गयाः बिहार के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर के शिखर में जड़े 290 किलोग्राम सोने में चमक लाने का काम पांच सालों के बाद फिर से शुरू (Gold on top of Mahabodhi temple will be cleaned) किया जाएगा. हर तीन सालों में इसमें चमक लाई जाती है. अंतिम बार वर्ष 2017 में ऐसा किया गया था. लेकिन 2020 में कोरोना काल के कारण यह काम अधूरा रह गया, जिसके बाद अब थाईलैंड से टीम महाबोधि मंदिर के शिखर में जड़े सोने की चमक लाने के लिए बोधगया को पहुंच चुकी है.
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थाईलैंड से पहुंचा पांच कारीगरों का दलः थाईलैंड से पांच कारीगरों का दल बोधगया पहुंचा है, जो महाबोधि मंदिर के शिखर पर लगे सोने की चमक लाने के लिए काम करेंगे. मंदिर के शिखर तक पहुंचने के लिए लोहे की रेलिंग बनानी शुरू कर दी गई है. सोने में चमक लाने का काम शुरू होते ही चंद दिनों में ही उसकी चमक लौट आएगी.
अभी काफी जमा हुए धूलः 2017 के बाद पिछले पांच सालों में सोने की गुंबद पर धूल बैठ गई है. इसके कारण गुंबद की चमक कुछ फीकी पड़ गई है. 2020 में सोने की चमक लाने के लिए थाईलैंड से टीम पहुंची थी, जिसमें 20 सदस्य शामिल थे. कोरोना के कारण स्वर्ण जड़ित गुबंद की साफ-सफाई का काम नहीं हो पाया था. 2020 में कोरोना महामारी पीक पर थी. इसके कारण महाबोधि मंदिर के शिखर पर लगे सोने की गुंबद की सफाई का काम नहीं हो सका था. कोरोना को देखते हुए थाईलैंड से आई 20 कारीगरों की टीम को बिना काम कराए वापस भेज दिया गया था. अब कोरोना की पाबंदियां खत्म होने के बाद सफाई के लिए थाईलैंड से कारीगरों का दल पहुंचा है.
2.90 क्विंटल सोना गुंबद में लपेटा गया थाः गौरतलब हो कि वर्ष 2013 में थाईलैंड के श्रद्धालुओं ने 290 किलोग्राम सोने की प्लेट से गुंबद को लपेटा था. इससे मंदिर की चमक और बढ़ गई थी. तीन साल पर इसकी सफाई की जाती है. 2017 में सोने की सफाई की गई थी. उसके बाद 2020 में होना था. बीटीएमसी कार्यालय के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार थाईलैंड से कारीगरों का दल बोधगया पहुंच चुका है. इसके बाद महाबोधि मंदिर के शिखर में जड़े सोने के गुंबद में सफाई का काम शुरू किया जाएगा.