गया: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने जेडीयू से बढ़ती उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी को लेकर गया में पत्रकारों से पूछ गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि शायद वो जिस पद की इच्छा रखते हैं, वह उन्हें मिल नहीं रहा है. इसलिए कभी जेडीयू में आते हैं और कभी छोड़कर चले जाते हैं. उन्होंने कहा कि कुशवाहा जिस पार्टी में थे, जिस पार्टी में गए और फिर दूसरी पार्टी में गए. उसके बाद फिर दूसरी पार्टी में आए. लगता है कि उनमें मन में कहीं ना कहीं कुछ बात है. लक्षित पद वो चाहते हैं, लेकिन शायद उनको वो पद मिल नहीं रहा है.
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"उपेंद्र कुशवाहा जिस पार्टी में थे, जिस पार्टी में गए और फिर दूसरी पार्टी में गए, फिर दूसरी पार्टी में आए. लगता है कि उनमें मन में कहीं ना कहीं कुछ बात है. लक्षित पद वो चाहते हैं, शायद उनको वो पद मिल नहीं रहा है. इसलिए उनके मन में छटपटाहट है कि कैसे वो पद हम प्राप्त करें. इस दृष्टिकोण से वो बार-बार अपनी बात इधर-उधर कर रहे हैं"- जीतनराम मांझी, संरक्षक, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा
'जनहित में बदलनी चाहिए पार्टी': पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने यह भी कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है. परिस्थिति बदलती रहती है. कल क्या होगा, यह परिस्थिति पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि जनहित में लोग 100 बार पार्टी बदलते हैं. तालाब में पानी भर जाता है या सड़ जाता है तो वह पानी निकालते हैं. उपेंद्र कुशवाहा भी कई बार पार्टी बदले हैं. इसके पीछे कुछ बात है. मुझे लगता है कि वह मनपसंद पद पाना चाहते हैं, जोकि मिल नहीं रहा है. इस कारण से यह स्थिति आती रहती है.
महागठबंधन में को-ऑर्डिनेशन कमिटी बननी चाहिए: हम संरक्षक ने एक बार फिर महागठबंधन में को-ऑर्डिनेशन कमिटी की मांग की है. उन्होंने कहा कि को-ऑर्डिनेशन कमिटी की बात केवल हम ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि इसके लिए सीपीआई माले के नेता दीपांकर भट्टाचार्य और आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी कह चुके हैं. घटक दलों के बीच बेहतर तालमेल और सरकार से समन्वय के लिए को-ऑर्डिनेशन कमिटी जरूरी है.