गयाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कांग्रेस से नाराजगी की खबरें सामने आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार 4 नवंबर को नीतीश को फोन किया. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा सीएम नीतीश कुमार को फोन किए जाने के सवाल पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने तंज कसते हुए कहा 'नीतीश कुमार हमेशा प्रेशर टैक्टिस से काम लेते रहे हैं, इसलिए अल्पमत में रहते हुए भी मुख्यमंत्री बने रहे हैं.'
जीतन राम मांझी का नीतीश पर तंजः पूर्व सीएम जीतन राम मांझी शनिवार 4 नवंबर को भाजपा नेता मनीष पंकज मिश्रा के भाई अनीश पंकज की पुण्यतिथि में शामिल होने गया आए थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान नीतीश कुमार को खरगे के द्वारा फोन किये जाने के सवाल पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश का मोदी के प्रति हाल में दिखाए गये साॅफ्ट कॉर्नर का ही नतीजा है, कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फोन किया है.
"हाल में देखा जा रहा था कि लालू यादव, कांग्रेस और राहुल जी की बात कर रहे थे, तो नीतीश कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर दिखाए. यह उनके प्रेशर टैक्टिस का हिस्सा था. अब पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर को देखते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नीतीश कुमार को फोन किया है और इंडिया गठबंधन को लेकर उनसे बातचीत की है."- जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम
तेजस्वी को सीएम बनाने का दिया था आश्वासनः पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी को 2023 में मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन नहीं बनाया. 2023 का 11वां महीना चल रहा है. इससे लालू और तेजस्वी हतोत्साहित हुए हैं. यही वजह है कि वह कांग्रेस और राहुल गांधी की बात कर रहे हैं, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रेशर ट्रैक्टिस से काम ले रहे हैं. यही उनके अल्पमत में रहने के बावजूद भी मुख्यमंत्री बने रहने के कारणों में से एक है. हालांकि लालू यादव तेजस्वी यादव हतोत्साहित हुए हैं, पर उन्हें मालदार विभाग मिला है, जिसे वह चूस रहे हैं.
स्वाभिमान रहता तो नीतीश से समर्थन वापस ले लेतेः पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि डिप्टी सीएम तेजस्वी के पास मालदार विभाग है और वह चूस रहे हैं. यदि उनमें स्वाभिमान रहता तो नीतीश से समर्थन वापस ले लेते, लेकिन उन्हें अब भी लग रहा है कि मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगता है कि वह इंडिया गठबंधन के मुखिया बन सकते हैं. यही वजह है, कि वह एक दूसरे को छोड़ना नहीं चाहते हैं. शह-मात का खेल तालमेल में चल रहा है. आगामी साल के बजट का तीन हिस्सा तेजस्वी यादव के पास है. इसका लालच भी लालू यादव और तेजस्वी यादव को है.
सीपीआई के मंच से क्या कहा था नीतीश ने: 2 नवंबर को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की 'भाजपा भगाओ देश बचाओ' रैली में बोलते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि वह तो लगातार इंडिया गठबंधन को एकजुट करने में लगे हैं. बिहार में गठबंधन पूरी तरह से इंटेक्ट है लेकिन कांग्रेस को ही अभी गठबंधन में रुचि नहीं है. कांग्रेस अभी 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में व्यस्त है. नीतीश के इस बयान के बाद चर्चा तेज हो गई थी कि वह कांग्रेस के रुख से काफी नाराज हैं.
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