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Gaya ANMMCH: 10 साल पहले सांसद निधि से मिली एंबुलेंस आजतक नहीं हुई इस्तेमाल, कबाड़ में तब्दील

बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बेहाल है. एक तरफ मरीजों को एंबुलेंस नहीं मिलने पर कई बार ठेला, रिक्शा पर लादकर परिजन अस्पताल पहुंचते हैं. वहीं दूसरी तरफ एंबुलेंस के रख रखाव के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. मामला मगध के सबसे बड़े अस्पताल एएनएमएमसीएच का है. पढ़ें पूरी खबर

Gaya ANMMCH
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Published : May 25, 2023, 1:40 PM IST

ANMMCH में सड़ रहे कई एंबुलेंस

गया: बिहार के गया में स्थित मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कई एंबुलेंस खराब हैं. इन खराब एंबुलेंस को मेंटेनेंस कराने के बजाय सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है. ऐसे तीन-चार एंबुलेंस अस्पताल के बाहर स्थान पर खुले में छोड़ दिए गए हैं. खराब पड़े एंबुलेंस की स्थिति दिन प्रतिदिन जर्जर होती जा रही है. विभागीय लापरवाही का खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है. सबसे बड़ी बात ये कि सांसद फंड से मिली एंबुलेंस दस साल तक खड़ी रही लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं हुआ और अब ये एंबुलेंस कबाड़ बन चुकी है.

पढ़ें- Bihar News: 23 जेलों के लिए CM ने रवाना किए एंबुलेंस, बंदियों को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा

सांसद फंड से मिला एंबुलेंस उपयोग में नहीं आ सका: खराब पड़े एंंएंबुलेंस में एक वह एंबुलेंस भी शामिल है, जो कि सांसद फंड से मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल को दिया गया था. दुर्भाग्य है कि इस एंबुलेंस का सालों से कोई उपयोग नहीं हो सका. इसे मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के गेट के समीप खड़ा रखा गया था. अब इसे भी किनारे पर लाकर रख दिया गया है और यह एंबुलेंस पूरी तरह से सड़ चुक है. इस एंबुलेंस अलावे कई और भी एंबुलेंस हैं, जो कि खुले में सड़ रहे हैं.

मरीजों को प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा: इससे मरीजों को काफी परेशानियां हो रही है. मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ रहा है. बिहार सरकार मरीजों को निशुल्क एंबुलेंस उपलब्ध कराने के दावे करती है, तो दूसरी ओर यह स्थिति व्याप्त है. मरीज और उनके साथ आने वाले परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वैसे मगध मेडिकल कॉलेज जैसे बड़े अस्पतालों में 10 एंबुलेंस कम ही कहे जा सकते हैं. वह भी उस स्थिति में जब एंबुलेंस में से कई एंबुलेंस खराब पड़े हों और उनका मेंटेनेंस सालों से नहीं किया जा रहा है.

तीन और एंबुलेंस की डिमांड: इस संबंध में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक प्रकाश सिंह ने बताया कि मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 10 एंबुलेंस हैं, जिसमें से 2 एंबुलेंस खराब हैं. इसके अलावा सांसद फंड से प्राप्त एंबुलेंस भी खराब पड़ा हुआ है. हमारी डिमांड है कि तीन और एंबुलेंस विभाग द्वारा दिए जाएं. हमारा अटैचमेंट एरिया काफी दूर-दूर तक है. सासाराम डिहरी, नवादा झारखंड तक मरीज या शव पहुंचाने जाते हैं. एंबुलेंस पर्याप्त नहीं हो पाता है. मगध मेडिकल कॉलेज मेडिको लीगल यानि कि पोस्टमार्टम एग्जामिनेशन का भी हब है. ऐसे में कई एंबुलेंस की और जरूरत है.

"कुछ एंबुलेंस खराब हैं. इन खराब पड़े एंबुलेंस को जल्द ही ठीक करा लिया जाएगा. इसके लिए संबंधित विभाग को अवगत कराया गया है. वहीं, तीन और एंबुलेंस जो कि नए होंगे, उसकी डिमांड की गई है."- प्रकाश सिंह, अधीक्षक, मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल

ANMMCH में सड़ रहे कई एंबुलेंस

गया: बिहार के गया में स्थित मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कई एंबुलेंस खराब हैं. इन खराब एंबुलेंस को मेंटेनेंस कराने के बजाय सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है. ऐसे तीन-चार एंबुलेंस अस्पताल के बाहर स्थान पर खुले में छोड़ दिए गए हैं. खराब पड़े एंबुलेंस की स्थिति दिन प्रतिदिन जर्जर होती जा रही है. विभागीय लापरवाही का खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है. सबसे बड़ी बात ये कि सांसद फंड से मिली एंबुलेंस दस साल तक खड़ी रही लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं हुआ और अब ये एंबुलेंस कबाड़ बन चुकी है.

पढ़ें- Bihar News: 23 जेलों के लिए CM ने रवाना किए एंबुलेंस, बंदियों को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा

सांसद फंड से मिला एंबुलेंस उपयोग में नहीं आ सका: खराब पड़े एंंएंबुलेंस में एक वह एंबुलेंस भी शामिल है, जो कि सांसद फंड से मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल को दिया गया था. दुर्भाग्य है कि इस एंबुलेंस का सालों से कोई उपयोग नहीं हो सका. इसे मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के गेट के समीप खड़ा रखा गया था. अब इसे भी किनारे पर लाकर रख दिया गया है और यह एंबुलेंस पूरी तरह से सड़ चुक है. इस एंबुलेंस अलावे कई और भी एंबुलेंस हैं, जो कि खुले में सड़ रहे हैं.

मरीजों को प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा: इससे मरीजों को काफी परेशानियां हो रही है. मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ रहा है. बिहार सरकार मरीजों को निशुल्क एंबुलेंस उपलब्ध कराने के दावे करती है, तो दूसरी ओर यह स्थिति व्याप्त है. मरीज और उनके साथ आने वाले परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वैसे मगध मेडिकल कॉलेज जैसे बड़े अस्पतालों में 10 एंबुलेंस कम ही कहे जा सकते हैं. वह भी उस स्थिति में जब एंबुलेंस में से कई एंबुलेंस खराब पड़े हों और उनका मेंटेनेंस सालों से नहीं किया जा रहा है.

तीन और एंबुलेंस की डिमांड: इस संबंध में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक प्रकाश सिंह ने बताया कि मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 10 एंबुलेंस हैं, जिसमें से 2 एंबुलेंस खराब हैं. इसके अलावा सांसद फंड से प्राप्त एंबुलेंस भी खराब पड़ा हुआ है. हमारी डिमांड है कि तीन और एंबुलेंस विभाग द्वारा दिए जाएं. हमारा अटैचमेंट एरिया काफी दूर-दूर तक है. सासाराम डिहरी, नवादा झारखंड तक मरीज या शव पहुंचाने जाते हैं. एंबुलेंस पर्याप्त नहीं हो पाता है. मगध मेडिकल कॉलेज मेडिको लीगल यानि कि पोस्टमार्टम एग्जामिनेशन का भी हब है. ऐसे में कई एंबुलेंस की और जरूरत है.

"कुछ एंबुलेंस खराब हैं. इन खराब पड़े एंबुलेंस को जल्द ही ठीक करा लिया जाएगा. इसके लिए संबंधित विभाग को अवगत कराया गया है. वहीं, तीन और एंबुलेंस जो कि नए होंगे, उसकी डिमांड की गई है."- प्रकाश सिंह, अधीक्षक, मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल

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