गया: बिहार के गया में एक ऐसा मंदिर है, जहां मान्यता है कि यहां शादियों की बाधा दूर होती है. गया के कृष्ण द्वारका के नजदीक श्री लगनेश्वर महादेव का मंदिर (Shri Laganeshwar Mahadev Temple In Gaya) है, जहां देश के कोने-कोने से लोग आते हैं और बाबा लगनेश्वर की कृपा प्राप्त करते हैं. उनकी शादियां बनती हैं. इससे इतर देखें, तो गया में पिछले 5 सालों में 36 सौ मामले ऐसे आए हैं, जिसमें पति-पत्नी के बीच विवाद है. जिनकी शादियां नहीं लग पाती हैं, उनकी मन्नत यहां पूरी हो जाती है. मान्यता है कि यहां मन्नत श्री लगनेश्वर महादेव मंदिर में नियम अनुसार (Glory Of Laganeshwar Mahadev Temple Is Immense) पूजन से पूरी हो जाती है.
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लगनेश्वर महादेव मंदिर की महिमा है अपरंपार : इसके लिए सवा महीने यहां की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा करने की विधि है. विधिपूर्वक पूजन से शादी लगने में जो अड़चनें आती है, वो खत्म हो जाती है. सवा महीने के इस पूजा के दौरान लहसुन-प्याज समेत कई चीजें वर्जित रखी जाती हैं. वहीं, कई सामग्री पूजन के लिए दिए जाते हैं. पूजा में उपयोग होने वाले पानी को शरीर पर छींटना पड़ता है. वहीं, पुजारी के द्वारा एक बंधा हुआ कपड़ा दिया जाता है, उसमें कुछ श्री लगनेश्वर महादेव की कृपा पाने के लिए मन्नत वाले पूजन सामग्री होते हैं. उसे खोलने की सख्त मनाही होती है.
महादेव पर लगाए हल्दी की उबटन को गालों में लगाते हैं : युवक रोड़ी लगाकर मन्नत पूजन करते हैं, तो युवतियां सिंदूर चढ़ा इस पूजन विधि को पूरा करती हैं. श्री लगनेश्वर महादेव को हल्दी का उबटन मन्नत पूजन करने वालों के द्वारा लगाया जाता है. यह उबटन श्री लगनेश्वर महादेव पर लगाने के बाद युवक हो या युुवतियां, अपने गालों पर लगाते हैं, जिससे इनकी शादी की बाधा को श्री लगनेश्वर महादेव हर लेते हैं. विघ्न बाधा दूर होते ही शादियां तय हो जाती है. श्री लगनेश्वर महादेव का शिवलिंग एक बड़ा शोध का विषय भी है. क्योंकि यह कितना दूरी तक है, यह आज तक पता नहीं लग सका.
महादेव का शिवलिंग कहां तक है, आज तक पता नहीं चल सका : पुजारी अरविंद कुमार मिश्रा बताते हैं कि शिवलिंग के किनारे से 10 से 15 फीट तक खुदाई की गई लेकिन वहां तक भी शिवलिंग पाया गया. जिससे आज तक यह नहीं पता चल सका है, कि यह शिवलिंग कितना गहरा है. यह अपनेआप में अनोखा शिवलिंग है. मंदिर के पुजारी अरविंद कुमार मिश्रा बताते हैं कि 10 से 15 फीट तक छेनी- हथौड़े से खोजने के बाद भी जब शिवलिंग की गहराई का पता नहीं चल सका तो छोड़ दिया गया. क्योंकि यह भगवान को आघात पहुंचाने के सामान होता. यह आज भी यह रहस्य है कि यह शिवलिंग कितनी गहराई का है.
'देश के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं. खासतौर से यहां लड़कियों की काफी भीड़ रहती है. आमतौर पर देखें तो लड़कियों की शादी में काफी कठिनाई होती है. लेकिन यहां पूजन करने से मन्नत मांगने से शादियां तुरंत लग जाती है. यहां देश के कोने-कोने से लोग आते हैं. बात करें तो मुंबई, गुजरात, दिल्ली, गाजियाबाद समेत कई स्थानों से यहां लोग आते हैं. यह स्थान कृष्ण द्वारका के नाम से जाना जाता है.' - अरविंद कुमार मिश्रा, पुजारी
'गया में पति-पत्नी के विवाद के मामले औसतन 80 के करीब हर महीने आते हैं. पिछले 5 सालों की बात करें तो 36 सौ के करीब मामले ऐसे आए हैं. वन स्टॉप सेंटर में इस तरह के मामलों को देखा जाता है और उसे निपटाने की पूरी कोशिश की जाती है. यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां से बहुत कुछ सकारात्मक होने की पूरी उम्मीद रहती है. हमारे यहां एक कैटेगरी बनी हुई है, उसी केटेगरी के अनुसार पति-पत्नी के बीच विवाद के मामले को सुलझाया जाता है.' - आरती कुमारी, प्रशासक, वन स्टॉप सेंटर, गया समाहरणालय