गयाः बिहार के गया का मोरिंगा पाउडर सेहतमंद (Moringa Powder) रहने की कुंजी है. गया के क्लाइमेट में उपजे सहजन की पत्तियों से तैयार मोरिंगा पाउडर की डिमांड देश के कई राज्यों में है. तमिलनाडु, पांडुचेरी, दिल्ली, एमपी, गुजरात समेत कई राज्य में इसका सप्लाई किया जाता है. मोरिंगा पाउडर बिहार के गया के अलावे सिर्फ तेलंगाना और केरल में ही तैयार किया जा रहा है. यह भारत और अमेरिका सरकार की क्लाइमेंट चेंज को लेकर तैयार की गई संयुक्त योजनाओं में से एक है.
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32 एकड़ में लगाए गए सहजनः वन प्रमंडल में 32 एकड़ में सहजन के पौधे लगाए गए हैं. गया के चयनित 15 गांव को सहजन की खेती का हब बनाए जाने की योजना है. इन चयनित गांव में जंगल क्षेत्र वाले अधिकांश इलाके हैं. इसमें गया वन प्रमंडल के अंतर्गत बाराचट्टी और खिजरसराय की सीमा से जुड़ने वाले बराबर के इलाके शामिल हैं.
मोरिंगा पाउडर बनाने का कामः प्रेरणा संस्था और वन समिति की देखरेख में गया में मोरिंगा पाउडर बनाने का काम चल रहा है. प्रेरणा संस्था के माध्यम से इस काम से कई महिलाओं को जोड़ा गया है. जो कि सहजन की पत्तियों को चुनने से लेकर मोरिंगा पाउडर बनाने के काम में जुटी हुई है. महिलाएं खुद को आत्मनिर्भर बना रही हैं. फिलहाल में दर्जनों महिलाओं को इससे रोजगार मिला है.
शरीर के लिए फायदेमंद है मोरिंगाः मोरिंगा पाउडर शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है. इससे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, पाचन, लीवर, वजन कम करने समेत कई तरह की बीमारियों में लाभ पहुंचता है. एक बेजोड़ हर्बल औषधि के तौर पर इसकी पहचान बन रही है. अब बाजारों में भी इसकी डिमांड काफी बढ़ने लगी है. यही वजह है, कि गया के सहजन के पतियों से तैयार मोरिंगा पाउडर की सप्लाई देश के विभिन्न राज्यों में हो रही है.
फॉरेस्ट + 2.0 के तहत हो रहा तैयारः यह काम फॉरेस्ट + 2.0 कार्यक्रम भारत सरकार और अमेरिका सरकार के संयुक्त प्रयास से हो रहा है. क्लाइमेट चेंज को लेकर जंगल को बचाने का उद्देश्य है. आमदनी बढाने के लिए सहजन का पौधा बड़े पैमाने पर लगाया गया है. सहजन की पत्तियां समिति के मेंबर समेत प्रेरणा संस्था से जुड़े लोग तोड़ते हैं. पत्ते तोड़ने के बाद उसे धोया जाता है. फिर मच्छरदानीनुमा जाल को ऊंचाई पर बांधकर उस पर रखकर पूरा पानी निकाल दिया जाता है. सोलर ड्रायर मशीन में पूरी तरह सुखाने के बाद दूसरी मशीन में डालकर इसका पाउडर बनाया जाता है. सौ ग्राम, ढाई सौ ग्राम, 500 ग्राम, एक किलोग्राम के वजन में पैक किया जाता है.
ऐसे करें मोरिंगा पाउडर का सेवनः मोरिंगा पाउडर का सेवन काफी फायदेमंद है. यह सेहतमंद बनाए रखता है. इसे एक ग्लास पानी में एक चम्मच घोलकर लिया जा सकता है. ज्यादा असर के लिए खाली पेट लेना फायदेमंद साबित होता है. हालांकि, भोजन के बाद भी इसका उपयोग लाभकारी ही साबित होता है.
मोरिंगा टी भी फायदेमंदः जो लोग मोरिंगा को सादे पानी के साथ नहीं ले सकते हैं. उनके लिए मोरिंगा टी के रूप में भी दिया जा सकता है. आधा ग्लास पानी में मोरिंगा पाउडर डालकर चाय बनाई जाती है, जिन्हें डायबिटीज न हो, वे शक्कर खोल कर आराम से ले सकते हैं. इस तरह मोरिंगा टी भी लाभप्रद है. बच्चों को इसे ज्यादा देना डॉक्टर सही नहीं मानते हैं. बच्चों को व्यस्क की अपेक्षा अधिक चम्मच मोरिंगा ही दिया जाना चाहिए. गौरतलब हो कि सरकार की योजना में इसे आंगनबाड़ी केंद्रों तक भी पहुंचाए जाने की बात शामिल है
"मोरिंगा में ऐसे तत्व हैं, जो हमारी सेहत के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं. इसके उपयोग से बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है. इसके लगातार सेवन से बीमारियां नजदीक नहीं फटकती. मोरिंगा पाउडर ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा समेत कई तरह की गंभीर बीमारियों में कारगर है." -नागेंद्र कुमार, चिकित्सक.