गया: बिहार के गया जिले में स्थित गया कॉलेज के प्राचार्य दिनेश प्रसाद सिन्हा को निलंबित (Gaya college principal suspended) कर दिया गया है. मगध विश्वविद्यालय द्वारा इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया गया है. गया कॉलेज के प्राचार्य दिनेश प्रसाद सिन्हा पर वित्तीय अनियमितता का आरोप है. विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए पत्र में आरोपों का जिक्र किया गया है.
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विश्वविद्यालय द्वारा जारी किया गया नोटिफिकेशन: मगध विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में गया कॉलेज के प्राचार्य दिनेश प्रसाद सिन्हा को निलंबित करते हुए अग्रतर कार्रवाई करने की बात कही गई है. वहीं, इसमें वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितता के मामलों का भी जिक्र है. गंभीर वित्तीय आरोप को लेकर विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेज प्राचार्य का तत्काल प्रभाव से निलंबन किया गया है. मुख्य मामला 43 लाख के वित्तीय गबन से जुड़ा हुआ है. जिसके संबंध में प्राचार्य डॉ दिनेश प्रसाद सिन्हा से स्पष्टीकरण मांगा गया था. किंतु इन्होंने इसका जवाब नहीं दिया. इसके बीच जांच को बाधित करने का भी प्रयास किया गया.
जांच कमेटी को नहीं किया सहयोग: मगध यूनिवर्सिटी द्वारा जारी पत्र के माध्यम से प्राचार्य दिनेश प्रसाद सिन्हा पर 43 लाख रुपए वित्तीय गबन करने का आरोप लगाया गया है. प्राचार्य दिनेश प्रसाद सिन्हा पर पैसे के गबन करने के साथ-साथ यह भी आरोप लगाया गया है, कि यूनिवर्सिटी की ओर से भेजी गई जांच कमेटी को प्राचार्य द्वारा किसी भी तरह का सहयोग नहीं किया गया था. वहीं, जांच कमेटी को उनके द्वारा गुमराह भी किया जा रहा था.
एसवीएन कॉलेज भेजे गए: फिलहाल दिनेश प्रसाद सिन्हा को मगध यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार द्वारा जारी पत्र में निलंबित करने का आदेश है. दिनेश प्रसाद सिन्हा को निलंबन के दौरान एसवीएन कॉलेज दरहेटा लारी में सेवा देने का निर्देश दिया गया है. विदित हो कि गया कॉलेज के प्राचार्य के पद पर दिनेश प्रसाद सिन्हा विगत 18 जून 2018 को पदभार ग्रहण किए थे. पदभार ग्रहण करने के बाद प्रचार्य गया कॉलेज में विवादों को लेकर सुर्खियों में थे.
2018 से 2022 के बीच तीन बार दिया योगदान: इसके पूर्व में भी दिनेश प्रसाद सिन्हा को प्राचार्य पद से हटा दिया गया था, परंतु वह कोर्ट से आदेश लेकर प्राचार्य के पद पर काबिज हो गए थे. दिनेश प्रसाद सिन्हा को जब प्राचार्य पद से हटाया गया था, उस वक्त दीपक कुमार को गया कॉलेज का प्राचार्य बनाकर बैठाया गया था. कोर्ट के आदेश लेने के बाद प्रिंसिपल की कुर्सी पर दिनेश प्रसाद सिन्हा बैठ गए थे. इसके बाद अब विश्वविद्यालय ने 43 लाख रुपए गबन करने का आरोप लगाते हुए निलंबित कर दिया है.
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