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जापानी बुखार को लेकर गया प्रशासन मुस्तैद, बोले डॉक्टर- इससे बचने के लिए लोगों को रहना होगा सचेत

मगध क्षेत्र में हर साल जपानी बुखार से हजारों बच्चे ग्रसित होते हैं. इसको लेकर इस बार प्रशासन काफी अलर्ट है. इससे बचने के लिए प्रशासन टीकाकरण और जागरूकता अभियान चला रहा है.

गया
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Published : Jun 26, 2019, 2:34 PM IST

गया: चमकी बुखार से सैकड़ों बच्चों की मौत हो चुकी है. इसको लेकर पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है. गया भी साल 2002 में इस बिमारी से काफी प्रभावित था. लेकिन इस बार जिला प्रशासन इसको लेकर काफी अलर्ट है. इससे बचने के लिए डॉक्टर अजीत कुमार ने कहा कि लोगों को भी सचेत रहने की जरूरत है.

जापानी बुखार के वायरस बरसात में काफी सक्रिय हो जाते हैं. इससे हर साल हजारों बच्चे ग्रसित होते हैं. इसको लेकर इस बार प्रशासन काफी अलर्ट है. प्रशासन जापानी बुखार को लेकर टीकाकरण और जागरूकता अभियान चला रहा है. मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी इसको लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है.

आयुक्त पंकज कुमार पाल और डॉक्टर का बयान

जापानी बुखार को लेकर प्रशासन अलर्ट
मगध प्रमण्डल आयुक्त पंकज कुमार पाल ने बताया कि मगध क्षेत्र में बरसात के आगमन होते ही जापानी बुखार का असर देखने को मिलता है. इस वर्ष इस बीमारी को लेकर हमलोग मुस्तैद हैं. सभी स्तर की तैयारी पूरी कर ली गई है. मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी एईएस के इलाज के लिए पूरी तरह तैयार है. प्रभावित क्षेत्रों में टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है. इसके साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा.

ये हैं जापानी बुखार होने की वजह
वहीं, डॉक्टर अजीत कुमार ने जापानी बुखार के लक्षण और बचाव की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि :-

  • बरसात के मौसम में ही बच्चे जापानी बुखार से ज्यादा ग्रसित होते हैं.
  • यह बीमारी गांव में ज्यादा होती है.
  • जापानी बुखार संक्रमित मच्छरों से फैलने वाला विषाणु है.
  • वायरस संक्रमित मच्छरों के काटने से यह फैलता है.
  • धान के रोपनी समय ये मच्छर पैदा होते हैं.
  • सुअरों के रहने वाले स्थान पर भी ये मच्छर पैदा होते हैं.

इससे बचने के उपाय

  • बच्चों को धान की खेती से दूर रखिये.
  • घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें.
  • जलजमाव में किरासन तेल या मच्छर मारने वाला रसायन डालें.
  • बच्चों को पूरा कपड़ों से ढक कर रखें.
  • मच्छरदानी लगाकर ही सोएं.
  • बच्चों को हल्का बुखार होने पर भी तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं.

इसके ये हैं लक्षण :

  • अचानक सिर दर्द होना
  • तेज बुखार
  • दिमाग मे सूजन होना
  • गर्दन सीधा रहना
  • गर्दन घुमाने में बहुत दर्द होना

गया: चमकी बुखार से सैकड़ों बच्चों की मौत हो चुकी है. इसको लेकर पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है. गया भी साल 2002 में इस बिमारी से काफी प्रभावित था. लेकिन इस बार जिला प्रशासन इसको लेकर काफी अलर्ट है. इससे बचने के लिए डॉक्टर अजीत कुमार ने कहा कि लोगों को भी सचेत रहने की जरूरत है.

जापानी बुखार के वायरस बरसात में काफी सक्रिय हो जाते हैं. इससे हर साल हजारों बच्चे ग्रसित होते हैं. इसको लेकर इस बार प्रशासन काफी अलर्ट है. प्रशासन जापानी बुखार को लेकर टीकाकरण और जागरूकता अभियान चला रहा है. मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी इसको लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है.

आयुक्त पंकज कुमार पाल और डॉक्टर का बयान

जापानी बुखार को लेकर प्रशासन अलर्ट
मगध प्रमण्डल आयुक्त पंकज कुमार पाल ने बताया कि मगध क्षेत्र में बरसात के आगमन होते ही जापानी बुखार का असर देखने को मिलता है. इस वर्ष इस बीमारी को लेकर हमलोग मुस्तैद हैं. सभी स्तर की तैयारी पूरी कर ली गई है. मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी एईएस के इलाज के लिए पूरी तरह तैयार है. प्रभावित क्षेत्रों में टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है. इसके साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा.

ये हैं जापानी बुखार होने की वजह
वहीं, डॉक्टर अजीत कुमार ने जापानी बुखार के लक्षण और बचाव की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि :-

  • बरसात के मौसम में ही बच्चे जापानी बुखार से ज्यादा ग्रसित होते हैं.
  • यह बीमारी गांव में ज्यादा होती है.
  • जापानी बुखार संक्रमित मच्छरों से फैलने वाला विषाणु है.
  • वायरस संक्रमित मच्छरों के काटने से यह फैलता है.
  • धान के रोपनी समय ये मच्छर पैदा होते हैं.
  • सुअरों के रहने वाले स्थान पर भी ये मच्छर पैदा होते हैं.

इससे बचने के उपाय

  • बच्चों को धान की खेती से दूर रखिये.
  • घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें.
  • जलजमाव में किरासन तेल या मच्छर मारने वाला रसायन डालें.
  • बच्चों को पूरा कपड़ों से ढक कर रखें.
  • मच्छरदानी लगाकर ही सोएं.
  • बच्चों को हल्का बुखार होने पर भी तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं.

इसके ये हैं लक्षण :

  • अचानक सिर दर्द होना
  • तेज बुखार
  • दिमाग मे सूजन होना
  • गर्दन सीधा रहना
  • गर्दन घुमाने में बहुत दर्द होना
Intro:बिहार में चमकी बुखार से सेकड़ो बच्चों का मौत हो गया, चमकी बुखार का असर अभी तक जारी हैं। लेकिन चमकी बुखार का असर गर्मी के मौसम तक रहता है। जैसे ही बारिश का मौसम आता है इसका असर खत्म होने लगता हैं। चमकी का असर तो बारिश पड़ने पर कम होता लेकिन बारिश के मौसम में जापानी बुखार का असर दिखने लगता हैं। गया में 2002 से ये बीमारी बच्चों को अपने चपेट में लेकर अब तक हजारो माँ का गोद सुना कर दिया है। इस वर्ष में मगध क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल तैयार हैं प्रशासन की ओर से टीकाकरण और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।


Body:बिहार में आफत का बादल छंटने का नाम नही ले रहा है इस वर्ष के गर्मी में लू और चमकी बुखार से पूरे बिहार सैकड़ो लोग मर गए। गर्मी की तपशी कम हुई मानसून के पहली बारिश बिहार में पड़ा है। ये बारिश उतरी बिहार के लिए खुशी का सौगात हैं लेकिन दक्षिण बिहार के लिए आफत हैं। बारिश के मौसम आते ही जापानी बुखार का वायरस एक्टिव हो जाता है और बच्चों को अपने चपेट में ले लेता है। अब तक हजारो बच्चों का जान मगध क्षेत्र में जापानी बुखार से चला गया है। हालांकि इस वर्ष मगध प्रमंडलीय आयुक्त का दावा हैं कि इस बार किसी भी बच्चे का जान नही जाएगी , जिला स्वास्थ्य समिति और मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल इसका तैयारी कर लिया है।

मगध प्रमण्डल आयुक्त पंकज कुमार पाल ने बताया मगध क्षेत्र में बारिश के आगमन होते ही जापानी बुखार का असर देखने को मिलता हैं। इस वर्ष इस बीमारी से लड़ने के हमलोग मुस्तेद हैं। सारी स्तर की तैयारी पूरी कर ली गयी हैं। मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी JES के पीड़ितों इलाज के लिए तैयार हैं। प्रभावित क्षेत्रों में टीकाकरण का कार्य चल रहा है साथ ही विभिन्न तरह का जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।

एक तरफ जिला प्रशासन अपने स्तर से दावा कर रही है हम तैयार हैं वही विशेषज्ञ डॉक्टर का कहना है प्रशासन के साथ खुद से इसका बचाव कीजिये। गया के बेलागंज समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुख्य चिकित्सक विशेषज्ञ डॉक्टर अजीत कुमार ने जापानी बुखार के लक्षण और बचाव का जानकारी दी।

डॉक्टर अजीत ने बताया जापानी बुखार इस मौसम में बच्चों को अपने चपेट में लेता है। ये बीमारी गांव के क्षेत्र में ज्यादा होता हैं। जापानी बुखार संक्रमित मच्छरों से फैलने वाला विषाणु हैं। यह वायरस संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता हैं। अभी धान की रोपणी शुरू होने वाला है उस वक़्त ये मच्छर पैदा हो जाते है। दूसरा सुअर जहां रहते हैं वहाँ ये मच्छर पैदा होते है। ये बरसात के मौसम में अधिक होता हैं।

जापानी बुखार के लक्षण अचानक सिर दर्द होना, तेज बुखार, दिमाग मे सूजन होना और गर्दन सीधा रहना। गर्दन घुमाने बहुत दर्द करना ये इसका मुख्य लक्षण हैं।

आप अगर चाहते हैं आपके बच्चों को जापानी बुखार नही हो तो बच्चों को धान की खेती से दूर रखिये, घर के आसपास जलजमाव नही होने दे , अगर जलजमाव हैं उसमें किरासन तेल या मच्छर मरने वाला रसायन डाल दीजिए। बच्चों को फूल बांह कपड़ा पहनाए व मच्छर दानी लगाकर सोए। बच्चा को अगर हल्का बुखार लगे तो तुरन्त नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र ले जाये।



Conclusion:
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