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गया में DPRO पर महिला कर्मी ने लगाया प्रताड़ना का आरोप, CM से शिकायत के बाद जांच शुरू - Molestation Case On DPRO IN Gaya

गया में एक महिला कर्मी ने जिला पंचायत राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) पर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. महिला कर्मी ने बताया कि डीपीआरओ उसे टाइट जींस और टीशर्ट पहनकर आने के लिए कहते हैं. वहीं, सीएम से शिकायत के बाद डीएम ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. पढ़िए पूरी खबर..

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Published : Apr 29, 2022, 11:12 PM IST

गया: जिला पंचायत राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) राजीव कुमार पर एक महिला कर्मी ने गंभीर आरोप लगाए हैं. विभाग की ही महिला कर्मचारी ने मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए सीएम को इसकी लिखित शिकायत की. महिला कर्मी ने शारीरिक छेड़छाड़ का भी DPRO पर आरोप लगाय. सीएम से शिकायत के बाद अब इस मामले की जांच शुरू हो गई है. गया जिला पदाधिकारी ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है.

ये भी पढ़ें: JDU नेता पर छेड़खानी का आरोप: रोहतास में महिलाओं ने किया प्रदर्शन, गिरफ्तारी नहीं होने पर पूछा ये सवाल

पीड़ित महिला ने सीएम से की शिकायत: बता दें कि 26 अप्रैल को जिला पंचायत राज विभाग गया की महिला कर्मचारी ने सीएम को लिखित शिकायत की. पत्र में मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है. जिला पंचायत राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) राजीव कुमार पर लगा है. फिलहाल मामले की जांच शुरू कर दी गई है. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि डीपीआरओ काले शीशे वाले चेंबर में बुलाते हैं. कहते हैं टाइट जींस और टीशर्ट पहन कर आओ. मेरे लिए तुम ऐसा किया करो. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि जिला पंचायत राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) राजीव कुमार ने काले शीशे का चेंबर बना रखा है. हमेशा अपने काले शीशे वाले चेंबर में बुलाकर सामने की कुर्सी पर बैठाते हैं और कहते हैं कि मैं ही तुम्हें रख सकता हूं और हटाना भी चुटकी का खेल है. तुम मेरे लिए टाइट जींस और टीशर्ट पहनकर आओ. शारीरिक रूप से भी महिला ने छेड़खानी का आरोप लगाया है. कई और महिला कर्मियों को भी इस तरह से प्रताड़ित करने की भी जानकारी दी.




ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है पीड़िता: पीड़िता महिला कर्मी इस कार्यालय में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है. मुख्यमंत्री को पत्र के बाद इस संबंध में गया जिला पदाधिकारी को जांच का निर्देश दिया गया है. जिला पदाधिकारी डॉ त्याग राजन एसएम ने जांच टीम से 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है. वहीं, जिला पंचायती राज पदाधिकारी डीपीआरओ राजीव कुमार का कहना है कि पीड़िता के नाम की हमारे यहां कार्यालय में कोई कर्मी नहीं है. इस तरह का आरोप सरासर गलत है. जांच होती है, तो होने दीजिए.


उपविकास आयुक्त को जांच का जिम्मा: जांच का जिम्मा उप विकास आयुक्त को दिया गया है. जांच दल में जिला प्रोग्राम अधिकारी और श्रम अधीक्षक के अलावा कुछ अन्य महिला कर्मी भी शामिल किए गए हैं। इधर सोर्स से मिली जानकारी के अनुसार उक्त पीड़िता ने अपना मूल नाम से हटकर काल्पनिक नाम सीएम को लिखे आवेदन में दिया है. फिलहाल इस तरह के गंभीर मसले पर जांंच की कार्रवाई शुरू हो गई है.

गया: जिला पंचायत राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) राजीव कुमार पर एक महिला कर्मी ने गंभीर आरोप लगाए हैं. विभाग की ही महिला कर्मचारी ने मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए सीएम को इसकी लिखित शिकायत की. महिला कर्मी ने शारीरिक छेड़छाड़ का भी DPRO पर आरोप लगाय. सीएम से शिकायत के बाद अब इस मामले की जांच शुरू हो गई है. गया जिला पदाधिकारी ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है.

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पीड़ित महिला ने सीएम से की शिकायत: बता दें कि 26 अप्रैल को जिला पंचायत राज विभाग गया की महिला कर्मचारी ने सीएम को लिखित शिकायत की. पत्र में मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है. जिला पंचायत राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) राजीव कुमार पर लगा है. फिलहाल मामले की जांच शुरू कर दी गई है. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि डीपीआरओ काले शीशे वाले चेंबर में बुलाते हैं. कहते हैं टाइट जींस और टीशर्ट पहन कर आओ. मेरे लिए तुम ऐसा किया करो. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि जिला पंचायत राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) राजीव कुमार ने काले शीशे का चेंबर बना रखा है. हमेशा अपने काले शीशे वाले चेंबर में बुलाकर सामने की कुर्सी पर बैठाते हैं और कहते हैं कि मैं ही तुम्हें रख सकता हूं और हटाना भी चुटकी का खेल है. तुम मेरे लिए टाइट जींस और टीशर्ट पहनकर आओ. शारीरिक रूप से भी महिला ने छेड़खानी का आरोप लगाया है. कई और महिला कर्मियों को भी इस तरह से प्रताड़ित करने की भी जानकारी दी.




ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है पीड़िता: पीड़िता महिला कर्मी इस कार्यालय में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है. मुख्यमंत्री को पत्र के बाद इस संबंध में गया जिला पदाधिकारी को जांच का निर्देश दिया गया है. जिला पदाधिकारी डॉ त्याग राजन एसएम ने जांच टीम से 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है. वहीं, जिला पंचायती राज पदाधिकारी डीपीआरओ राजीव कुमार का कहना है कि पीड़िता के नाम की हमारे यहां कार्यालय में कोई कर्मी नहीं है. इस तरह का आरोप सरासर गलत है. जांच होती है, तो होने दीजिए.


उपविकास आयुक्त को जांच का जिम्मा: जांच का जिम्मा उप विकास आयुक्त को दिया गया है. जांच दल में जिला प्रोग्राम अधिकारी और श्रम अधीक्षक के अलावा कुछ अन्य महिला कर्मी भी शामिल किए गए हैं। इधर सोर्स से मिली जानकारी के अनुसार उक्त पीड़िता ने अपना मूल नाम से हटकर काल्पनिक नाम सीएम को लिखे आवेदन में दिया है. फिलहाल इस तरह के गंभीर मसले पर जांंच की कार्रवाई शुरू हो गई है.

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