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ईटीवी भारत से बोले मांझी- मुजफ्फरपुर नहीं गया क्योंकि मरीज परेशान होते, औपचारिकता में विश्वास नहीं

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए जीतन राम मांझी ने अपने कार्यकाल और बिहार में फैली बीमारी पर राय रखी. उन्होंने क्या कुछ कहा चलिए जानते हैं.

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Published : Jun 23, 2019, 12:14 AM IST

Updated : Jun 23, 2019, 12:21 AM IST

गया: बिहार में एईएस और हीटवेव की चपेट में आने से सैकड़ों लोग अपनी जान जा गंवा चुके हैं. बिहार में कुल मिलाकर मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात हैं. इन सब के बीच जहां सरकार कुछ भी बोलने से बच रही है. वहीं, विपक्ष ज्यादा एक्टिव नहीं दिख रहा है. बात करें गया में तो यहां लू से अब तक कुल 49 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बाबत जब पूर्व सीएम जीतन राम मांझी से सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कह दिया कि मैं औपचारिकता में विश्वास नहीं रखता.

गया से जीतन राम मांझी ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. गया से पहचान बनाई. गया की जनता ने उन्हें कई बार विधायक बनाया. इन सब के बावजूद इमामगंज के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी लू पीड़ितों से मिलने मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल नहीं गए.

चमकी बुखार, लू, विपक्ष के लापता होने और मुख्यमंत्री काल में मगध के अस्पताल के लिए क्या हुआ. इन सभी सवालों को लेकर ईटीवी भारत ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से बातचीत की.

सवाल - लू पीड़ितों से मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, प्रभारी मंत्री और पप्पू यादव आए ,आपन गया के होकर भी लू पीड़ितों या मृतकों के परिजनों से क्यों नहीं मिले?
जवाब- देखिए, हम औपचारिकता विश्वास नहीं रखते हैं. सरकार के कार्यक्रम से हम दुखी हैं. हम लोग एक जुमला कहते हैं 'लिखा है परदेश किस्मत में वतन का क्या हाल होगा ,जहां बेदर्द मालिक हो वहां फरियाद क्या होगा' गया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ठीक नहीं हैं. कई बार सरकार को बोला गया कि इसे ठीक किया जाए. लेकिन उन्होंने नहीं किया.

जीतन राम मांझी से खास बातचीत

ताकि परेशान ना हो मरीज- मांझी
मांझी ने कहा कि मरीजों को देखने से क्या होगा, मैं तो मुज्जफरपुर भी नहीं गया. लेकिन मेरे पार्टी की टीम गयी हैं. हम जाएंगे तो भीड़ भी जाएगी. अस्पताल में एसी नहीं है. मरीजों को काफी दिक्कत होगी. विपक्ष का रोल हम अदा कर रहे हैं. 24 को जिला मुख्यालय और 26 को पटना में इन मुद्दा को लेकर धरना देंगे. मुझे लगा मिलना उचित नहीं होगा.

सवाल- आप एक साल मुख्यमंत्री रहे, आपने अपने कार्यकाल में गया के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों की सुविधा लिए क्या किया ?
जवाब- हम वाकई में मुख्यमंत्री थे, जब मुख्यमंत्री का काम करना शुरू किया तो मुझे हटा दिया गया. मैं तो बस नाम का मुख्यमंत्री था. मेरा कोई पदाधिकारी था? चपरासी से लेकर प्रधान सचिव तक उनका आदमी था. फाइल स्क्रीनिंग होकर आती थी. हम गया और दक्षिण बिहार के लिए काम करना चाहते थे. काम करने नहीं दिया गया. बात करते हैं मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक्स-रे मशीन और अल्ट्रासाउंड मशीन खराब थी सो वो तो हमने ही दीं. हमने कई सुधारात्मक कार्य किए हैं. जहां कुष्ठ रोग हुआ हो, तो एक सुई देने से ठीक तो नहीं होगा.

सवाल- पप्पू यादव गया में लू पीड़ितों से मिलने आए और आपको आस्तीन का सांप कहा. इसपर आपकी क्या राय है?
जवाब-वो क्या बोलते हैं. मुझे उससे मतलब नहीं है. मधेपुरा में चोखा होंगे. मुझे तो गया की जनता ने तीन लाख वोट दिए , गया कि जनता मुझसे प्यार करती है. वो विख्यात आदमी हैं. बड़े आदमी हैं. मैं छोटा आदमी हूं. इसलिए कुछ भी बोल देते हैं.

सवाल-बिहार में लापता विपक्ष का कार्यक्रम चल रहा है. लोग इनाम की घोषणा कर रहे हैं?
जवाब- ये राजनीति हो रही है. किसी के घर मे मातम पसरा हो, वो अगले दिन डंका बजाएगा. चुनाव में महागठबंधन फेल हो गया है. हमारे यहां मातम पसरा हुआ है. क्या चाहते हैं नाच नचवाये, कौन डांस करे. प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव युवा हैं. हार से हताश है. 28 जून को आएंगे.

गया: बिहार में एईएस और हीटवेव की चपेट में आने से सैकड़ों लोग अपनी जान जा गंवा चुके हैं. बिहार में कुल मिलाकर मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात हैं. इन सब के बीच जहां सरकार कुछ भी बोलने से बच रही है. वहीं, विपक्ष ज्यादा एक्टिव नहीं दिख रहा है. बात करें गया में तो यहां लू से अब तक कुल 49 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बाबत जब पूर्व सीएम जीतन राम मांझी से सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कह दिया कि मैं औपचारिकता में विश्वास नहीं रखता.

गया से जीतन राम मांझी ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. गया से पहचान बनाई. गया की जनता ने उन्हें कई बार विधायक बनाया. इन सब के बावजूद इमामगंज के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी लू पीड़ितों से मिलने मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल नहीं गए.

चमकी बुखार, लू, विपक्ष के लापता होने और मुख्यमंत्री काल में मगध के अस्पताल के लिए क्या हुआ. इन सभी सवालों को लेकर ईटीवी भारत ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से बातचीत की.

सवाल - लू पीड़ितों से मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, प्रभारी मंत्री और पप्पू यादव आए ,आपन गया के होकर भी लू पीड़ितों या मृतकों के परिजनों से क्यों नहीं मिले?
जवाब- देखिए, हम औपचारिकता विश्वास नहीं रखते हैं. सरकार के कार्यक्रम से हम दुखी हैं. हम लोग एक जुमला कहते हैं 'लिखा है परदेश किस्मत में वतन का क्या हाल होगा ,जहां बेदर्द मालिक हो वहां फरियाद क्या होगा' गया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ठीक नहीं हैं. कई बार सरकार को बोला गया कि इसे ठीक किया जाए. लेकिन उन्होंने नहीं किया.

जीतन राम मांझी से खास बातचीत

ताकि परेशान ना हो मरीज- मांझी
मांझी ने कहा कि मरीजों को देखने से क्या होगा, मैं तो मुज्जफरपुर भी नहीं गया. लेकिन मेरे पार्टी की टीम गयी हैं. हम जाएंगे तो भीड़ भी जाएगी. अस्पताल में एसी नहीं है. मरीजों को काफी दिक्कत होगी. विपक्ष का रोल हम अदा कर रहे हैं. 24 को जिला मुख्यालय और 26 को पटना में इन मुद्दा को लेकर धरना देंगे. मुझे लगा मिलना उचित नहीं होगा.

सवाल- आप एक साल मुख्यमंत्री रहे, आपने अपने कार्यकाल में गया के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों की सुविधा लिए क्या किया ?
जवाब- हम वाकई में मुख्यमंत्री थे, जब मुख्यमंत्री का काम करना शुरू किया तो मुझे हटा दिया गया. मैं तो बस नाम का मुख्यमंत्री था. मेरा कोई पदाधिकारी था? चपरासी से लेकर प्रधान सचिव तक उनका आदमी था. फाइल स्क्रीनिंग होकर आती थी. हम गया और दक्षिण बिहार के लिए काम करना चाहते थे. काम करने नहीं दिया गया. बात करते हैं मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक्स-रे मशीन और अल्ट्रासाउंड मशीन खराब थी सो वो तो हमने ही दीं. हमने कई सुधारात्मक कार्य किए हैं. जहां कुष्ठ रोग हुआ हो, तो एक सुई देने से ठीक तो नहीं होगा.

सवाल- पप्पू यादव गया में लू पीड़ितों से मिलने आए और आपको आस्तीन का सांप कहा. इसपर आपकी क्या राय है?
जवाब-वो क्या बोलते हैं. मुझे उससे मतलब नहीं है. मधेपुरा में चोखा होंगे. मुझे तो गया की जनता ने तीन लाख वोट दिए , गया कि जनता मुझसे प्यार करती है. वो विख्यात आदमी हैं. बड़े आदमी हैं. मैं छोटा आदमी हूं. इसलिए कुछ भी बोल देते हैं.

सवाल-बिहार में लापता विपक्ष का कार्यक्रम चल रहा है. लोग इनाम की घोषणा कर रहे हैं?
जवाब- ये राजनीति हो रही है. किसी के घर मे मातम पसरा हो, वो अगले दिन डंका बजाएगा. चुनाव में महागठबंधन फेल हो गया है. हमारे यहां मातम पसरा हुआ है. क्या चाहते हैं नाच नचवाये, कौन डांस करे. प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव युवा हैं. हार से हताश है. 28 जून को आएंगे.

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बिहार में एईएस और हिटवेब के चपेट में आने से सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। बिहार मे मातम पसरा हुआ है। सरकार अपनी दम तोड़ती व्यवस्था पर खुद पीठ थपथपा रही है वही विपक्ष लापता हैं। गया में लू से अब तक 49 लोगो का मौत हुआ है मरीजो से मिलने और स्वास्थ्य व्यवस्था को जाने सत्ता पक्ष से मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और प्रभारी मंत्री दौरा पड़ आये तजे लेकिन विपक्ष तौर पर सिर्फ पप्पू यादव आये थे, गया से पहचान रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी मरीजो से मिलने नही गए।मरीजो से नही मिलने के सवाल पर कहा मैं औपचारिकता में विश्वास नही रखता।


Body:गया से राजनीति जीवन का शुरुआत किया, गया से पहचान हैं,गया के जनता कईं बार विधायक उनको बनाया ,जनता के चुने प्रतिनिधि गया के इमामगंज का विधायक पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी लू पीड़ितों से मिलने मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल नही गए। इस पर जब सवाल पूछा गया तो कहते हैं मैं औपचारिकता में विश्वास नही रखता।

चमकी बुखार, लू, विपक्ष का लापता ,और मुख्यमंत्री काल मे मगध के अस्पताल के लिए क्या हुआ इन सभी सवालों को लेकर ईटीवी पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से बातचीत की।

1. लू पीड़ितों से मुख्यमंत्री , स्वास्थ्य मंत्री , प्रभारी मंत्री और पप्पू यादव आये ,आप गया के होकर लू पीड़ितों या मृतक के परिजनों से क्यों मुलाकात नही किये ?

देखिए, हम औपचारिकता विश्वास नही रखते हैं, सरकार के कार्यक्रम से हम दुखी हैं। हमलोग एक जुमला कहते हैं 'लिखा है परदेश किस्मत में वतन का क्या हाल होगा ,जहां बेदर्द मालिक हो वहां फरियाद क्या होगा' गया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ठीक नही हैं । कई बार सरकार को बोले इससे ठीक किया जाए लेकिन उन्होंने नही किया। मरीजो के देखने से क्या होगा, मैं तो मुज्जफरपुर भी नही गया लेकिन मेरे पार्टी के टीम गयी हैं। हम जायेगे तो भीड़ भी जाएगी अस्पताल में एसी नही है। मरीजो को काफी दिक्कत होगा। विपक्ष रोल हम अदा कर रहे हैं। 26 को पटना और 24 को जिला मुख्यालय इन मुद्दा को लेकर धरना देगे। मुझे लगा मिलना उचित नही होगा।

2. सर , आप एक साल मुख्यमंत्री रहे, गया के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों के सुविधा लिए क्या किये थे ?

हम वाकई में मुख्यमंत्री थे, जब मुख्यमंत्री का काम करना शुरू किया तो मुझे हटा दिया गया। मैं तो बस नाम का मुख्यमंत्री था मेरा कोई पदाधिकारी था चपरासी से लेकर प्रधान सचिव तक उनका आदमी था। फाइल स्कैनिंग होकर आती थी । हम गया और दक्षिण बिहार के लिए काम करना चाहते थे,काम करने नही दिया। बात करते हैं मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक्स रे मशीन और अल्ट्रासाउंड मशीन खराब था हमने दिया। हमने कई सुधारात्मक कार्य किया , जहाँ कुष्ठ रोग हुआ हो तो एक सुई देने से ठीक तो नही होगा।

3. पप्पू यादव गया में लू पीड़ितों से मिलने आये और आपको आस्तीन का सांप कहा

वो क्या बोलते हैं मुझे उससे मतलब नही है। मधेपुरा में चोखा होंगे मुझे तो गया के जनता तीन लाख वोट दिया , गया कि जनता मुझसे प्यार करती है। वो विख्यात आदमी है बड़े आदमी है मैं छोटा आदमी हूँ इसलिए कुछ भी बोल देते हैं।

4.बिहार में लापता विपक्ष का कार्यक्रम चल रहा है लोग इनाम का घोषणा कर रहे हैं

ये राजनीति हो रहा है, किसी के घर मे मातम पसरा हो वो अगले दिन डंका बजायेगा। चुनाव में महागठबंधन फैल हो गया है। हमारे यहां मातम पसरा हुआ है । क्या चाहते हैं नाच नचवाये, कौन डांस करे। प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव युवा है हार से हताश है। 28 जून को आयेगे।


Conclusion:
Last Updated : Jun 23, 2019, 12:21 AM IST
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