ETV Bharat / state

कड़कड़ाती सर्दी का असर: स्वेटर की शरण में भगवान - बिहार

मंदिर की स्थापना 1936 में हुई थी. तभी से भगवान को ऊनी कपड़े पहनाने की परंपरा है, ठंड के दिनों में भगवान को गर्म कपड़े पहना दिए जाते हैं. खास बात यह है कि भगवान के लिए गर्म कपड़े कलकत्ता से लाये जाते हैं.

God Wear warm clothes
भगवान को पहनाए गए गर्म कपड़े
author img

By

Published : Dec 31, 2019, 7:22 AM IST

Updated : Dec 31, 2019, 7:27 AM IST

गयाः जिले में ठंड ने बीते कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. ठंड के इस प्रकोप में आम लोगों से लेकर खास व्यक्ति का जनजीवन प्रभावित हुआ है. वहीं, इस भीषण ठंड का असर जिले के गौड़ीय मठ में राधे कृष्ण की प्रतिमा पर भी हुआ है. यहां भगवान को भक्ति भाव और बृज परंपरा के अनुसार राधेश्याम, भगवान जगन्नाथ सहित दीवारों पर लगे पोस्टरों को ठंड से बचाने के लिए ऊनी कपड़े पहनाए गए हैं.

'कलकत्ता से लाया जाता है गर्म कपड़ा'
भगवान को भी ठंड लगती है ये सुनकर थोड़ा अटपटा लगेगा, लेकिन गया के गौड़ीया मठ में भगवान की प्रतिमा को परंपरा के अनुसार ठंड शुरू होते ही गर्म कपड़े पहना दिए जाते हैं. मंदिर के पुजारी उत्तम श्लोक दास ने बताया कि मंदिर की स्थापना 1936 में हुआ था. तभी से यह परंपरा शुरू है. ठंड के दिनों में भगवान को गर्म कपड़े पहनाए जाते हैं. गर्म कपड़ों को कलकत्ता से लाया जाता है. भगवान को हर रोज नए-नए और गर्म कपड़े पहनाए जाते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

'गर्म पानी से स्नान करते हैं भगवान'
पुजारी ने बताया जिस प्रकार इंसान ठंड के मौसम में गर्म पानी से स्नान करता है, उसी प्रकार भगवान को भी हर रोज गर्म पानी से नहलाया जाता है. इसके साथ ही गर्म पानी का भोग भी कराया जाता है. ठंड से बचने के लिए भगवान को ऊनी स्वेटर, टोपी, शॉल और दस्ताने पहनाए जाते हैं. बता दें कि गया में गर्मी भी भीषण पड़ती है. गर्मी के दिनों में मूंगा पत्थर से बनी गणेश जी की प्रतिमा को पंखा लगाया जाता है. वहीं, ठंडी के दिनों में भगवान को ऊनि कपड़े पहनाए जाते हैं.

gaya
दीवारों पर लगे पोस्टरों पर लपेटे गए गर्म कपड़े

गयाः जिले में ठंड ने बीते कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. ठंड के इस प्रकोप में आम लोगों से लेकर खास व्यक्ति का जनजीवन प्रभावित हुआ है. वहीं, इस भीषण ठंड का असर जिले के गौड़ीय मठ में राधे कृष्ण की प्रतिमा पर भी हुआ है. यहां भगवान को भक्ति भाव और बृज परंपरा के अनुसार राधेश्याम, भगवान जगन्नाथ सहित दीवारों पर लगे पोस्टरों को ठंड से बचाने के लिए ऊनी कपड़े पहनाए गए हैं.

'कलकत्ता से लाया जाता है गर्म कपड़ा'
भगवान को भी ठंड लगती है ये सुनकर थोड़ा अटपटा लगेगा, लेकिन गया के गौड़ीया मठ में भगवान की प्रतिमा को परंपरा के अनुसार ठंड शुरू होते ही गर्म कपड़े पहना दिए जाते हैं. मंदिर के पुजारी उत्तम श्लोक दास ने बताया कि मंदिर की स्थापना 1936 में हुआ था. तभी से यह परंपरा शुरू है. ठंड के दिनों में भगवान को गर्म कपड़े पहनाए जाते हैं. गर्म कपड़ों को कलकत्ता से लाया जाता है. भगवान को हर रोज नए-नए और गर्म कपड़े पहनाए जाते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

'गर्म पानी से स्नान करते हैं भगवान'
पुजारी ने बताया जिस प्रकार इंसान ठंड के मौसम में गर्म पानी से स्नान करता है, उसी प्रकार भगवान को भी हर रोज गर्म पानी से नहलाया जाता है. इसके साथ ही गर्म पानी का भोग भी कराया जाता है. ठंड से बचने के लिए भगवान को ऊनी स्वेटर, टोपी, शॉल और दस्ताने पहनाए जाते हैं. बता दें कि गया में गर्मी भी भीषण पड़ती है. गर्मी के दिनों में मूंगा पत्थर से बनी गणेश जी की प्रतिमा को पंखा लगाया जाता है. वहीं, ठंडी के दिनों में भगवान को ऊनि कपड़े पहनाए जाते हैं.

gaya
दीवारों पर लगे पोस्टरों पर लपेटे गए गर्म कपड़े
Intro:गया में तीन दिनों में बीते कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है , ठंड के इस प्रकोप से गया में रहनेवाले आम से लेकर खास व्यक्ति का जनजीवन प्रभावित हुआ है वही गया के गौड़ीयामठ में राधे कृष्ण को ठंड में ऊनी कपड़े पहनाया गया है।


Body:गौरतलब है कि बिहार का गया कोल्ड डिस्ट्रिक्ट इन तीन दिनों में रहा, शिमला से भी ज्यादा ठंड गया में पड़ रहा है। उम्मीद ऐसा है कि ठंड के प्रकोप अभी बरकरार रहेगा। ठंड को लेकर हर लोग घर मे दुबके है वही गया में भगवान को भी भक्ति भाव और बृज परंपरा के अनुसार गया के गौड़ीयामठ में राधेश्याम ,भगवान जगन्नाथ सहित अन्य स्थापित प्रतिमा को ठंड के मौसम में गर्म वस्त्र पहनाया गया है। vo:1 भगवान को भी ठंड लगता हैं ये सुनकर थोड़ा अटपटा लगेगा, लेकिन गया के गौड़ीयामठ में भगवान के प्रतिमा को परंपरा अनुसार ठंड शुरू होते ही गर्म कपड़े पहनाया जाता है। इस संदर्भ में मन्दिर के पुजारी ने बताया ये परंपरा जब मंदिर का स्थापना 1936 हुआ था तब से शुरू हैं। ठंड शुरू होते ही इस मंदिर में गर्म कपडे जो कलकत्ता से लाया जाता है उसे भगवान को पहनाया जाता है। हर रोज नए नए गर्म कपड़े भगवान को ओढ़ाया जाता है। vo:2 आगे मंदिर के पुजारी ने बताया जिस प्रकार इंसान को ठंड लगने पर गर्म पानी से स्नान कर रहे हैं ऊनी स्वेटर, टोपी,शॉल और दस्ताने पहन ठंड से बचने का प्रयास कर रहे हैं उसी प्रकार भगवान को भी ठंड नहीं लगे इसके लिए गर्म पानी का भोग गरम पकवान का भोग के साथ ही ऊनी स्वेट,र टोपी, शॉल और दस्ताने पहनाया जा रहा है। बाईट- उत्तम श्लोक दास, पुजारी (गौड़ीयामठ)


Conclusion:आपको बता दे गया में गर्मी भी भीषण पड़ती है और ठंड भी, गर्मी के दिनों में मूंगा पत्थर से बना गणेश जी को पंखा लगाया जाता है वही जाड़ा में भगवान को ऊनि कपड़े पहनाया गया। ये दोनो मौसम के प्रकोप काल मे ये अनुपम दृश्य देखने गया में मिलता है।
Last Updated : Dec 31, 2019, 7:27 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.