से हो गई, जबकि एक बंदर जी का इलाज किया जा रहा है. इस तरह की घटना पिछले 3 सालों से लगातार हो रही है.
हिंदू रीति रिवाज से निकाली गई शव यात्रा: दोनो बंदर की मौत के बाद स्थानीय लोगों के द्वारा हिंदू रीति रिवाज के अनुसार ठठरी बांधकर श्मशान घाट तक शव यात्रा निकाली गई. श्मशान घाट के पास हिंदू रीति रिवाज के अनुसार दोनों बंदर का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान कई लोग मौजूद रहें.
"बिजली विभाग की लापरवाही के कारण इस तरह की घटना हुई है. बताया जा रहा है कि इलाके में बिजली के नंगे तार झूल रहा है. जिसे लेकर स्थानीय लोगों के द्वारा कई बार बिजली विभाग के कर्मचारियों को सूचना दी गई हैं. लेकिन समस्या का समाधान नहां किया गया".- स्थानीय
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