गया: विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले को लेकर गया में तीर्थयात्रियों का तांता लगा हुआ है. अब तक लाखों की संख्या में पिंडदानी गया जी पहुंच चुके हैं और विभिन्न पिंड वेदियों पर पिंडदान कर रहे हैं. इन पिंडदानियों की सेवा के लिए कई सामाजिक संगठनों की तरफ से मेला क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर शिविर लगाया गया है.
शिविर का उद्घाटन
इसी क्रम में सीताकुंड पिंड वेदी के पास जीडी पब्लिक स्कूल, माहुरी वैश्य मंडल और बुनकर समाज समिति के तरफ से शिविर लगाया गया. इसका उद्घाटन कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने किया. इस दौरान कई राजनीतिक, शिक्षाविद, समाजसेवी और शहर के गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
अतिथि देवो भवः
इस मौके पर कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि पितृपक्ष मेला-2019 का शुभारंभ हो चुका है. देश-विदेश से लाखों की संख्या में पिंडदानी गया जी आ रहे हैं. कई सामाजिक संगठन शिविर लगाकर तीर्थ यात्रियों की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमारी जो संस्कृति है, अतिथि देवो भवः, उसी के तर्ज पर तीर्थ यात्रियों की सेवा करें. ताकि जब तीर्थयात्री यहां से वापस लौटे, तो एक अच्छा संदेश लेकर लौटें.
तीर्थयात्रियों के लिए चिकित्सा सेवा
वहीं चिकित्सा शिविर लगाने वाले जीडी पब्लिक स्कूल के निदेशक धर्म शाही ने कहा कि अपने पिता की बातों से प्रेरित होकर वह कई वर्षों से सीताकुंड के पास शिविर लगा रहे हैं. इस शिविर के माध्यम से तीर्थ यात्रियों को चिकित्सा सेवा दी जाती है. इस काम में एमआर एसोसिएशन और कई डॉक्टर भी उनका साथ देते हैं.
दी जाती है निशुल्क सेवा
17 दिनों तक चलने वाले इस मेले में प्रतिदिन एक डॉक्टर उपस्थित होकर निशुल्क रूप से तीर्थयात्रियों को सेवा देते हैं. साथ ही मुफ्त दवाइयां भी दी जाती हैं. इसके अलावा तीर्थयात्रियों के लिए नींबू पानी और चाय की भी व्यवस्था अपने स्तर से करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई आर्थिक रूप से कमजोर पिंडदानी यहां पर आता है, तो उसे पैसे देकर भी मदद की जाती है. साथ ही वैसे गरीब एवं असहाय बच्चे-बच्चियां जो अपनी पढ़ाई के लिए पैसे नहीं दे पाते हैं, उन्हें भी निशुल्क सेवा देने का कार्य किया जाता है.
समाजसेवी ने कहा- धन्यवाद
वहीं, स्थानीय समाजसेवी कन्हैया कुमार ने बताया कि यहां विभिन्न संगठनों के सहयोग से तीर्थयात्रियों की सेवा की जा रही है. इसके लिए ये लोग धन्यवाद के पात्र हैं. चाहे वे डॉक्टर हों, स्कूल प्रबंधन हों या कोई प्रतिष्ठान से जुड़े हुए व्यक्ति हों सभी लोग अपने स्तर से यात्रियों को सेवा दे रहे हैं. ऐसे में यात्री गया शहर से लौटेंगे तो एक अच्छा संदेश लेकर लौटेंगे.