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ये अफगानिस्तान नहीं बिहार है.. देख लीजिए गया पुलिस का तालिबानी चेहरा! बच्चे-बुजुर्ग-महिला.. किसी को भी नहीं छोड़ा

बिहार के गया में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हुई है. पुलिस का आरोप है कि ग्रामीणों ने बालू माफिया के समर्थन में पुलिस पर पत्थरबाजी की है. तो वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने महिलाओं के हाथ बांधकर (Gaya Police Accused Of Beating Women ) उनकी पिटाई की. महिलाओं के साथ पुलिस की बर्बरतापूर्ण व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. पढ़ें पूरी खबर

gaya police accused of beating women with their hands tied
gaya police accused of beating women with their hands tied
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Published : Feb 17, 2022, 1:36 PM IST

Updated : Feb 17, 2022, 2:28 PM IST

गया: बिहार के गया जिला के बेलागंज थाना के आढ़तपुर गांव ( Clash Between Police And Villagers in Adhatpur Village gaya) के लोगों के शरीर पर बर्बर पिटाई के जख्म खुद ब खुद सारी कहानी बयां कर रही है. पिछले दिनों बालू उठाव का विरोध करने पर पुलिस ने गांव की महिलाओं, बच्चों और पुरुषों की बर्बरतापूर्ण पिटाई (clash in gaya) कर दी थी. इस दौरान पुलिस का तालिबानी चेहरा (Police beaten up women with tied hands in gaya) देखने को मिला.

पुलिस-ग्रामीणों में झड़प: आढ़तपुर गांव निवासी निरंजन कुमार और प्रमोद यादव ने बताया कि, बालू उठाव के लिए नियुक्त ठेकेदार नदी में सीमांकन करने पुलिस के साथ आये थे. हम गांव वासी शांतिपूर्ण ढंग से बात करने उनके पास पहुंचे थे कि गांव के पास उत्खनन नहीं किया जाए, क्योंकि यह गांव नदी के धार के सामने है. बरसात के दिनों में नदी में भीषण बाढ़ आती है. अगर गांव के समीप बालू का उत्खनन किया गया तो बरसात के दिनों में गांव कटने लगेगी. बाढ़ से यहां के लोगों के घर गिर जाने की संभावना होगी पर पुलिस अधिकारी और ठेकेदार इस बात को नहीं माने और जबरन बल प्रयोग कर हमें भगाने लगे.

बेलागंज थाना के आढ़तपुर गांव का वीडियो

पढ़ें- VIDEO: थाने में गाड़ी पार्क की तो सटक गई बौंसी थानेदार की खोपड़ी.. महिलाओं को पीटा, वीडियो वायरल

"इसी बात को लेकर हुए विवाद के बाद हम लोगों के ऊपर आंसू गैस का गोला छोड़ा जाने लगा. हम लोग भागकर गांव में आए और घरों में दुबक गए. लेकिन वे लोग पीछा करते हुए गांव तक पहुंच गए और घरों में से निकाल-निकाल कर बेरहमी से पिटाई की गई. बच्चे, बूढ़े, महिलाएं सभी की बर्बर पिटाई की गई. यही नहीं कुछ ग्रामीणों को हाथ बांधकर नदी में घंटों बैठाये रखा. जिनमें नाबालिग बच्चियां, बूढ़े और महिलाएं भी थीं. इसके बाद कई लोगों को पुलिस वाहन में बैठाकर गया शहर ले गए और निर्दोष ग्रामीणों को जेल भेज दिया." - निरंजन कुमार,आढ़तपुर गांव निवासी

आरजेडी विधायक का प्रशासन पर गंभीर आरोप: इस घटना की जानकारी मिलने के बाद गया जिला के बेलागंज विधानसभा के आरजेडी विधायक डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव आढ़तपुर गांव पहुंचे थे. उन्होंने ग्रामीणों का दर्द सुना, साथ ही न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया. राजद विधायक डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि, पुलिस द्वारा सकारात्मक पहल नहीं की गई. पहले गांव के लोगों को विश्वास में लिया जाना चाहिए था. ग्रामीण बालू उठाव का विरोध नहीं कर रहे हैं. बल्कि अपने गांव पर आने वाले बाढ़ के संभावित खतरे से सशंकित हैं.

पढ़ें- VIDEO: 'लड़की को मैसेज करता है..' बोलकर बदमाशों ने जमकर की CSP संचालक की धुनाई

"पुलिस और ठेकेदार के गुर्गों ने सीधे ग्रामीणों पर तालिबानी आक्रमण कर दिया. यह गांव आरजेडी का समर्थक है, इसलिए इन पर इस तरह की तालिबानी कार्रवाई की गई है. पुलिस और ठेकेदार द्वारा गांव में जबरदस्त रूप से आतंक मचाया गया है. घरों की खिड़कियां तोड़ी गई है. दरवाजे तोड़कर लोगों को घर से निकालकर बर्बरता पूर्वक पिटाई की गई. घर में रखे बाइक भी तोड़ी गई है. इस मामले को हम विधानसभा में उठाएंगे." - डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व मंत्री सह बेलागंज के आरजेडी विधायक

'बच्चे-बुजुर्ग-महिला..किसी को भी नहीं छोड़ा': वहीं ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि, घरों में घुसकर न सिर्फ पिटाई की गई बल्कि लूट भी मचाई गई है और यह सब पुलिस के संरक्षण में किया गया है. ग्रामीणों द्वारा उपलब्ध कराई गई घटना के दिन के वीडियो ( gaya viral video ) में दिखाई दे रहा है कि, महिलाएं बुजुर्ग और नाबालिग बच्चियों के हाथ बांधकर नदी के पास में बैठाया गया है. वीडियो में पुलिस भी दिखाई दे रही है. वहीं इस पूरे मामले में पुलिस के आला अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं.

सिटी एसपी का बयान: वहीं गया के सिटी एसपी राकेश कुमार ने कहा कि, खनन विभाग एवं जिलाधिकारी के निर्देश पर उक्त गांव में मजिस्ट्रेट एवं पुलिस कर्मी बालू घाट का सीमांकन करने गए थे. जहां पहले से मौजूद कुछ असामाजिक तत्वों ने ग्रामीणों को भड़काकर पुलिस बल पर हमला करवा दिया. इसके बाद पुलिसिया कार्रवाई की गई. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों द्वारा पुलिस पर किए गए हमले में 9 पुलिसकर्मी घायल हैं. उक्त लोगों द्वारा कानूनी कार्य में बाधा पहुंचाई गई है, जिसे लेकर ग्रामीणों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

"वहां हमारे पास महिला पुलिस कर्मी भी थी. पुलिस प्रशासन पर हमला किया गया था. हमले में हमारे 9 सिपाही घायल हुए हैं. जब भी कोई पुलिस पर हमला करेगा, सरकारी कार्य में बाध डालेगा तो ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. ग्रामीणों ने पुलिस और मजिस्ट्रेट पर हमला किया था. उनके बयान पर ही मामला दर्ज हुआ था." - राकेश कुमार,सिटी एसपी, गया
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गया: बिहार के गया जिला के बेलागंज थाना के आढ़तपुर गांव ( Clash Between Police And Villagers in Adhatpur Village gaya) के लोगों के शरीर पर बर्बर पिटाई के जख्म खुद ब खुद सारी कहानी बयां कर रही है. पिछले दिनों बालू उठाव का विरोध करने पर पुलिस ने गांव की महिलाओं, बच्चों और पुरुषों की बर्बरतापूर्ण पिटाई (clash in gaya) कर दी थी. इस दौरान पुलिस का तालिबानी चेहरा (Police beaten up women with tied hands in gaya) देखने को मिला.

पुलिस-ग्रामीणों में झड़प: आढ़तपुर गांव निवासी निरंजन कुमार और प्रमोद यादव ने बताया कि, बालू उठाव के लिए नियुक्त ठेकेदार नदी में सीमांकन करने पुलिस के साथ आये थे. हम गांव वासी शांतिपूर्ण ढंग से बात करने उनके पास पहुंचे थे कि गांव के पास उत्खनन नहीं किया जाए, क्योंकि यह गांव नदी के धार के सामने है. बरसात के दिनों में नदी में भीषण बाढ़ आती है. अगर गांव के समीप बालू का उत्खनन किया गया तो बरसात के दिनों में गांव कटने लगेगी. बाढ़ से यहां के लोगों के घर गिर जाने की संभावना होगी पर पुलिस अधिकारी और ठेकेदार इस बात को नहीं माने और जबरन बल प्रयोग कर हमें भगाने लगे.

बेलागंज थाना के आढ़तपुर गांव का वीडियो

पढ़ें- VIDEO: थाने में गाड़ी पार्क की तो सटक गई बौंसी थानेदार की खोपड़ी.. महिलाओं को पीटा, वीडियो वायरल

"इसी बात को लेकर हुए विवाद के बाद हम लोगों के ऊपर आंसू गैस का गोला छोड़ा जाने लगा. हम लोग भागकर गांव में आए और घरों में दुबक गए. लेकिन वे लोग पीछा करते हुए गांव तक पहुंच गए और घरों में से निकाल-निकाल कर बेरहमी से पिटाई की गई. बच्चे, बूढ़े, महिलाएं सभी की बर्बर पिटाई की गई. यही नहीं कुछ ग्रामीणों को हाथ बांधकर नदी में घंटों बैठाये रखा. जिनमें नाबालिग बच्चियां, बूढ़े और महिलाएं भी थीं. इसके बाद कई लोगों को पुलिस वाहन में बैठाकर गया शहर ले गए और निर्दोष ग्रामीणों को जेल भेज दिया." - निरंजन कुमार,आढ़तपुर गांव निवासी

आरजेडी विधायक का प्रशासन पर गंभीर आरोप: इस घटना की जानकारी मिलने के बाद गया जिला के बेलागंज विधानसभा के आरजेडी विधायक डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव आढ़तपुर गांव पहुंचे थे. उन्होंने ग्रामीणों का दर्द सुना, साथ ही न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया. राजद विधायक डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि, पुलिस द्वारा सकारात्मक पहल नहीं की गई. पहले गांव के लोगों को विश्वास में लिया जाना चाहिए था. ग्रामीण बालू उठाव का विरोध नहीं कर रहे हैं. बल्कि अपने गांव पर आने वाले बाढ़ के संभावित खतरे से सशंकित हैं.

पढ़ें- VIDEO: 'लड़की को मैसेज करता है..' बोलकर बदमाशों ने जमकर की CSP संचालक की धुनाई

"पुलिस और ठेकेदार के गुर्गों ने सीधे ग्रामीणों पर तालिबानी आक्रमण कर दिया. यह गांव आरजेडी का समर्थक है, इसलिए इन पर इस तरह की तालिबानी कार्रवाई की गई है. पुलिस और ठेकेदार द्वारा गांव में जबरदस्त रूप से आतंक मचाया गया है. घरों की खिड़कियां तोड़ी गई है. दरवाजे तोड़कर लोगों को घर से निकालकर बर्बरता पूर्वक पिटाई की गई. घर में रखे बाइक भी तोड़ी गई है. इस मामले को हम विधानसभा में उठाएंगे." - डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व मंत्री सह बेलागंज के आरजेडी विधायक

'बच्चे-बुजुर्ग-महिला..किसी को भी नहीं छोड़ा': वहीं ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि, घरों में घुसकर न सिर्फ पिटाई की गई बल्कि लूट भी मचाई गई है और यह सब पुलिस के संरक्षण में किया गया है. ग्रामीणों द्वारा उपलब्ध कराई गई घटना के दिन के वीडियो ( gaya viral video ) में दिखाई दे रहा है कि, महिलाएं बुजुर्ग और नाबालिग बच्चियों के हाथ बांधकर नदी के पास में बैठाया गया है. वीडियो में पुलिस भी दिखाई दे रही है. वहीं इस पूरे मामले में पुलिस के आला अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं.

सिटी एसपी का बयान: वहीं गया के सिटी एसपी राकेश कुमार ने कहा कि, खनन विभाग एवं जिलाधिकारी के निर्देश पर उक्त गांव में मजिस्ट्रेट एवं पुलिस कर्मी बालू घाट का सीमांकन करने गए थे. जहां पहले से मौजूद कुछ असामाजिक तत्वों ने ग्रामीणों को भड़काकर पुलिस बल पर हमला करवा दिया. इसके बाद पुलिसिया कार्रवाई की गई. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों द्वारा पुलिस पर किए गए हमले में 9 पुलिसकर्मी घायल हैं. उक्त लोगों द्वारा कानूनी कार्य में बाधा पहुंचाई गई है, जिसे लेकर ग्रामीणों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

"वहां हमारे पास महिला पुलिस कर्मी भी थी. पुलिस प्रशासन पर हमला किया गया था. हमले में हमारे 9 सिपाही घायल हुए हैं. जब भी कोई पुलिस पर हमला करेगा, सरकारी कार्य में बाध डालेगा तो ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. ग्रामीणों ने पुलिस और मजिस्ट्रेट पर हमला किया था. उनके बयान पर ही मामला दर्ज हुआ था." - राकेश कुमार,सिटी एसपी, गया
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Last Updated : Feb 17, 2022, 2:28 PM IST
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