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बोधगया में गरीबों के लिए खुला मॉल, मुफ्त में मिल रहा एक माह का राशन

भगवान बुद्ध (Lord Buddha) की ज्ञान स्थली बोध गया में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौरान एक से एक दानवीर भी है जो जरूरतमंद लोगों के बीच राशन मुहैया कर रहे हैं. बोधगया में गरीब और जरुरतमंद लोगों के लिए एक मॉल खोला गया है. जहां पर लोग मुफ्त में जरूरत के हिसाब से राशन ले सकते हैं.

गरीबों और जरुरतमंदों के लिए खुला मॉल
गरीबों और जरुरतमंदों के लिए खुला मॉल
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Published : Jul 25, 2021, 2:22 PM IST

गया: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों (Poor And Middle Class Families) को दो जून की रोटी की आफत हो गई है. बोधगया (Bodhgaya) में ऐसे में गरीब और जरुरतमंद लोगों के लिए एक मॉल (MALL) खोला गया है. जहां से जरूरतमंद लोग अपने जरूरत के हिसाब से एक माह का राशन साम्रगी ले जा सकते हैं.

ये भी पढ़ें- गया: हमले के 8 साल, घटना के बाद बदल गयी महाबोधि मंदिर और बोधगया की तस्वीर

दरअसल, कोरोना महामारी से जितने लोग ग्रसित हुए, उससे ज्यादा कोरोना काल मे लागू लॉकडाउन और पाबंदियों से भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. बोधगया और उसके आसपास का क्षेत्र पर्यटन उद्योग पर निर्भर रहता था. दो सालों से पर्यटन उद्योग कोविड गाइडलाइंस के कारण बन्द है. इसकी वजह से बोधगया में हजारों लोगों को दो जून की रोटी हर दिन नसीब नहीं हो रही है.

बोधगया के सामाजिक संस्था ने एक बेहतर पहल करते हुए जरुरतमंद लोगों के लिए बोधगया के रतीविगहा गांव में फ्री में एक मॉल खोला है जहां से लोग मुफ्त में अपने जरूरत के हिसाब से अनाज ले सकते हैं. लाभुक नीतीश कुमार ने बताया कि मुझे जानकारी मिली की जन अमिताभ वेलफेयर संस्था में मुफ्त में एक माह का राशन मिल रहा है. यहां आकर देखा तो मैं दंग रह गया. हर एक सामान का स्टाल लगा था और सामान खुद से लेना था. इस संस्था ने यह पहल कर हमारे स्वाभिमान का कद्र किया है.

ये भी पढ़ें- बोधगया के पच्छट्टी देवी मंदिर से शिवलिंग की चोरी, हिरासत में ली गई विदेश महिला

'मैं अपने भाई के साथ राशन साम्रगी लेने आया हूं. यहां समाना देने का पैटर्न बिल्कुल अलग है. मॉल के शक्ल में तब्दील कर दिया गया है, बस पंजीकरण करवाइए और अपने जरूरत के हिसाब से राशन सामग्री ले लीजिए. यहां न्यूनतम एक सप्ताह का और अधिकतम एक माह का राशन लेने की व्यवस्था है. राशन साम्रगी में आटा,चावल, दो प्रकार की दाल, नमक, सभी प्रकार के मसाले, तेल, आलू, सोयाबीन, साबुन, सैनिटाइजर और मास्क दिये जा रहे हैं.' : पंकज कुमार, लाभार्थी

जन अमिताभ वेलफेयर संस्था के निदेशक आनंद विक्रम ने बताया कि कोरोना काल मैं या हर सक्षम व्यक्ति ने मदद किया लेकिन मैंने मदद करने का पैटर्न बदल दिया. जरूरतमंद लोगों के बीच सूचना दी गयी कि आपको जरूरत हो तो बेहिचक आइए, अनाज ले जाइए. इस हिचक को तोड़ने के लिए एक मॉल का शक्ल दे दिया.

'आप अपने जरूरत के हिसाब से राशन लीजिए, इनमें एक शर्त ये है कि उनको कम से कम एक डोज कोविड वैक्सीन लगाकर आना होगा. जो वैक्सीन लगाकर आते हैं, उनका पंजीकरण कर उनको मॉल में भेज दिया जाता है. उसके बाद वो खुद से अपने जरूरत के हिसाब से सामान लेते हैं.' : आनंद विक्रम, निदेशक, अमिताभ वेलफेयर

राशन सामग्री का वितरण जापान और फ्रांस की मदद से किया जा रहा है. आमदा और जन अमिताभ वेलफेयर संस्था लोगों तक अनाज पहुंचाने में मदद कर रहा है.

ये भी पढ़ें- गया: कोरोना वैक्सीन लगवाओ, साड़ी-छाता और राशन के साथ 1 दिन होटल में फ्री स्टे पाओ

बता दें कि भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली बोधगया में कोरोना काल में एक से एक दानवीर भी हैं जो जरुरतमंद लोगों के बीच राशन मुहैया कर रहे हैं लेकिन बोधगया के रतिविगहा गांव में जापान और फ्रांस की संस्था की मदद लोगों को सहयोग दिया जा रहा है. यह प्रशंसनीय और सराहनीय है.

गया: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों (Poor And Middle Class Families) को दो जून की रोटी की आफत हो गई है. बोधगया (Bodhgaya) में ऐसे में गरीब और जरुरतमंद लोगों के लिए एक मॉल (MALL) खोला गया है. जहां से जरूरतमंद लोग अपने जरूरत के हिसाब से एक माह का राशन साम्रगी ले जा सकते हैं.

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दरअसल, कोरोना महामारी से जितने लोग ग्रसित हुए, उससे ज्यादा कोरोना काल मे लागू लॉकडाउन और पाबंदियों से भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. बोधगया और उसके आसपास का क्षेत्र पर्यटन उद्योग पर निर्भर रहता था. दो सालों से पर्यटन उद्योग कोविड गाइडलाइंस के कारण बन्द है. इसकी वजह से बोधगया में हजारों लोगों को दो जून की रोटी हर दिन नसीब नहीं हो रही है.

बोधगया के सामाजिक संस्था ने एक बेहतर पहल करते हुए जरुरतमंद लोगों के लिए बोधगया के रतीविगहा गांव में फ्री में एक मॉल खोला है जहां से लोग मुफ्त में अपने जरूरत के हिसाब से अनाज ले सकते हैं. लाभुक नीतीश कुमार ने बताया कि मुझे जानकारी मिली की जन अमिताभ वेलफेयर संस्था में मुफ्त में एक माह का राशन मिल रहा है. यहां आकर देखा तो मैं दंग रह गया. हर एक सामान का स्टाल लगा था और सामान खुद से लेना था. इस संस्था ने यह पहल कर हमारे स्वाभिमान का कद्र किया है.

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'मैं अपने भाई के साथ राशन साम्रगी लेने आया हूं. यहां समाना देने का पैटर्न बिल्कुल अलग है. मॉल के शक्ल में तब्दील कर दिया गया है, बस पंजीकरण करवाइए और अपने जरूरत के हिसाब से राशन सामग्री ले लीजिए. यहां न्यूनतम एक सप्ताह का और अधिकतम एक माह का राशन लेने की व्यवस्था है. राशन साम्रगी में आटा,चावल, दो प्रकार की दाल, नमक, सभी प्रकार के मसाले, तेल, आलू, सोयाबीन, साबुन, सैनिटाइजर और मास्क दिये जा रहे हैं.' : पंकज कुमार, लाभार्थी

जन अमिताभ वेलफेयर संस्था के निदेशक आनंद विक्रम ने बताया कि कोरोना काल मैं या हर सक्षम व्यक्ति ने मदद किया लेकिन मैंने मदद करने का पैटर्न बदल दिया. जरूरतमंद लोगों के बीच सूचना दी गयी कि आपको जरूरत हो तो बेहिचक आइए, अनाज ले जाइए. इस हिचक को तोड़ने के लिए एक मॉल का शक्ल दे दिया.

'आप अपने जरूरत के हिसाब से राशन लीजिए, इनमें एक शर्त ये है कि उनको कम से कम एक डोज कोविड वैक्सीन लगाकर आना होगा. जो वैक्सीन लगाकर आते हैं, उनका पंजीकरण कर उनको मॉल में भेज दिया जाता है. उसके बाद वो खुद से अपने जरूरत के हिसाब से सामान लेते हैं.' : आनंद विक्रम, निदेशक, अमिताभ वेलफेयर

राशन सामग्री का वितरण जापान और फ्रांस की मदद से किया जा रहा है. आमदा और जन अमिताभ वेलफेयर संस्था लोगों तक अनाज पहुंचाने में मदद कर रहा है.

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बता दें कि भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली बोधगया में कोरोना काल में एक से एक दानवीर भी हैं जो जरुरतमंद लोगों के बीच राशन मुहैया कर रहे हैं लेकिन बोधगया के रतिविगहा गांव में जापान और फ्रांस की संस्था की मदद लोगों को सहयोग दिया जा रहा है. यह प्रशंसनीय और सराहनीय है.

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