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Bihar AQI : बिहार में जहरीली हुई हवा, AQI का आंकड़ा देख बोले लोग- 'सब दावे फेल'

AQI Level In Gaya: बिहार में ठंड बढ़ने के साथ-साथ वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है. गया जिले के ग्रीन गया के दावे भी फेल हो रहे हैं. यहां का AQI लेवल 200 से ज्यादा हो गया है, जिसको लेकर लोगों में आक्रोश है. पढ़ें पूरी खबर...

गया में प्रदूषित हुई हवा
गया में प्रदूषित हुई हवा
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 2, 2023, 1:30 PM IST

Updated : Nov 2, 2023, 4:08 PM IST

देखें रिपोर्ट

गया: बिहार के गया जिले की हवा प्रदूषित हो गई है, जिससे जनजीवन प्रभावित होने लगा है. गया शहर का AQI लेवल सामान्य से बढ़कर 200 से ज्यादा हो गया है. AQI लेवल का सामान्य आंकड़ा बढ़ने की मुख्य वजह पुराने डीजल के वाहनों का चलना और कचरों का सही तरीके से निष्पादन नहीं किया जाना है. स्थानीय लोगों की मानें तो उनका कहना है कि ग्रीन गया के दावे फेल हो रहे है, जो वायु प्रदूषण की मुख्य वजह में शामिल है.

अस्पतालों के वेस्ट को नहीं हटाना: लोगों का कहना है कि निजी अस्पतालों से निकलने वाले कचरों को इधर-उधर फेंक दिया जाता है जिसके कारण प्रदूषण फैलता है. वहीं पराली का भी जलाया जाना प्रदूषण का एक कारण है. फिलहाल गया की हवा प्रदूषित हुई है, जो एक गंभीर समस्या के रूप में सामने आ सकती है. इससे लोग विभिन्न तरह की बिमारियों की चपेट में आ सकते हैं.

AQI लेवल बढ़ने से छोटे बच्चों पर असर: लोगों का कहना है कि हवा प्रदूषित होने के कारण छोटे बच्चों के सेहत पर इसका ज्यादा असर पड़ रहा है. हालांकि, फिलहाल गया शहर के सरकारी अस्पतालों में प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के ज्यादा मरीज नहीं आए हैं, लेकिन यह परेशानी आने वाले दिनों में बढ] सकती है, क्योंकि दीपावली भी आने वाली है. दीपावली में आतिशबाजी होती है, जिसके कारण वायुमंडल में हवा की गुणवत्ता प्रदूषित होती है.

लोगों को सांस लेने में समस्या: इस संबंध में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक विनोद शंकर बताते हैं कि वायुमंडल की गुणवत्ता खराब हुई है. ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह नुकसानदेह है. उनकी और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए मास्क पहनना शुरू करें. इन्फेक्शन की वजह से खांसी होती है, क्योंकि वायुमंडल में जो डस्ट तत्व रहते हैं, उनसे बचाव नहीं हो पता है और इसके कारण बीमारियां बढ़ती है. इससे बचाव के लिए मास्क का उपयोग करें.

"गया शहर की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि वायुमंडल की गुणवत्ता खराब हुई है. ऐसे में छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह नुकसानदेह है. उनकी सुरक्षा के लिए मास्क पहनना शुरू करें. मास्क नहीं पहनने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ सकती हैं. लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है. इसलिए अपने स्वास्थ्य का कास ख्याल रखें."- विनोद शंकर, अधीक्षक, मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल

ग्रीन गया के दावे फेल: इस संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि वायु प्रदूषण की वजह पहाड़ों का पेड़विहीन होना भी है. ग्रीन गया के दावे किए जाते हैं, लेकिन ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है. गया शहर में कई पहाड़ हैं, लेकिन उन पर पेड़ ही नहीं है, जबकि वन विभाग दावा करता है कि उसके द्वारा लाखों पेड़ लगाए गए हैं. यह सब जांच का विषय है, ताकि गया शहर की हवा स्वच्छ बनी रहे. गया एक अंतरराष्ट्रीय नगरी है और यहां की हवा का स्वच्छ बना रहना आवश्यक है.

पढ़ें: Air Pollution in Bihar: बिहार के शहरों में जहरीली होने लगी हवा, पटना में 256 तक पहुंचा AQI

देखें रिपोर्ट

गया: बिहार के गया जिले की हवा प्रदूषित हो गई है, जिससे जनजीवन प्रभावित होने लगा है. गया शहर का AQI लेवल सामान्य से बढ़कर 200 से ज्यादा हो गया है. AQI लेवल का सामान्य आंकड़ा बढ़ने की मुख्य वजह पुराने डीजल के वाहनों का चलना और कचरों का सही तरीके से निष्पादन नहीं किया जाना है. स्थानीय लोगों की मानें तो उनका कहना है कि ग्रीन गया के दावे फेल हो रहे है, जो वायु प्रदूषण की मुख्य वजह में शामिल है.

अस्पतालों के वेस्ट को नहीं हटाना: लोगों का कहना है कि निजी अस्पतालों से निकलने वाले कचरों को इधर-उधर फेंक दिया जाता है जिसके कारण प्रदूषण फैलता है. वहीं पराली का भी जलाया जाना प्रदूषण का एक कारण है. फिलहाल गया की हवा प्रदूषित हुई है, जो एक गंभीर समस्या के रूप में सामने आ सकती है. इससे लोग विभिन्न तरह की बिमारियों की चपेट में आ सकते हैं.

AQI लेवल बढ़ने से छोटे बच्चों पर असर: लोगों का कहना है कि हवा प्रदूषित होने के कारण छोटे बच्चों के सेहत पर इसका ज्यादा असर पड़ रहा है. हालांकि, फिलहाल गया शहर के सरकारी अस्पतालों में प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के ज्यादा मरीज नहीं आए हैं, लेकिन यह परेशानी आने वाले दिनों में बढ] सकती है, क्योंकि दीपावली भी आने वाली है. दीपावली में आतिशबाजी होती है, जिसके कारण वायुमंडल में हवा की गुणवत्ता प्रदूषित होती है.

लोगों को सांस लेने में समस्या: इस संबंध में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक विनोद शंकर बताते हैं कि वायुमंडल की गुणवत्ता खराब हुई है. ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह नुकसानदेह है. उनकी और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए मास्क पहनना शुरू करें. इन्फेक्शन की वजह से खांसी होती है, क्योंकि वायुमंडल में जो डस्ट तत्व रहते हैं, उनसे बचाव नहीं हो पता है और इसके कारण बीमारियां बढ़ती है. इससे बचाव के लिए मास्क का उपयोग करें.

"गया शहर की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि वायुमंडल की गुणवत्ता खराब हुई है. ऐसे में छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह नुकसानदेह है. उनकी सुरक्षा के लिए मास्क पहनना शुरू करें. मास्क नहीं पहनने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ सकती हैं. लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है. इसलिए अपने स्वास्थ्य का कास ख्याल रखें."- विनोद शंकर, अधीक्षक, मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल

ग्रीन गया के दावे फेल: इस संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि वायु प्रदूषण की वजह पहाड़ों का पेड़विहीन होना भी है. ग्रीन गया के दावे किए जाते हैं, लेकिन ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है. गया शहर में कई पहाड़ हैं, लेकिन उन पर पेड़ ही नहीं है, जबकि वन विभाग दावा करता है कि उसके द्वारा लाखों पेड़ लगाए गए हैं. यह सब जांच का विषय है, ताकि गया शहर की हवा स्वच्छ बनी रहे. गया एक अंतरराष्ट्रीय नगरी है और यहां की हवा का स्वच्छ बना रहना आवश्यक है.

पढ़ें: Air Pollution in Bihar: बिहार के शहरों में जहरीली होने लगी हवा, पटना में 256 तक पहुंचा AQI

Last Updated : Nov 2, 2023, 4:08 PM IST
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