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गया DM ने खुद गेहूं काट की फसल कटनी प्रयोग की शुरुआत

गया शहर के निकट स्थित नगर प्रखंड के नैली पंचायत के दुबहल राजस्व ग्राम थाना संख्या 328, खेसरा संख्या 1368 में जिलाधिकारी ने स्वयं फसल काटकर फसल कटनी प्रयोग का शुभारंभ किया.

Gaya
फसल काटकर फसल कटनी प्रयोग का शुभारंभ करते जिलाधिकारी
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Published : Apr 11, 2021, 6:51 AM IST

गया: जिले में रबी फसल की फसल कटनी प्रयोग की शुरुआत हो गई है. जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने शनिवार को गेहूं की फसल काट कर जिले में फसल कटनी प्रयोग की शुरुआत की. डीएम ने फसल कटनी प्रयोग की शुरुआत गया शहर के निकट स्थित नगर प्रखंड के नैली पंचायत के दुबहल राजस्व ग्राम थाना संख्या 328, खेसरा संख्या 1368 में किसान संतोष कुमार सिंह के खेत से की. इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि फसल कटनी प्रयोग किसानों और सरकार, दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

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क्यों जरूरी है फसल कटनी प्रयोग
डीएम ने कहा कि इस प्रयोग के अधार पर ही सरकार आंकड़ों का विश्लेषण करती है. फिर इसी विश्लेषण के अधार पर किसानों के लिए/ कृषि विभागों के लिए योजना तैयार करती है. डीएम ने जानकारी दी कि सहकारिता विभाग द्वारा उपज दर के आंकड़ों के आधार पर बिहार राज्य फसल सहायता योजना के अंतर्गत किसानों के लिए सहायता/अनुदान निर्धारित किया जाता है. उन्होंने कहा कि सरकार इन आंकड़ों का उपयोग सरकारी नीतियों एवं अन्य कार्य हेतु भी करती है. बता दें कि ज़िला पदाधिकारी द्वारा फसल कटनी प्रयोग के उपरांत 10×5 वर्ग मीटर में 14 किलो 800 ग्राम उपज हुआ, जो औसतन 29.60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.

क्या होता है फसल कटनी प्रयोग?
इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए ज़िला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि बिहार राज्य फसल सहायता योजना के अंतर्गत रबी गेहूं अधिसूचित फसल है. इस योजना अंतर्गत औसत उपज दर आकलन के लिए जिले के हरएक पंचायत में 5-5 प्रयोग संपादित किए जाएंगे. प्रयोग के लिए खेसरा का चयन वैज्ञानिक तरीके से और निरपेक्ष रूप से रैंडम सिस्टम पर अधारित होगा. फसल कटनी प्रयोग पूर्ण होने के उपरांत आकड़ों का प्रेषण जिला सांख्यिकी कार्यालय द्वारा अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय, बिहार, पटना (योजना एवं विकास विभाग) को किया जाता है. निदेशालय फिर उन्हीं आंकड़ों का विश्लेषण कर जिला और पंचायत का औसत उपज दर निकालती है.

गया: जिले में रबी फसल की फसल कटनी प्रयोग की शुरुआत हो गई है. जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने शनिवार को गेहूं की फसल काट कर जिले में फसल कटनी प्रयोग की शुरुआत की. डीएम ने फसल कटनी प्रयोग की शुरुआत गया शहर के निकट स्थित नगर प्रखंड के नैली पंचायत के दुबहल राजस्व ग्राम थाना संख्या 328, खेसरा संख्या 1368 में किसान संतोष कुमार सिंह के खेत से की. इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि फसल कटनी प्रयोग किसानों और सरकार, दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

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क्यों जरूरी है फसल कटनी प्रयोग
डीएम ने कहा कि इस प्रयोग के अधार पर ही सरकार आंकड़ों का विश्लेषण करती है. फिर इसी विश्लेषण के अधार पर किसानों के लिए/ कृषि विभागों के लिए योजना तैयार करती है. डीएम ने जानकारी दी कि सहकारिता विभाग द्वारा उपज दर के आंकड़ों के आधार पर बिहार राज्य फसल सहायता योजना के अंतर्गत किसानों के लिए सहायता/अनुदान निर्धारित किया जाता है. उन्होंने कहा कि सरकार इन आंकड़ों का उपयोग सरकारी नीतियों एवं अन्य कार्य हेतु भी करती है. बता दें कि ज़िला पदाधिकारी द्वारा फसल कटनी प्रयोग के उपरांत 10×5 वर्ग मीटर में 14 किलो 800 ग्राम उपज हुआ, जो औसतन 29.60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.

क्या होता है फसल कटनी प्रयोग?
इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए ज़िला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि बिहार राज्य फसल सहायता योजना के अंतर्गत रबी गेहूं अधिसूचित फसल है. इस योजना अंतर्गत औसत उपज दर आकलन के लिए जिले के हरएक पंचायत में 5-5 प्रयोग संपादित किए जाएंगे. प्रयोग के लिए खेसरा का चयन वैज्ञानिक तरीके से और निरपेक्ष रूप से रैंडम सिस्टम पर अधारित होगा. फसल कटनी प्रयोग पूर्ण होने के उपरांत आकड़ों का प्रेषण जिला सांख्यिकी कार्यालय द्वारा अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय, बिहार, पटना (योजना एवं विकास विभाग) को किया जाता है. निदेशालय फिर उन्हीं आंकड़ों का विश्लेषण कर जिला और पंचायत का औसत उपज दर निकालती है.

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