गया: जब कुछ करने का हौसला हो तो किसी भी हालात से लड़ा जा सकता है. ये साबित कर रही हैं गया की 45 वर्षीय सीता देवी. ये शहर के व्यस्त चौराहे काशीनाथ मोड़ के पास फुटपाथ पर बैठ कर खराब विधुत उपकरणों की रिपेयरिंग का काम कर रही हैं. पति की बीमारी के बाद जब घर में चूल्हा जलना बंद हुआ तो इन्होंने घर चलाने की जिम्मेदारी खुद पर ले ली.
सीता देवी ने अपने पति के हुनर को सीख कर फुटपाथ पर बिजली यंत्रो की मरम्मती का काम करने लगी. सीता देवी अपने हुनर की कमाई से अपने घर में उजाला तो लाई साथ ही सैकड़ों महिलाओं को बिजली काम सिखाकर उनके घर मे भी प्रकाश फैला दिया.
20 साल पहले हालातों ने सिखाया हुनर
20 साल पहले एक दिन सीता देवी के पति की तबियत बहुत खराब हो गई. डॉक्टर ने पति को पूरी तरह बेड रेस्ट के लिए बोल दिया. घर में तीन बच्चे और खुद की बीमारी के लिए पति दुकान पर बैठने लगे. उनकी देखभाल के लिए सीता देवी भी उनके साथ बैठती थीं. इस दौरान उन्होंने उपकरणों की रिपेय़रिंग का पूरा काम सीख लिया और खुद दुकान पर बैठनें लगी.
कई महिलाओं को सिखाया काम
सीता देवी अपने घर दिग्घी तालाब के पास 30 महिलाओं के समूह बनाकर बिजली यंत्रो को बनाने का काम सिखाती हैं. 20 वर्षों ने उन्होंने 100 से अधिक महिलाओं को बिजली का काम सिखाया.
अपनी मेहनत और हुनर की कमाई से आज सीता देवी पति का पटना में इलाज करवा रही हैं. साथ ही बच्चों को भी बेहतर शिक्षा भी दे रही हैं.